रांची: झारखंड हाई कोर्ट राजधानी रांची के कांके स्थित वधशाला में मीट दुकानदारों का अपने जानवर ले जाकर वहां कटवाने और इसके बाद अपने दुकानों में मीट बेचने के रांची नगर निगम के आदेश (RMC order issued for meat shopkeepers in Ranchi) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई.
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मामले की सुनवाई के उपरांत अदालत ने रांची नगर निगम के आदेश पर रोक जारी रखी है. कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा है कि रांची नगर निगम और राज्य सरकार मिलकर इसका समाधान निकालें अन्यथा कोर्ट चुप नहीं बैठेगा. रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि वधशाला में जानवरों को काटने से पहले क्या प्रोसीजर होगा, उसका संकल्प तैयार कर गजट प्रकाशित करने के लिए राज्य सरकार को भेजा गया है. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि कांके के वधशाला में मीट कटने के संबंध में उसका क्या स्टैंड है. सरकार को यह शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश दिया है.
निगम ने क्या कहा है: पूर्व में सुनवाई के दौरान निगम की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि कांके स्थित वधशाला में जानवरों को काटने के पहले डॉक्टरों के द्वारा उनका चेकअप किया जाएगा, यह देखा जाएगा कि जानवरों को कोई बीमारी तो नहीं है. इससे लोगों को स्वच्छ मीट उपलब्ध होगा. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि रांची नगर निगम ने एक आदेश निकाला है, जिसके तहत सभी मीट दुकानदार कांके स्थित वधशाला में ही अपने जानवरों को काटने के लिए ले जाएंगे. ऐसा नहीं करने वाले दुकानदारों से 2 हजार जुर्माना वसूला जाएगा.
किसने दी निगम के आदेश को चुनौती: पूर्व में ही कोर्ट ने रांची नगर निगम के इस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसे फिलहाल जारी रखा गया है. दरअसल, कुरैशी पंचायत एंड शॉपकीपर वेलफेयर सोसाइटी की ओर से याचिका दाखिल कर कहा गया है कि कांके स्थित वधशाला में जानवरों को काटने से संबंधी नगर निगम के आदेश सही नहीं है, क्योंकि मीट दुकानदार उतनी दूर नहीं जा सकेंगे.