रांची: छठी जेपीएससी के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार और जेपीएससी को 4 हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने जेपीएससी को यह बताने को कहा है कि जब सभी विषय में अलग-अलग क्वालीफाइंग मार्क्स होने थे तो किस परिस्थिति में जेपीएससी ने सभी विषय के प्राप्तांक को जोड़कर क्वालीफाइंग मार्क्स तय किया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में छठी जेपीएससी के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से मामले की सुनवाई की. जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पीपरवाल और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार और जेपीएससी को 4 हफ्ते में अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
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सभी विषयों को जोड़कर क्वालीफाइंग मार्क्स तय
अदालत ने पूछा है कि जेपीएससी ने सभी विषय को जोड़कर क्वालीफाइंग मार्क्स क्यों किया है? अलग-अलग विषय में क्वालीफाइंग मार्क्स क्यों नहीं तय किया है? सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जेपीएससी को नियमानुसार सभी विषय में अलग-अलग क्वालीफाइंग मार्क्स तय करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने सभी को जोड़कर क्वालीफाइंग मार्क्स तय किया है, जो कि गलत है. जेपीएससी की ओर से बताया गया कि सरकार के आदेश के आलोक में जेपीएससी ने सभी विषयों को जोड़कर क्वालीफाइंग मार्क्स तय किया है.
4 हफ्ते बाद होगी सुनवाई
बता दें कि याचिकाकर्ता कृष्ण मुरारी चौबे ने छठी जेपीएससी के रिजल्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने जेपीएससी और सरकार को अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.