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कांके डैम में हो रहे अतिक्रमण पर झारखंड हाई कोर्ट सख्त, अतिक्रमणकारियों की मांगी लिस्ट - कांके डैम में अतिक्रमण

कांके डैम में हो रहे अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने रांची डीसी और नगर आयुक्त से कई सवाल पूछे. मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.

Hearing in High Court on PIL filed for encroachment in Kanke Dam
Hearing in High Court on PIL filed for encroachment in Kanke Dam
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Published : Jan 22, 2021, 10:56 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने कांके, हटिया डैम और अन्य जल स्रोतों पर हो रहे अतिक्रमण पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को तत्काल इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है. मामले में रांची डीसी और नगर निगम के आयुक्त को जवाब पेश करने को कहा गया है.

देखें पूरी खबर

वर्तमान में कितनी जमीन

रांची डीसी और नगर आयुक्त से अदालत ने पूछा है कि कांके और हटिया डैम निर्माण के समय कितनी जमीन अधिग्रहित की गई थी? कितने जमीन को जल क्षेत्र बनाया गया था? वर्तमान में कितनी जमीन है? कितने पर अतिक्रमण किया गया है? उन्होंने कहा कि अधिकारी डरें नहीं, अदालत को अतिक्रमण करने वाले की सूची दें. कोर्ट कड़े आदेश पारित करेगी. अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाएगा.

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सेटेलाइट से ली गई तस्वीर अदालत के सामने पेश
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कांके डैम में हो रहे अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सेटेलाइट से ली गई तस्वीर अदालत के सामने पेश की गयी. अदालत ने तस्वीर देखने के बाद मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह से जल संकट पर चर्चा हो रही है, इस पर हमें विचार करना चाहिए. आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण का भी काम किया जाना चाहिए. अदालत ने यह माना कि जिस तरह से अतिक्रमण हो रहा है बाद में सरकार को इसे बचाना असंभव हो जाएगा. अदालत ने रांची डीसी और नगर निगम के आयुक्त को कांके डैम के बारे में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

अधिकारियों को अदालत में सूची पेश करने का आदेश

अदालत ने अधिकारी को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि वह तत्काल देखें कि कांके डैम की कितनी जमीन बची हुई है? कितने पर अतिक्रमण हुआ है? अतिक्रमण करने वाले पर क्या कार्रवाई की गई है या क्या कार्रवाई की जा रही है? अदालत ने रांची नगर निगम के आयुक्त को एक सर्वे करके कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने को कहा है. उन्होंने कहा है कि कांके डैम में कितनी जमीन अधिकृत की गई थी? कितनी जमीन वर्तमान में कांके डैम में है? कांके डैम का कैचमेंट कितना है? क्या कैचमेंट एरिया में भी अतिक्रमण किया गया है? कितने कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण किया गया है? उन्होंने अधिकारियों को इसकी सूची अदालत में पेश करने को कहा है और अदालत उस पर अपना आदेश पारित करेगा.

ये भी पढ़ें-एक ऐसी कुर्सी जिस पर बैठकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस घंटों करते थे मंथन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट


19 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि कांके डैम में हो रहे अतिक्रमण को लेकर राजीव कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि जिस तरह से अतिक्रमण हो रहा है कुछ दिनों बाद गंभीर जल संकट उत्पन्न हो जाएगी. दिनों-दिन कांके डैम का केचमेंट एरिया घटते जा रहा है. इसलिए इस पर सरकार को निर्णय लेना चाहिए. अदालत ने रांची डीसी और नगर आयुक्त को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने कांके, हटिया डैम और अन्य जल स्रोतों पर हो रहे अतिक्रमण पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को तत्काल इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है. मामले में रांची डीसी और नगर निगम के आयुक्त को जवाब पेश करने को कहा गया है.

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वर्तमान में कितनी जमीन

रांची डीसी और नगर आयुक्त से अदालत ने पूछा है कि कांके और हटिया डैम निर्माण के समय कितनी जमीन अधिग्रहित की गई थी? कितने जमीन को जल क्षेत्र बनाया गया था? वर्तमान में कितनी जमीन है? कितने पर अतिक्रमण किया गया है? उन्होंने कहा कि अधिकारी डरें नहीं, अदालत को अतिक्रमण करने वाले की सूची दें. कोर्ट कड़े आदेश पारित करेगी. अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाएगा.

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सेटेलाइट से ली गई तस्वीर अदालत के सामने पेश
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कांके डैम में हो रहे अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सेटेलाइट से ली गई तस्वीर अदालत के सामने पेश की गयी. अदालत ने तस्वीर देखने के बाद मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह से जल संकट पर चर्चा हो रही है, इस पर हमें विचार करना चाहिए. आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण का भी काम किया जाना चाहिए. अदालत ने यह माना कि जिस तरह से अतिक्रमण हो रहा है बाद में सरकार को इसे बचाना असंभव हो जाएगा. अदालत ने रांची डीसी और नगर निगम के आयुक्त को कांके डैम के बारे में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

अधिकारियों को अदालत में सूची पेश करने का आदेश

अदालत ने अधिकारी को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि वह तत्काल देखें कि कांके डैम की कितनी जमीन बची हुई है? कितने पर अतिक्रमण हुआ है? अतिक्रमण करने वाले पर क्या कार्रवाई की गई है या क्या कार्रवाई की जा रही है? अदालत ने रांची नगर निगम के आयुक्त को एक सर्वे करके कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने को कहा है. उन्होंने कहा है कि कांके डैम में कितनी जमीन अधिकृत की गई थी? कितनी जमीन वर्तमान में कांके डैम में है? कांके डैम का कैचमेंट कितना है? क्या कैचमेंट एरिया में भी अतिक्रमण किया गया है? कितने कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण किया गया है? उन्होंने अधिकारियों को इसकी सूची अदालत में पेश करने को कहा है और अदालत उस पर अपना आदेश पारित करेगा.

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19 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि कांके डैम में हो रहे अतिक्रमण को लेकर राजीव कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि जिस तरह से अतिक्रमण हो रहा है कुछ दिनों बाद गंभीर जल संकट उत्पन्न हो जाएगी. दिनों-दिन कांके डैम का केचमेंट एरिया घटते जा रहा है. इसलिए इस पर सरकार को निर्णय लेना चाहिए. अदालत ने रांची डीसी और नगर आयुक्त को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.

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