रांची: माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति के मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत दोनों पक्षों को 15 दिसंबर से पूर्व अपना लिखित जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई जनवरी के प्रथम सप्ताह में होगी.
प्रोन्नति के लिए B.Ed डिग्री का होना अनिवार्य
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पदोन्नति के मामले में दिए गए एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि एकल पीठ में जो सुनवाई हुई थी, उसमें सरकार के पक्ष की अनदेखी कर पदोन्नति के बिंदु पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था, जबकि सरकार की ओर से बताया गया था कि साल 2004 में झारखंड सरकार ने नियम जारी किया था, जिसमें पदोन्नति के लिए B.Ed डिग्री का होना अनिवार्य बताया गया था.
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15 दिसंबर तक लिखित जवाब पेश करने का आदेश
वहीं, याचिकाकर्ता का कहना था कि यह पूर्व से ही पदोन्नति दी जानी है, इसलिए सरकार की ओर से बनाए गए 1983 के नियम के अनुसार, उन्हें पदोन्नति दी जाए. 1983 में जो नियम था, उसमें बीपीईडी की डिग्री भी पदोन्नति के लिए मान्य की गई थी, इसलिए नए नियम लागू नहीं की जाए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत सरकार को पदोन्नति पर निर्णय लेने का आदेश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया था. एकल पीठ के उसी आदेश को सरकार एलपीए के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों को 15 दिसंबर तक लिखित जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए जनवरी के प्रथम सप्ताह में होगी.