रांची: झारखंड हाई कोर्ट के नयायाधीश संजय प्रसाद की अदालत में कोयला रिलीज करने के मामले (Coal Release Case Seized by Dhanbad police) में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान धनबाद एसएसपी और सरायढेला थाना प्रभारी सशरीर हाजिर हुए. अदालत के आदेश के आलोक में थाना प्रभारी की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश किया गया. अदालत ने जवाब देखने के बाद कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए थाना प्रभारी को फटकार लगाई और फिर से जवाब पेश करने को कहा.
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धनबाद एसएसपी और थाना प्रभारी को कड़ी फटकार: शपथ पत्र के माध्यम से थाना प्रभारी की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि पुराना थाना भवन तोड़कर और इनके सामानों को हटाकर नया स्मार्ट थाना भवन बनाया गया. जिसे 18 जून 2020 से उपयोग में लाया जाने लगा है. नया थाना भवन के निर्माण के दौरान थाना परिसर में पड़े उक्त कांड का कोयला थाना परिसर के पीछे दबा हुआ है, जिसका कुछ अंश दिखाई पड़ता है. कोर्ट ने शपथ पत्र और सरायढेला थाना प्रभारी के इस जवाब पर कड़ी नाराजगी जताते हुए धनबाद एसएसपी और थाना प्रभारी को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने उनके शपथ पत्र को अस्वीकृत कर नया शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी.
इससे पहले की सुनवाई में भी कोर्ट हुई थी नाराज: मामले की पूर्व में सुनवाई के दौरान शपथ पत्र में थाना इंचार्ज के द्वारा कोयला रिलीज किए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी थी. सिर्फ ट्रक रिलीज करने के बारे में कोर्ट को बताया गया. जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए अपने मौखिक टिप्पणी में कहा कि कोयला रिलीज के बारे में कोर्ट ने शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था लेकिन, ट्रक रिलीज करने के बारे में पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है. यह भी कहा कि कोर्ट ने इस संबंध में सरायढेला थाना इंचार्ज को गत 4 अगस्त को ही शपथ दाखिल करने को कहा था लेकिन, उनकी ओर से 23 सितंबर को को शपथ पत्र दाखिल किया गया है.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, मामला ट्रक में 32 टन रखे हुए कोयला को रिलीज करने से जुड़ा है. 2 मई 2012 को धनबाद में इसे अवैध कोयला बताते हुए पुलिस ने जब्त कर लिया था. मामले को लेकर सरायढेला थाना में कांड संख्या 427/ 2012 दर्ज की गई थी. धनबाद सीजेएम की अदालत ने 2 अप्रैल 2018 को प्रार्थी की रिहाई का आदेश दिया था. जिसके बाद प्रार्थी ने कोयला रिलीज के लिए अदालत में पिटीशन डाला था. जिसे धनबाद की निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद कोयला रिलीज को लेकर प्रार्थी राज चौहान ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल की है. इस मामले में प्रार्थी की ओर से प्रत्यूष लाला और दीपक साहू ने पैरवी की.