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असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नियमावली मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई, 25 अप्रैल तक सभी विश्वविद्यालयों से मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नियमावली बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में मात्र 2 विश्वविद्यालयों ने ही अपना जवाब दाखिल किया है. इसे लेकर अदालत ने नाराजगी जाहिर की है.

Hearing in jharkhand High Court on matter of appointment of Assistant Professor
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Apr 5, 2021, 10:25 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में राज्य सरकार की ओर से विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नियमावली बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में मात्र 2 विश्वविद्यालयों ने ही अपना जवाब दाखिल किया है. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, बाकी बचे सभी विश्वविद्यालय 25 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल कर दें, अन्यथा कोर्ट उनपर जुर्माना लगाएगी.

इसे भी पढ़ें: रांची सदर अस्पताल मामले में 6 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, मुख्य सचिव होंगे हाजिर

डॉ. तस्लीम आरिफ ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि, विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए सरकार की ओर से नियमावली नहीं बनाई जा सकती है. सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है. यह अधिकार विश्वविद्यालय के पास है. ऐसे में सरकार के नियमावली को रद्द कर देना चाहिए. पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य के 7 विश्वविद्यालयों से जवाब मांगा था, लेकिन अभी मात्र 2 विश्वविद्यालयों ने ही जवाब दाखिल किया है. साल 2018 में सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई थी. इसके बाद विश्वविद्यालयों में करीब 100 से ज्यादा पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में राज्य सरकार की ओर से विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नियमावली बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में मात्र 2 विश्वविद्यालयों ने ही अपना जवाब दाखिल किया है. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, बाकी बचे सभी विश्वविद्यालय 25 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल कर दें, अन्यथा कोर्ट उनपर जुर्माना लगाएगी.

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डॉ. तस्लीम आरिफ ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि, विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए सरकार की ओर से नियमावली नहीं बनाई जा सकती है. सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है. यह अधिकार विश्वविद्यालय के पास है. ऐसे में सरकार के नियमावली को रद्द कर देना चाहिए. पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य के 7 विश्वविद्यालयों से जवाब मांगा था, लेकिन अभी मात्र 2 विश्वविद्यालयों ने ही जवाब दाखिल किया है. साल 2018 में सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई थी. इसके बाद विश्वविद्यालयों में करीब 100 से ज्यादा पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है.

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