रांची: धनबाद में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के मामले में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार, बीसीसीएल और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. अदालत ने अपने जवाब में सभी को यह बताने को कहा है कि वायु प्रदूषण कम करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं. चार सप्ताह में सभी को शपथ पत्र के माध्यम से अद्यतन बिंदुवार और विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश अदालत ने दिया है.
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस संबंध में ग्रामीण एकता मंच के द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि धनबाद में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. कोयला खदानों और दूसरी कंपनियों से काफी प्रदूषण हो रहा है. नदियों का जल भी दूषित हो रहा है. लोग बीमार भी हो रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदूषण की स्थिति में सुधार के लिए कई कंपनियों को धनबाद के बाहर स्थानांतरित किया गया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बताया गया कि प्रदूषण स्तर कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.
30 सितंबर को अगली सुनवाई
बता दें कि एक संस्था के द्वारा प्रदूषित शहरों की सूची प्रकाशित की गई थी, जिसमें धनबाद को प्रदूषित शहरों में बताया गया था. उसके बाद धनबाद शहर को प्रदूषण मुक्त करने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सभी पक्षों को जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.