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उर्दू शिक्षक नियुक्ति मामले में सुनवाई, प्रार्थी को अपना पक्ष रखने का निर्देश

राज्य में हाई स्कूलों में उर्दू शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सरकार और जेएसएससी के जवाब पर प्रार्थी को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.

Hearing in High Court in Urdu teacher appointment case in ranchi
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Feb 2, 2021, 3:01 AM IST

Updated : Feb 2, 2021, 5:05 AM IST

रांचीः राज्य में हाई स्कूलों में उर्दू शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के जवाब पर अपना प्रतिउत्तर अदालत में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 1 मार्च को तय की गई है.

जानकारी देते अधिवक्ता
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हाई स्कूल में उर्दू शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अधिवक्ता संजय कुमार पिपरवाल ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में हाई स्कूल की नियुक्ति में उर्दू शिक्षक के कई पद रिक्त हैं, जो पद मध्य विद्यालय के शिक्षक के लिए आरक्षित किए गए थे, उसमें मध्य विद्यालय के शिक्षक चयनित नहीं हुए, जिसके कारण वह पद रिक्त है. उसी रिक्त पदों पर बचे हुए शिक्षक की नियुक्ति करने की बात कही गई है, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार और आयोग के जवाब पर प्रार्थी को अपना प्रतिउत्तर सौंपने का निर्देश दिया है.

इसे भी पढ़ें- रामेश्वर उरांव के बयान के समर्थन में केंद्रीय सरना समिति, सच्चाई से बाहरी लोगों के पेट में दर्द हो रहा


याचिकाकर्ता सफी आलम और इजहार आलम ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि वर्ष 2016 में हाई स्कूल में उर्दू पदों पर नियुक्ति के दौरान 25% पद मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए आरक्षित कर दिया गया था. उस पद पर सिर्फ मध्य विद्यालय में पूर्व से कार्यरत शिक्षक ही चयनित किए जा सकते थे. लेकिन वह पद रिक्त है, इसलिए उस पद पर कट ऑफ में जो नीचे हैं, उन्हें नियुक्त किया जाना चाहिए. उसी मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने पूर्व में राज्य सरकार और आयोग से जवाब मांगा था. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग ने जवाब पेश किया है. अदालत ने राज्य सरकार को जवाब की प्रति प्रार्थी को देने का निर्देश दिया है. साथ ही प्रार्थी को सरकार के जवाब पर अपना पक्ष रखने को कहा है.

रांचीः राज्य में हाई स्कूलों में उर्दू शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के जवाब पर अपना प्रतिउत्तर अदालत में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 1 मार्च को तय की गई है.

जानकारी देते अधिवक्ता
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हाई स्कूल में उर्दू शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अधिवक्ता संजय कुमार पिपरवाल ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में हाई स्कूल की नियुक्ति में उर्दू शिक्षक के कई पद रिक्त हैं, जो पद मध्य विद्यालय के शिक्षक के लिए आरक्षित किए गए थे, उसमें मध्य विद्यालय के शिक्षक चयनित नहीं हुए, जिसके कारण वह पद रिक्त है. उसी रिक्त पदों पर बचे हुए शिक्षक की नियुक्ति करने की बात कही गई है, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार और आयोग के जवाब पर प्रार्थी को अपना प्रतिउत्तर सौंपने का निर्देश दिया है.

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याचिकाकर्ता सफी आलम और इजहार आलम ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि वर्ष 2016 में हाई स्कूल में उर्दू पदों पर नियुक्ति के दौरान 25% पद मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए आरक्षित कर दिया गया था. उस पद पर सिर्फ मध्य विद्यालय में पूर्व से कार्यरत शिक्षक ही चयनित किए जा सकते थे. लेकिन वह पद रिक्त है, इसलिए उस पद पर कट ऑफ में जो नीचे हैं, उन्हें नियुक्त किया जाना चाहिए. उसी मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने पूर्व में राज्य सरकार और आयोग से जवाब मांगा था. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग ने जवाब पेश किया है. अदालत ने राज्य सरकार को जवाब की प्रति प्रार्थी को देने का निर्देश दिया है. साथ ही प्रार्थी को सरकार के जवाब पर अपना पक्ष रखने को कहा है.

Last Updated : Feb 2, 2021, 5:05 AM IST
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