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जानिए, मंत्री रामेश्वर उरांव के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने क्या दिया निर्देश

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Published : Feb 8, 2022, 10:46 PM IST

मंत्री रामेश्वर उरांव के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई. जिसमें मंत्री की ओर से अधिवक्ता मामले में जवाब पेश करने के लिए अदालत से समय की मांग की. कोर्ट ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए जवाब पेश करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है. मंत्री की याचिका को पूर्व विधायक सुखदेव भगत ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

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मंत्री रामेश्वर उरांव

रांचीः झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार के वित्त मंत्री लोहरदगा से विधायक रामेश्वर उरांव के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मंत्री की ओर से अधिवक्ता मामले में जवाब पेश करने के लिए अदालत से समय की मांग की. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए जवाब पेश करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है. मंत्री की याचिका को पूर्व विधायक सुखदेव भगत ने झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

इसे भी पढ़ें- रामेश्वर उरांव को झारखंड हाई कोर्ट का नोटिस, मंत्री के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब देने का निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के द्वारा पूर्व में मंत्री को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा था. हाई कोर्ट के उस नोटिस के बाद मंत्री की ओर से अधिवक्ता अदालत में उपस्थित होकर जवाब पेश करने के लिए समय की मांग की, जिसमें हाई कोर्ट ने उन्हें समय दिया है. पूर्व में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी थी कि झारखंड सरकार के मंत्री लोहरदगा से विधायक रामेश्वर उरांव चुनाव नॉमिनेशन दायर करने के समय कई तथ्य को छुपाया है, जो गलत है. इसलिए विधायक की सदस्यता को रद्द की जाए. प्रार्थी के अधिवक्ता के दलील सुनने के बाद अदालत ने उनकी याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत करते हुए. मंत्री रामेश्वर उरांव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश दिया था.

वहीं मामले की सुनवाई के दौरान लोहरदगा जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा लोहरदगा विधानसभा चुनाव में उपयोग में लाए गए ईवीएम जो स्ट्रांग रूम में रखा है. उस ईवीएम को रिलीज करने के लिए अदालत से आग्रह की गयी, उस बिंदु पर अदालत में सुनवाई हुई. जिस पर पूर्व विधायक सुखदेव भगत की ओर से भी मामले में जवाब पेश करने के लिए समय की मांग की. अदालत ने उन्हें समय देते हुए 4 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.


यहां बता दें कि वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव में लोहरदगा विधानसभा सीट से मंत्री रामेश्वर उरांव चुनाव जीत कर विधायक बने है. उसी विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुखदेव भगत ने मंत्री पर भ्रष्ट आचरण अपना कर जीत दर्ज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह आरोप लगाया कि मंत्री ने नॉमिनेशन के समय कई तथ्य छुपाए हैं, जो गलत है. इसलिए उनके चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, उस याचिका पर सुनवाई हुई.

कांग्रेस नेता सुखदेव भगत कुछ समय के लिए भारतीय जनता पार्टी में चले गए थे. बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी एक-दसरे के खिलाफ लड़े थे. लेकिन उनका मन वहां नहीं लगा, फिलहाल सुखदेव भगत फिर कांग्रेस पार्टी में वापस आए हैं. इसलिए यह मामला अब दिलचस्प हो गया है. अब देखना अहम होगा कि एक दल में रहते हुए. अदालत में दायर यह केस लड़ेंगे या फिर सुलह किया जाएगा, यह समय बताएगा.

रांचीः झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार के वित्त मंत्री लोहरदगा से विधायक रामेश्वर उरांव के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मंत्री की ओर से अधिवक्ता मामले में जवाब पेश करने के लिए अदालत से समय की मांग की. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए जवाब पेश करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है. मंत्री की याचिका को पूर्व विधायक सुखदेव भगत ने झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के द्वारा पूर्व में मंत्री को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा था. हाई कोर्ट के उस नोटिस के बाद मंत्री की ओर से अधिवक्ता अदालत में उपस्थित होकर जवाब पेश करने के लिए समय की मांग की, जिसमें हाई कोर्ट ने उन्हें समय दिया है. पूर्व में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी थी कि झारखंड सरकार के मंत्री लोहरदगा से विधायक रामेश्वर उरांव चुनाव नॉमिनेशन दायर करने के समय कई तथ्य को छुपाया है, जो गलत है. इसलिए विधायक की सदस्यता को रद्द की जाए. प्रार्थी के अधिवक्ता के दलील सुनने के बाद अदालत ने उनकी याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत करते हुए. मंत्री रामेश्वर उरांव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश दिया था.

वहीं मामले की सुनवाई के दौरान लोहरदगा जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा लोहरदगा विधानसभा चुनाव में उपयोग में लाए गए ईवीएम जो स्ट्रांग रूम में रखा है. उस ईवीएम को रिलीज करने के लिए अदालत से आग्रह की गयी, उस बिंदु पर अदालत में सुनवाई हुई. जिस पर पूर्व विधायक सुखदेव भगत की ओर से भी मामले में जवाब पेश करने के लिए समय की मांग की. अदालत ने उन्हें समय देते हुए 4 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.


यहां बता दें कि वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव में लोहरदगा विधानसभा सीट से मंत्री रामेश्वर उरांव चुनाव जीत कर विधायक बने है. उसी विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुखदेव भगत ने मंत्री पर भ्रष्ट आचरण अपना कर जीत दर्ज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह आरोप लगाया कि मंत्री ने नॉमिनेशन के समय कई तथ्य छुपाए हैं, जो गलत है. इसलिए उनके चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, उस याचिका पर सुनवाई हुई.

कांग्रेस नेता सुखदेव भगत कुछ समय के लिए भारतीय जनता पार्टी में चले गए थे. बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी एक-दसरे के खिलाफ लड़े थे. लेकिन उनका मन वहां नहीं लगा, फिलहाल सुखदेव भगत फिर कांग्रेस पार्टी में वापस आए हैं. इसलिए यह मामला अब दिलचस्प हो गया है. अब देखना अहम होगा कि एक दल में रहते हुए. अदालत में दायर यह केस लड़ेंगे या फिर सुलह किया जाएगा, यह समय बताएगा.

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