रांची: टेरर फंडिंग मामले में आधुनिक पावर के पूर्व जनरल मैनेजर संजय जैन की अपील याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने पूरे मामले को दूसरे सक्षम बेंच को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई शीघ्र ही सक्षम बेंच गठित कर की जाएगी.
टेरर फंडिंग मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई
गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधिश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में संजय जैन की याचिका पर टेरर फंडिंग मामले में आंशिक सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से हो रही सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील, सरकार के अधिवक्ता और एनआईए( National Investigation Agency) के अधिवक्ताओं ने अपना-अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले की सुनवाई करने से इनकार करते हुए दूसरे सक्षम बेंच को गठित करने का निर्देश दिया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल ये पूरा मामला सीसीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय को लेकर लेवी वसूली से संबंधित है. इस मामले में एनआईए ने सीसीएलकर्मी सुभान खान समेत 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में लिखा था कि टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध और आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था. इसमें ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन को ठेका मिला था. इसमें मिली राशि का बड़ा हिस्सा टीएसपीसी को जाता था.
कौन कौन हैं आरोपी?
बता दें कि, टेरर फंडिंग मामले में 23 अगस्त 2019 को आधुनिक पावर के पूर्व जीएम संजय जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू, सीसीएल कर्मी सुभान खान, टीएसपीसी नक्सली बिंदेश्वर गंझू, प्रदीप राम, अजय सिंह भोक्ता, विनोद गंझू, मुनेश गंझू और बीरबल गंझू के खिलाफ आरोप तय किया था. सभी आरोपी जेल में हैं. एनआईए ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. उसी मामले में संजय जैन की ओर झारखंड हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई थी जिस पर गुरूवार को सुनवाई हुई थी.