रांची: धनबाद के शिक्षक रवि उरांव के मामले में दायर अवमाननाबाद याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार की स्कूली शिक्षा अधिकारी के कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है.
ये भी पढ़ें-तालाबों की घटती संख्या पर हाई कोर्ट गंभीर, नगर सचिव, स्वास्थ्य सचिव और आरएमसी के कमिश्नर तलब
स्कूली शिक्षा सचिव को अदालत में हाजिर होने का आदेश
अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश को अधिकारी हल्के में लेते हैं. आदेश के अनुपालन करने में आनाकानी करते रहते हैं. ऐसे में बेवजह अधिकारी अदालत के समय को ही बर्बाद करते हैं. अदालत ने स्कूली शिक्षा सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है. उन्हें 26 मार्च को सुनवाई के दौरान उपस्थित होकर कोर्ट की ओर से पूछे गए प्रश्नों का जवाब देने को कहा गया है.
हाई कोर्ट में अवमाननाबाद याचिका दायर
धनबाद के रवि उरांव को शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था. बाद में उनके स्नातक प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. विभाग की ओर से सेवा बर्खास्त किए जाने को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट की एकल पीठ ने साल 2018 में राज्य सरकार को पुनः प्रार्थी को नियुक्त करने का आदेश दिया था. 3 साल पूर्व झारखंड हाई कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का अनुपालन नहीं होने के बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में अवमाननाबाद याचिका दायर की.
ये भी पढ़ें-हाई कोर्ट ने पूछा, रांची के हिनू में नदी पर कैसे बना होटल? जवाब दें RMC
अदालत ने व्यक्त की नाराजगी
उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में अधिकारी को शो कॉज जारी कर पूछा गया था कि उन पर अवमाननाबाद का मामला क्यों नहीं चलाया जाए? अधिकारी की ओर से दिए गए जवाब पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए स्कूली शिक्षा सचिव को 26 मार्च को अदालत में उपस्थित होकर जवाब पेश करने को कहा है.