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सीटी स्कैन मशीन खरीद घोटाला मामले में हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, अदालत ने याचिका किया खारिज

बुधवार को सीटी स्कैन मशीन खरीद घोटाला मामले में धनबाद पीएमसीएच तत्कालीन अध्यक्ष के याचिका पर सुनवाई की गई. जहां सुनवाई के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी.

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सीटी स्कैन मशीन खरीद घोटाला मामले में सुनवाई.
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Published : Aug 26, 2020, 7:56 PM IST

रांची: पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद में सीटी स्कैन मशीन की खरीद घोटाला मामले में आरोपी तत्कालीन अधीक्षक डॉक्टर शरद चंद्र दास को हाई कोर्ट ने किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार करते हुए उनकी क्रिमिनल कवैशिंग याचिका को खारिज कर दिया है.

सीटी स्कैन मशीन खरीद घोटाला मामले में सुनवाई.
सीटी स्कैन मशीन की खरीदी में घोटालाझारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद के तत्कालीन अधीक्षक सिटी स्कैन मशीन खरीद घोटाला में आरोपी डॉक्टर शरद चंद्र दास की क्रिमिनल कवैशिंग याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और निगरानी के अधिवक्ता टीएन वर्मा ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत डॉक्टर शरद चंद्र दास की क्रिमिनल कवैशिंग याचिका को खारिज कर दिया.

निगरानी जांचल में सामने आई अनियमितता
सुनवाई के दौरान निगरानी के अधिवक्ता टीएन वर्मा ने बताया कि वर्ष 2003 और 2004 में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक से इन्होंने जापानी कंपनी से सीटी स्कैन मशीन खरीदी जिसमें कई अनियमितता किए जो निगरानी जांच में सामने आया है. उन्होंने बताया कि बघेल क्रय समिति की अनुशंसा के इन्होंने मशीन खरीदा इतना ही नहीं इन्हें भारतीय मुद्रा में भुगतान करना चाहिए था, लेकिन इन्होंने जापानी मुद्रा में उसका भुगतान किया. इस तरह के कई बातें यह सिद्ध करता है कि डॉ. दास कंपनी को लाभ पहुंचाने में बहुत ही मदद की है इसलिए इनकी याचिका को खारिज कर दिया जाए. अदालत ने उनके दलील पर संतुष्टि जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि विभागीय कार्रवाई में इन्हें निर्दोष करार दिया गया है, इसलिए इनके ऊपर जो एफआईआर दर्ज किया गया यह गलत है.

इसे भी पढ़ें-AICC ने 'धरोहर' नाम से चौथा वीडियो श्रृंखला की जारी, कांग्रेस हमेशा किसानों की आवाज बनती आई हैः रामेश्वर उरांव

अधीक्षक पर किया गया मामला दर्ज
बता दें कि वर्ष 2003 और 2004 में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन मशीन जापानी कंपनी से खरीद किया गया था, उस खरीद में कई अनियमितताएं देखी गई, बाद में उसके जांच निगरानी से करवाई गई, निगरानी जांच में कई बातें सामने आया. उसके बाद अधीक्षक पर मामला दर्ज किया गया. उसी के विरोध में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, उस याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत डॉक्टर दास की याचिका को खारिज कर दिया है.

रांची: पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद में सीटी स्कैन मशीन की खरीद घोटाला मामले में आरोपी तत्कालीन अधीक्षक डॉक्टर शरद चंद्र दास को हाई कोर्ट ने किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार करते हुए उनकी क्रिमिनल कवैशिंग याचिका को खारिज कर दिया है.

सीटी स्कैन मशीन खरीद घोटाला मामले में सुनवाई.
सीटी स्कैन मशीन की खरीदी में घोटालाझारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद के तत्कालीन अधीक्षक सिटी स्कैन मशीन खरीद घोटाला में आरोपी डॉक्टर शरद चंद्र दास की क्रिमिनल कवैशिंग याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और निगरानी के अधिवक्ता टीएन वर्मा ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत डॉक्टर शरद चंद्र दास की क्रिमिनल कवैशिंग याचिका को खारिज कर दिया.

निगरानी जांचल में सामने आई अनियमितता
सुनवाई के दौरान निगरानी के अधिवक्ता टीएन वर्मा ने बताया कि वर्ष 2003 और 2004 में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक से इन्होंने जापानी कंपनी से सीटी स्कैन मशीन खरीदी जिसमें कई अनियमितता किए जो निगरानी जांच में सामने आया है. उन्होंने बताया कि बघेल क्रय समिति की अनुशंसा के इन्होंने मशीन खरीदा इतना ही नहीं इन्हें भारतीय मुद्रा में भुगतान करना चाहिए था, लेकिन इन्होंने जापानी मुद्रा में उसका भुगतान किया. इस तरह के कई बातें यह सिद्ध करता है कि डॉ. दास कंपनी को लाभ पहुंचाने में बहुत ही मदद की है इसलिए इनकी याचिका को खारिज कर दिया जाए. अदालत ने उनके दलील पर संतुष्टि जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि विभागीय कार्रवाई में इन्हें निर्दोष करार दिया गया है, इसलिए इनके ऊपर जो एफआईआर दर्ज किया गया यह गलत है.

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अधीक्षक पर किया गया मामला दर्ज
बता दें कि वर्ष 2003 और 2004 में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन मशीन जापानी कंपनी से खरीद किया गया था, उस खरीद में कई अनियमितताएं देखी गई, बाद में उसके जांच निगरानी से करवाई गई, निगरानी जांच में कई बातें सामने आया. उसके बाद अधीक्षक पर मामला दर्ज किया गया. उसी के विरोध में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, उस याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत डॉक्टर दास की याचिका को खारिज कर दिया है.

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