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जल स्रोतों पर अतिक्रमण को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई, 6 बिंदु पर शपथपत्र पेश करने को कहा - Petition filed against encroachment on ponds

रांची में कांके डैम, हटिया डैम एवं अन्य जल स्रोतों पर अतिक्रमण को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने कहा कि अगर राज्य सरकार सही से जवाब नहीं देती है, तो जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वे कराया जा सकता है.

झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Feb 18, 2021, 10:17 PM IST

रांची: कांके डैम, हटिया डैम एवं अन्य जल स्रोतों पर अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. रांची नगर निगम द्वारा दायर शपथपत्र पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पूर्व में दिए गए 6 बिंदु पर बिंदुवार विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

यह भी पढ़ेंः बड़ा तालाब का मुद्दा उठाने वाली अधिवक्ता को मिली धमकी, झारखंड हाईकोर्ट ने सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने के दिए निर्देश

अदालत ने राज्य सरकार और आरएमसी को यह बताने को कहा है कि, रांची में कितने क्षेत्र में जल स्रोत थे? वर्तमान में कितने क्षेत्र में जल स्रोत हैं? कांके डैम का केचमेंट एरिया कितना था? वर्तमान में कितना है? पहले हटिया डैम का केचमेंट एरिया कितना था और वर्तमान में कितना है? इस पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में जल स्रोत पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

अदालत में सुनवाई के दौरान आरएमसी द्वारा दायर किए गए शपथ पत्र को देखकर अदालत ने कहा कि, यह कैसा शपथ पत्र है जिसमें यह लिखा ही नहीं गया है कि पूर्व में किस तिथि को कितना जल क्षेत्र था और वर्तमान कितना जल क्षेत्र है और कितना अतिक्रमण कर लिया गया है?

अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कुछ किया गया है? क्या कदम उठाए गए हैं? अदालत ने चेतावनी देते हुए राज्य सरकार को कहा कि, अगर राज्य सरकार सही से जवाब नहीं देती है तो अदालत जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वे करा सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भी पहले से अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है.

रांची: कांके डैम, हटिया डैम एवं अन्य जल स्रोतों पर अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. रांची नगर निगम द्वारा दायर शपथपत्र पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पूर्व में दिए गए 6 बिंदु पर बिंदुवार विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

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अदालत ने राज्य सरकार और आरएमसी को यह बताने को कहा है कि, रांची में कितने क्षेत्र में जल स्रोत थे? वर्तमान में कितने क्षेत्र में जल स्रोत हैं? कांके डैम का केचमेंट एरिया कितना था? वर्तमान में कितना है? पहले हटिया डैम का केचमेंट एरिया कितना था और वर्तमान में कितना है? इस पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में जल स्रोत पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

अदालत में सुनवाई के दौरान आरएमसी द्वारा दायर किए गए शपथ पत्र को देखकर अदालत ने कहा कि, यह कैसा शपथ पत्र है जिसमें यह लिखा ही नहीं गया है कि पूर्व में किस तिथि को कितना जल क्षेत्र था और वर्तमान कितना जल क्षेत्र है और कितना अतिक्रमण कर लिया गया है?

अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कुछ किया गया है? क्या कदम उठाए गए हैं? अदालत ने चेतावनी देते हुए राज्य सरकार को कहा कि, अगर राज्य सरकार सही से जवाब नहीं देती है तो अदालत जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वे करा सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भी पहले से अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है.

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