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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई कल - रांची न्यूज

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा मामले में शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सीएम ने जनप्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन कर खनन पट्टा अपने नाम आवंटित किया है.

Hearing in Jharkhand High Court on Chief Minister Hemant Soren mining lease case
Hearing in Jharkhand High Court on Chief Minister Hemant Soren mining lease case
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Published : May 12, 2022, 5:09 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते हुए खनन पट्टा लेने के आरोप में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध किया गया है. फिलहाल सबकी नजरें शुक्रवार को होने वाली हाई कोर्ट की कार्यवाही पर टिकी हुई है. दोनों ओर से जवाब पेश किया जा चुका है. देखना अहम होगा कि अब अदालत क्या फैसला सुनाती है?

पूर्व में हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत में खनन पट्टा अपने नाम लेने के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री और खनन विभाग के भी मंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. मुख्यमंत्री और खनन मंत्री रहते हुए खनन पट्टा अपने नाम करने को लेकर याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उस याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के डबल बेंच में सुनवाई हुई थी. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा था. अदालत के उसी आदेश के आलोक में दोनों पक्षों की ओर से जवाब पेश किया गया है.

झारखंड हाइ कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के फिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी थी. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पीआईएल दाखिल की थी. प्रार्थी की ओर से इस जनहित याचिका में कहा गया था कि हेमंत सोरेन खनन मंत्री, मुख्यमंत्री और वन पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं. उन्होंने स्वंय पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया था और खनन पट्टा हासित किया है. ऐसा करना पद का दुरुपयोग है और जनप्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है. इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करायी जाये. साथ ही प्रार्थी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग भी कोर्ट से की थी. प्रार्थी ने हाइकोर्ट से मांग की थी कि अदालत राज्यपाल को यह निर्देश दे कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के खिलाफ प्राथमिकी के लिए अभियोजन स्वीकृति प्रदान करें.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते हुए खनन पट्टा लेने के आरोप में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध किया गया है. फिलहाल सबकी नजरें शुक्रवार को होने वाली हाई कोर्ट की कार्यवाही पर टिकी हुई है. दोनों ओर से जवाब पेश किया जा चुका है. देखना अहम होगा कि अब अदालत क्या फैसला सुनाती है?

पूर्व में हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत में खनन पट्टा अपने नाम लेने के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री और खनन विभाग के भी मंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. मुख्यमंत्री और खनन मंत्री रहते हुए खनन पट्टा अपने नाम करने को लेकर याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उस याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के डबल बेंच में सुनवाई हुई थी. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा था. अदालत के उसी आदेश के आलोक में दोनों पक्षों की ओर से जवाब पेश किया गया है.

झारखंड हाइ कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के फिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी थी. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पीआईएल दाखिल की थी. प्रार्थी की ओर से इस जनहित याचिका में कहा गया था कि हेमंत सोरेन खनन मंत्री, मुख्यमंत्री और वन पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं. उन्होंने स्वंय पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया था और खनन पट्टा हासित किया है. ऐसा करना पद का दुरुपयोग है और जनप्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है. इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करायी जाये. साथ ही प्रार्थी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग भी कोर्ट से की थी. प्रार्थी ने हाइकोर्ट से मांग की थी कि अदालत राज्यपाल को यह निर्देश दे कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के खिलाफ प्राथमिकी के लिए अभियोजन स्वीकृति प्रदान करें.

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