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मेडिकल में नामांकन पर रोक वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई, 9 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 विद्यार्थियों के मेडिकल में नामांकन पर रोक लगाने को लेकर झारखंड हाइ कोर्ट में याचिका दायर की गयी है. मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी.

Hearing in High Court on petition prohibiting enrollment in medical
मेडिकल में नामांकन पर रोक वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई
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Published : Dec 7, 2020, 8:03 PM IST

रांची: बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 विद्यार्थियों के मेडिकल में नामांकन पर रोक लगाने को लेकर झारखंड हाइ कोर्ट में याचिका दायर की गयी है. मामले में कोर्ट ने संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पार्षद को पिटीशन की कॉपी देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी.

विवेक कुमार नाम के व्यक्ति ने मामले में याचिका दायर की है. हाइ कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. अधिवक्ता रश्मि ने अदालत को बताया कि नीट की ओर से मेडिकल में नामांकन को लेकर परीक्षा आयोजित की गयी. नीट एप्लीकेशन नंबर से जांच करने पर पता चला कि बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 स्टूडेंट ने झारखंड कोटे में भी नामांकन को लेकर यहां का आवासीय प्रमाण पत्र संलग्न किया है, जिनकी काउंसलिंग भी हो चुकी है.

ये भी पढ़ें-फिर विवादों में घिरा जेपीएससी, हाई कोर्ट के शरण में पहुंचे डीएसपीएमयू के रजिस्ट्रार

इस दौरान कहा गया है कि कोई भी स्टूडेंट 2 राज्यों में एक साथ आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ नहीं ले सकते हैं. नियम में भी है. बिहार के आवसीय प्रमाण पत्र वाले ऐसे छात्रों का नामांकन झारखंड कोटे में होता है तो झारखंड के छात्र उपेक्षित हो जाएंगे. बिहार के अभ्यर्थी दोहरा फायदा उठायेंगे. ऐसे में दोहरा लाभ लेने वाले विद्यार्थियों के नामांकन पर रोक लगायी जाये.

रांची: बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 विद्यार्थियों के मेडिकल में नामांकन पर रोक लगाने को लेकर झारखंड हाइ कोर्ट में याचिका दायर की गयी है. मामले में कोर्ट ने संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पार्षद को पिटीशन की कॉपी देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी.

विवेक कुमार नाम के व्यक्ति ने मामले में याचिका दायर की है. हाइ कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. अधिवक्ता रश्मि ने अदालत को बताया कि नीट की ओर से मेडिकल में नामांकन को लेकर परीक्षा आयोजित की गयी. नीट एप्लीकेशन नंबर से जांच करने पर पता चला कि बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 स्टूडेंट ने झारखंड कोटे में भी नामांकन को लेकर यहां का आवासीय प्रमाण पत्र संलग्न किया है, जिनकी काउंसलिंग भी हो चुकी है.

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