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धनबाद जज उत्तम आनंद हत्याकांड की सुनवाई, हाई कोर्ट ने सीबीआई से पूछा, किस प्रावधान के तहत जांच जारी

dhanbad judge uttam anand हत्या मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई. कोर्ट ने सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट को देखा और पूछा कि अभियुक्तों को सजा मिलने के बाद भी जांच क्यों रखी गई है.

dhanbad judge uttam anand murder case
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Published : Aug 12, 2022, 3:55 PM IST

रांचीः धनबाद जिला जज उत्तम आनंद(dhanbad judge uttam anand) हत्या की जांच पर झारखंड हाई कोर्ट (jharkhand high court) द्वारा लिए गए स्वत संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से प्रगति रिपोर्ट पेश की गई. खंडपीठ ने सीबीआई की रिपोर्ट को देखने के बाद पूछा कि किस प्रावधान के तहत सीबीआई की विशेष अदालत से दो अभियुक्तों को सजा मिलने के बाद भी जांच जारी रखी गई है. मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के (jharkhand high court) मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई. कोर्ट में बताया गया कि मामले के दो अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा दी गई है. सीबीआई मामले में वृहत षड्यंत्र को देखते हुए जांच जारी रखे हुई है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि जब इस मामले में ट्रायल पूरा हो गया है. तब सीबीआई किस प्रावधान के तहत जांच जारी रखे हुई है.

बता दे कि धनबाद सीबीआई की विशेष अदालत ने 6 अगस्त को दोषी राहुल वर्मा और लखन वर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही ट्रायल कोर्ट ने धनबाद डालसा को यह निर्देश दिया है कि दिवंगत जज उत्तम आनंद(dhanbad judge uttam anand) के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाये. यह फैसला दिवंगत जज उत्तम आनंद हत्याकांड की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज रजनीकांत पाठक ने सुनाया है. इससे पहले 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद की पहली पुण्यतिथि के मौके पर ही कोर्ट ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को दोषी ठहराया था. इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना, या अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप तय किए गए थे.

रांचीः धनबाद जिला जज उत्तम आनंद(dhanbad judge uttam anand) हत्या की जांच पर झारखंड हाई कोर्ट (jharkhand high court) द्वारा लिए गए स्वत संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से प्रगति रिपोर्ट पेश की गई. खंडपीठ ने सीबीआई की रिपोर्ट को देखने के बाद पूछा कि किस प्रावधान के तहत सीबीआई की विशेष अदालत से दो अभियुक्तों को सजा मिलने के बाद भी जांच जारी रखी गई है. मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के (jharkhand high court) मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई. कोर्ट में बताया गया कि मामले के दो अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा दी गई है. सीबीआई मामले में वृहत षड्यंत्र को देखते हुए जांच जारी रखे हुई है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि जब इस मामले में ट्रायल पूरा हो गया है. तब सीबीआई किस प्रावधान के तहत जांच जारी रखे हुई है.

बता दे कि धनबाद सीबीआई की विशेष अदालत ने 6 अगस्त को दोषी राहुल वर्मा और लखन वर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही ट्रायल कोर्ट ने धनबाद डालसा को यह निर्देश दिया है कि दिवंगत जज उत्तम आनंद(dhanbad judge uttam anand) के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाये. यह फैसला दिवंगत जज उत्तम आनंद हत्याकांड की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज रजनीकांत पाठक ने सुनाया है. इससे पहले 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद की पहली पुण्यतिथि के मौके पर ही कोर्ट ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को दोषी ठहराया था. इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना, या अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप तय किए गए थे.

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