रांची: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अनुबंधकर्मियों को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने सुनवाई के दौरान मुख्य रूप से कहा कि इस मिशन में विभिन्न पदों पर काम करने वाले अनुबंधकर्मियों की सेवा फिलहाल समाप्त नहीं होगी. झारखंड हाई कोर्ट ने कौसर आजाद और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है. जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. प्रार्थी के अधिवक्ता को आश्वस्त करते हुए अदालत ने कहा कि इस मिशन में काम कर रहे किसी भी अनुबंधकर्मियों की सेवा इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक नहीं समाप्त की जा सकती.
यह भी पढ़ें : एसपी अमरजीत बलिहार के हत्यारे की फांसी की सजा पर हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अनुबंधकर्मियों का अनुबंध 31 दिसंबर 2021 को समाप्त हो गया है. लेकिन सरकार इनका अनुबंध नहीं बढ़ा रही है. बिना अनुबंध बढ़ाए राज्य के 522 कर्मियों से काम कराया जा रहा है. अनुबंध के विस्तार के लिए कर्मचारी आंदोलन भी कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में विभिन्न पदों पर 522 अनुबंधकर्मी काम कर रहे थे. पिछले साल 31 दिसंबर को उनका अनुबंध समाप्त हो गया. लेकिन अभी तक उनका अनुबंध बढ़ाया नहीं गया है. बिना अनुबंध बढ़ाए ही उनसे काम लिया जा रहा है. सरकार से अनुबंध बढ़ाने की मांग की गयी है.
प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि सरकार नयी नियुक्ति भी अनुबंध पर कर रही है. जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि पहले से कार्यरत अनुबंधकर्मियों की सेवा समाप्त कर अनुबंध पर दोबारा नयी नियुक्ति नहीं की जा सकती. लेकिन राज्य सरकार पूर्व से कार्यरत कर्मियों को हटाते हुए उन्हीं के स्थान पर नए स्तर से नियुक्ति की प्रक्रिया कर रही है जो गलत है. इसके बाद अदालत ने सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करते हुए कार्यरत अनुबंधकर्मियों को मामले की सुनवाई पूरी होने तक नहीं हटाने का निर्देश दिया.