रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अधिक अंक लाने वाले को सिविल सेवा नहीं दी गई, जबकि कम अंक प्राप्त करने वाले को सिविल सेवा दी गई, इसलिए इस परीक्षा परिणाम को निरस्त कर दिया जाए और फिर से परिणाम घोषित किया जाए. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने याचिकाकर्ता के इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि छठी जेपीएससी में सभी कुछ नियम के अनुकूल हुआ है, सरकार ने जो नियम निर्धारित किया है, उस नियम के अनुसार सेवा का बंटवारा किया गया है.
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हाई कोर्ट में छठी जेपीएससी परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर शुक्रवार को पूरे दिन सुनवाई होती रही. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि परीक्षा की प्रक्रिया में कई तरह की अनियमितताएं हैं. इसलिए इस परीक्षा के परिणाम को निरस्त कर दिया जाए. अदालत ने प्रार्थी के पक्ष को सुनकर उसकी सुनवाई की प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए बचे हुए प्रार्थी की सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तिथि निर्धारित की है. मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी.