रांचीः झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. इसको लेकर पिछले दिनों झारखंड हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की. हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) ने कहा कि हम निराशावादी लोग नहीं हैं. रिम्स की व्यवस्था में सुराध होगा. थोड़ा इंतजार करें. बन्ना गुप्ता ने मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाते हुए कहा कि कुदरत को जहां जिद है बिजलियां गिराने की, मुझे भी जिद है वहां आशियाना बनाने की.
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रिम्स निदेशक को लेकर उच्च न्यायालय की तल्ख टिप्पणी और उनकी जगह किसी आईएएस अधिकारी को रिम्स का नया निदेशक बनाने की सलाह पर सरकार कुछ विचार कर रही है. इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बहुत ऐसी योजनाएं होती हैं, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम निराशावादी नहीं हैं. जब इतने बड़े कोरोना संकट को झेल लिया और उससे निपट लिया तो रिम्स के हालात भी जरूर सुधरेंगे. लेकिन किसी आईएएस को रिम्स निदेशक बनाने के सवाल को टाल दिए.
पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने सेना से रिटायर्ड मेजर- कर्नल को रिम्स निदेशक बनाने की सलाह दी थी, जिसपर बन्ना गुप्ता ने कहा कि वह काफी अनुभवी नेता हैं. वह क्या कहते हैं यह अलग बात है. हम इतना ही कहेंगे कि रिम्स की व्यवस्था में जल्द सुधार होगा. गौरतलब हो कि कभी रिम्स में कार्डियोलॉजी में सीनियर डॉक्टर्स की आपसी मारपीट, कभी कार्डियो थोरेसिक सर्जरी के डॉक्टर पर आपरेशन के बदले पैसा मांगने का आरोप, कभी मृत मरीज के साथ डेंगू पीड़ित का इलाज, कभी डेंगू वार्ड में मेडीसिन विभाग के मरीज को रखने के मामले में रिम्स को बदनामी मिली है.