रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दलबदल मामले (Babulal defection case) में स्पीकर के न्यायाधिकरण में फैसला सुरक्षित रखे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार 13 दिसंबर को सुनवाई हुई. मामले में शिकायतकर्ता कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह (Congress MLA Deepika Pandey Singh) की ओर से बहस जारी रही. बुधवार को भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी.
ये भी पढ़ें- बाबूलाल दलबदल मामलाः हाई कोर्ट ने विधायक दीपिका पांडे सिंह को पक्ष रखने का दिया समय, अगली सुनवाई 30 को
इससे पूर्व पिछली सुनवाई के दौरान झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाईकोर्ट के जजमेंट को प्रस्तुत किया गया था. कहा गया कि स्पीकर के न्यायाधिकरण में जब तक कोई आदेश बाबूलाल मरांडी के मामले में न हो जाए तब तक झारखंड हाई कोर्ट इस रिट को नहीं सुन सकता है. यह याचिका मेंटेनेबल नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए. संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का न्यायाधिकरण किसी विधायक को डिसक्वालीफाई करने के निर्णय लेने में सक्षम है. हाई कोर्ट इसमें इंटरफेयर नहीं कर सकता है. यह भी कहा गया की किसी राजनीतिक दल का विलय करना या न करना यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है.
वहीं, प्रार्थी की ओर से कहा गया था कि बिना गवाही कराये ही स्पीकर के न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रखा है. स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के मामले में अलग-अलग तरीके से सुनवाई हो रही है, जो अनुचित है. प्रार्थी की ओर वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह और अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने पैरवी की.