रांची: निर्दलीय विधायक सरयू राय और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बीच कोविड प्रोत्साहन राशि मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरयू राय ने सीएम को दोबारा पत्र लिखकर दावा किया है कि मंत्री बन्ना गुप्ता ने पद का दुरूपयोग कर अपात्र स्वास्थ्यकर्मियों के नाम कोविड प्रोत्साहन राशि जारी करने का आदेश दिया है. उनके कहने पर 60 में से 54 कर्मियों के खाते में प्रोत्साहन राशि जा चुकी है. लिहाजा, मंत्री को बर्खास्त कर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
इसपर मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरयू राय का नाम लिए बगैर कहा कि वह न्यायिक प्रक्रिया का सहारा लेंगे. उन्होंने संविधान पर भरोसा जताते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में जाते ही जनता के बीच सारी बातें परत दर परत खुल जाएंगी. आपको बता दें कि न्यायिक प्रक्रिया में जाने वाली बात कहने से पहले मंत्री बन्ना गुप्ता ने नैतिकता पर अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अगर मेरी अंतरआत्मा ने कह दिया कि मैंने पद का दुरूपयोग किया है तो मैं एक पल गंवाए बिना मंत्री पद छोड़ दूंगा.
बन्ना गुप्ता ने कहा कि जिस डाल पर दाने हजार लगे उसी डाल पर निशाने चार लगे. लोग मेरी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. मैं इससे डरने वाला नहीं हूं. मैं इस कुर्सी का मालिक नहीं बल्कि सिर्फ रखवाला हूं. पॉलिटिक्स अब कमिटमेंट नहीं बल्कि डर्टी मैनेजमेंट हो गया है. मुझे अहसास ही नहीं है कि मैं एक मंत्री हूं. मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं मंत्री की कुर्सी पर बैठा हूं या बाहर की प्लास्टिक वाली कुर्सी पर. उन्होंने कहा कि मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता था, हूं और रहूंगा.
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इधर मंत्री आवास के सूत्रों का दावा है कि जिन 54 कर्मियों के खाते में राशि के भुगतान की बात की जा रही है, वह सरासर गलत है. शायद यही वजह है कि मंत्री ने पूरे मामले में न्यायिक प्रक्रिया का सहारा लेने की बात कही है. यानी यह मामला कोर्ट जाने वाला है.