रांची/चाईबासा: कोरोना प्रोत्साहन राशि की तथाकथित निकासी मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और विधायक सरयू राय के बीच छिड़ी जंग अब निर्णायक मोड़ पर आ पहुंची है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरयू राय के खिलाफ मानहानि मामले में MP MLA कोर्ट में अपना बयान दर्ज करा दिया है.
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आरोप-प्रत्यारोप से शुरू हुआ यह मामला अब पूरी तरह से कानूनी रूप ले चुका है. इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी सरयू राय के खिलाफ डोरंडा थाना में ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत आईपीसी की धारा 409/379/411/120B &420 के तहत डोरंडा थाने में केस दर्ज कराया जा चुका है. विभाग की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया था कि नियम के तहत सक्षम पदाधिकारी और विभाग के विभिन्न संकल्पों के आधार पर प्रोत्साहन राशि के लिए लोगों का चयन हुआ था. लेकिन सरयू राय ने इसे गलत तरीके से मीडिया में पेश कर विभागीय मंत्री पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में विभाग के भी कई अधिकारी और कर्मचारी गोपनीय फाइल को चुराने और छल से प्राप्त करने या लिक करने के आरोप में शामिल है. वैसे सभी कर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है.
दरअसल, विधायक सरयू राय ने आरोप लगाया था नियम को ताक पर रखकर मंत्री कोषांग के 60 कर्मियों का नाम कोरोना प्रोत्साहन राशि के लिए नामित किया गया था. इस सूची में मंत्री बन्ना गुप्ता का भी नाम था. इनमें से 54 कर्मियों के खाते में डोरंडा ट्रेजरी से राशि भी भेजी जा चुकी थी. लेकिन तकनीकि कारणों से मंत्री समेत छह लोगों के खाते में राशि नहीं ट्रांसफर हो पाई थी. सरयू राय के इस आरोप को आधारहीन बताते हुए मंत्री बन्ना गुप्ता ने उन्हें नोटिस भेजा था. जिसपर सरयू राय ने बन्ना गुप्ता को केस करने की चुनौती दी थी. तब लगा था कि बात आई गई हो जाएगी. लेकिन बन्ना गुप्ता पीछे नहीं हटे.