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रांची: CUJ के निलंबित कर्मचारी के मामले में हुई सुनवाई, अदालत ने दिए ये निर्देश

सीयूजे के निलंबित पदाधिकारी के मामले में एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए उन्हें आजीविका भत्ता देने का निर्देश झारखंड हाई कोर्ट ने दिया है. अदालत ने सीयूजे की अपील पर सुनवाई करते हुए सीयूजे को निर्देश दिया कि सुनवाई लंबित रहने तक चिकित्सा पदाधिकारी को अजीविका भत्ता दिया जाए.

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Published : Jun 24, 2020, 11:50 PM IST

झारखंड हाई कोर्ट
jharkhand highcourt

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने सीयूजे के निलंबित पदाधिकारी के मामले में एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए उन्हें आजीविका भत्ता देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने सीयूजे की अपील पर सुनवाई करते हुए सीयूजे को निर्देश दिया कि सुनवाई लंबित रहने तक चिकित्सा पदाधिकारी को अजीविका भत्ता दिया जाए.

ये भी पढ़ें: रिटायर्ड कर्नल जेके सिंह ने दोबारा देश सेवा करने की जताई इच्छा, वरीय अधिकारी को लिखा पत्र

इस मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी. दरअसल, सीयूजे चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ईश्वरचंद्र विद्यासागर को निलंबित कर दिया गया. उन्होंने एकलपीठ में याचिका दाखिल की, जहां पर एकलपीठ ने प्रार्थी को राहत देते हुए सीयूजे के निलंबन के आदेश को निरस्त कर दिया. इसके बाद सीयूजे ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील याचिका दाखिल की. सीयूजे की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने पक्ष रखा.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने सीयूजे के निलंबित पदाधिकारी के मामले में एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए उन्हें आजीविका भत्ता देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने सीयूजे की अपील पर सुनवाई करते हुए सीयूजे को निर्देश दिया कि सुनवाई लंबित रहने तक चिकित्सा पदाधिकारी को अजीविका भत्ता दिया जाए.

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इस मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी. दरअसल, सीयूजे चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ईश्वरचंद्र विद्यासागर को निलंबित कर दिया गया. उन्होंने एकलपीठ में याचिका दाखिल की, जहां पर एकलपीठ ने प्रार्थी को राहत देते हुए सीयूजे के निलंबन के आदेश को निरस्त कर दिया. इसके बाद सीयूजे ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील याचिका दाखिल की. सीयूजे की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने पक्ष रखा.

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