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डायन बिसाही के नाम पर हत्या मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से पूछा- डायन बिसाही से कैसे मुक्त हो झारखंड? - झारखंड हाई कोर्ट न्यूज

गुमला में 5 लोगों की डायन बताकर हत्या कर दी गई थी. डायन के नाम पर झारखंड में बढ़ रहे लगातार हत्या को रोकने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार के जवाब पर असंतुष्टि जाहिर की है. मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को तय की गई है.

Hearing in Jharkhand High Court in murder case in name of witch
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Mar 18, 2021, 7:12 PM IST

रांची: डायन के नाम पर झारखंड में बढ़ रहे लगातार हत्या को रोकने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार के जवाब पर असंतुष्टि व्यक्त करते हुए फिर से जवाब पेश करने को कहा है.

देखें पूरी खबर

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अदालत ने पूछा कि, राज्य सरकार के सिर्फ एक्ट बना देने से क्या होगा? धरातल पर क्या काम हुई है? अब तक इस तरह की वारदात को रोकने के लिए क्या-क्या किया गया है? उन्होंने कहा है कि राज्य में जो डायन बता कर हत्या की जा रही है. इस पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. इसके लिए लोगों में जागरूकता चलाने की भी जरूरत है. उन्होंने झालसा को निर्देश देते हुए यह कहा कि, इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अभी तक क्या क्या कदम उठाया गया है? इसपर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब देने को कहा है. स्कूल के बच्चों को भी जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि नहीं? पारा लीगल वालंटियर से भी जागरूकता फैलाने में मदद ली जा रही है या नहीं? साथ ही अधिवक्ताओं को भी जागरूकता फैलाने के लिए आगे होना चाहिए. समाज में जब तक जागरूकता नहीं फैलाई जाएगी तब तक इस तरह के मामले पर अंकुश लगाना मुश्किल प्रतीत होती है. मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को तय की गई है.

समाज कल्याण विभाग के सचिव को उपस्थित होने का आदेश
सुनवाई के दौरान समाज कल्याण विभाग के सचिव को भी उपस्थित रहने को कहा है. मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने बताया कि, इस तरह के डायन बिसाही के मामले को रोकने के लिए सरकार कई तरह के कार्य कर रही है. इसके लिए सरकार के द्वारा एक एक्ट भी बनाया गया है. उसके बाद सेमिनार का भी आयोजन लगातार किया जा रहा है. महाधिवक्ता के जवाब पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, सिर्फ एक्ट बना देने से क्या होगा? धरातल पर क्या-क्या कार्य हो रहा है? यह बताना होगा.


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गुमला में 5 लोगों की हुई थी हत्या

गुमला के 5 लोगों की डायन बताकर हत्या होने की खबर स्थानीय समाचार में प्रकाशित होने पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. उसी मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा था. राज्य सरकार के द्वारा पेश किए गए जवाब पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए फिर से 8 अप्रैल तक राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

रांची: डायन के नाम पर झारखंड में बढ़ रहे लगातार हत्या को रोकने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार के जवाब पर असंतुष्टि व्यक्त करते हुए फिर से जवाब पेश करने को कहा है.

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अदालत ने पूछा कि, राज्य सरकार के सिर्फ एक्ट बना देने से क्या होगा? धरातल पर क्या काम हुई है? अब तक इस तरह की वारदात को रोकने के लिए क्या-क्या किया गया है? उन्होंने कहा है कि राज्य में जो डायन बता कर हत्या की जा रही है. इस पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. इसके लिए लोगों में जागरूकता चलाने की भी जरूरत है. उन्होंने झालसा को निर्देश देते हुए यह कहा कि, इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अभी तक क्या क्या कदम उठाया गया है? इसपर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब देने को कहा है. स्कूल के बच्चों को भी जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि नहीं? पारा लीगल वालंटियर से भी जागरूकता फैलाने में मदद ली जा रही है या नहीं? साथ ही अधिवक्ताओं को भी जागरूकता फैलाने के लिए आगे होना चाहिए. समाज में जब तक जागरूकता नहीं फैलाई जाएगी तब तक इस तरह के मामले पर अंकुश लगाना मुश्किल प्रतीत होती है. मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को तय की गई है.

समाज कल्याण विभाग के सचिव को उपस्थित होने का आदेश
सुनवाई के दौरान समाज कल्याण विभाग के सचिव को भी उपस्थित रहने को कहा है. मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने बताया कि, इस तरह के डायन बिसाही के मामले को रोकने के लिए सरकार कई तरह के कार्य कर रही है. इसके लिए सरकार के द्वारा एक एक्ट भी बनाया गया है. उसके बाद सेमिनार का भी आयोजन लगातार किया जा रहा है. महाधिवक्ता के जवाब पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, सिर्फ एक्ट बना देने से क्या होगा? धरातल पर क्या-क्या कार्य हो रहा है? यह बताना होगा.


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गुमला में 5 लोगों की हुई थी हत्या

गुमला के 5 लोगों की डायन बताकर हत्या होने की खबर स्थानीय समाचार में प्रकाशित होने पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. उसी मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा था. राज्य सरकार के द्वारा पेश किए गए जवाब पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए फिर से 8 अप्रैल तक राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

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