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कन्या भ्रूण हत्या पर लगेगी रोक, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए पीसी एंड पीएनडीटी कानून का सख्ती से पालन का निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पीसी एंड पीएनडीटी कानून के प्रति जागरूकता को लेकर पदाधिकारियों के साथ बैठक की. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि पीसी एंड पीएनडीटी कानून से संबंधित जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में टीम गठित की जाए और जिले में इसकी समीक्षा की जाए. साथ ही राज्य स्तर से टीम जाकर समय-समय पर इसकी जांच करें.

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बैठक करते स्वास्थ्य मंत्री
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Published : Sep 14, 2021, 8:02 PM IST

रांची: झारखंड के लोगों को पीसी एंड पीएनडीटी कानून के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ विभाग के ओर एक अहम बैठक की गई. जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने की. बैठक में आए स्वास्थ्य कर्मचारियों को पीसी एंड पीएनडीटी के विषय पर पदाधिकारियों, पारा लीगल वालंटियर, अल्ट्रासाउंड केंद्र के प्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधि और सहिया को विशेष जानकारी दी गई. साथ ही साथ अल्ट्रासाउंड क्लीनिक में फॉर्म एफ के बारे में भी बताया गया.

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बैठक की अध्यक्षता कर रहे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि पीसी एंड पीएनडीटी कानून से संबंधित जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में टीम गठित की जाए और जिले में इसकी समीक्षा की जाए. साथ ही राज्य स्तर से टीम जाकर समय-समय पर इसकी जांच करें. मंत्री ने कहा कि पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) एक्ट कानून का अध्ययन कर इस संदर्भ में यदि आवश्यक हो तो विधानसभा में नए प्रस्ताव लाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाए.


पीसी एंड पीएनडीटी कानून का कड़ाई से हो पालन


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) कानून को कड़ाई से पालन करवाना आवश्यक है. जिससे कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाया जा सके और समाज में दहेज जैसी कुप्रथा को भी खत्म किया जा सके. उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी क्लिनिक के सामने पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) कानून के वैधानिक चेतावनी का बोर्ड लगाकर आम लोगों को जानकारी दें.

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पीसी एंड पीएनडीटी टीम करेगी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक की जांच


वहीं कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार ने जिला स्तरीय पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) टीम द्वारा अल्ट्रासाउंड क्लीनिक के अनिवार्य जांच का निर्देश दिया गया है. अल्ट्रासाउंड क्लीनिक की जांच कर अधिनियम के खिलाफ चलने वाले केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

अल्ट्रासाउंड क्लीनिक की होगी सघन जांच


बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगले 2 महीने में 836 अल्ट्रासाउंड क्लीनिक की सघन जांच की जाएगी और जिस भी क्लीनिक में पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) का उल्लंघन होगा उस पर अधिनियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी. राज्य में गिरते लिंगानुपात और कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए देश में पीसी एंपीएनडीटी कानून लाया गया है. जिसके अंतर्गत यह नियम बनाया गया है कि किसी भी अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी केंद्र में पेट में पल रहे बच्चे की लिंग जांच नहीं की जाएगी.

इसे भी पढे़ं: साहिबगंज में भ्रूण हत्या करने वाले संस्थानों पर कार्रवाई, DC ने दिए निर्देश

बैठक में ये रहे मौजूद


बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के अलावा स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विधायक सीता सोरेन, दीपिका पांडे, ममता देवी, अभियान निदेशक उमाशंकर सिंह, निदेशक प्रमुख डॉक्टर मार्शल आईनंद, आयुष विभाग के निदेशक चंद्र प्रसाद, रेडियोलोजी के विभागाध्यक्ष सुरेश टोप्पो, स्त्री एवं प्रसूति विभाग के डॉक्टर शशि बाला सिंह सहित कई गणमान्य मौजूद रहे.

रांची: झारखंड के लोगों को पीसी एंड पीएनडीटी कानून के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ विभाग के ओर एक अहम बैठक की गई. जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने की. बैठक में आए स्वास्थ्य कर्मचारियों को पीसी एंड पीएनडीटी के विषय पर पदाधिकारियों, पारा लीगल वालंटियर, अल्ट्रासाउंड केंद्र के प्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधि और सहिया को विशेष जानकारी दी गई. साथ ही साथ अल्ट्रासाउंड क्लीनिक में फॉर्म एफ के बारे में भी बताया गया.

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बैठक की अध्यक्षता कर रहे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि पीसी एंड पीएनडीटी कानून से संबंधित जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में टीम गठित की जाए और जिले में इसकी समीक्षा की जाए. साथ ही राज्य स्तर से टीम जाकर समय-समय पर इसकी जांच करें. मंत्री ने कहा कि पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) एक्ट कानून का अध्ययन कर इस संदर्भ में यदि आवश्यक हो तो विधानसभा में नए प्रस्ताव लाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाए.


पीसी एंड पीएनडीटी कानून का कड़ाई से हो पालन


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) कानून को कड़ाई से पालन करवाना आवश्यक है. जिससे कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाया जा सके और समाज में दहेज जैसी कुप्रथा को भी खत्म किया जा सके. उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी क्लिनिक के सामने पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) कानून के वैधानिक चेतावनी का बोर्ड लगाकर आम लोगों को जानकारी दें.

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पीसी एंड पीएनडीटी टीम करेगी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक की जांच


वहीं कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार ने जिला स्तरीय पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) टीम द्वारा अल्ट्रासाउंड क्लीनिक के अनिवार्य जांच का निर्देश दिया गया है. अल्ट्रासाउंड क्लीनिक की जांच कर अधिनियम के खिलाफ चलने वाले केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

अल्ट्रासाउंड क्लीनिक की होगी सघन जांच


बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगले 2 महीने में 836 अल्ट्रासाउंड क्लीनिक की सघन जांच की जाएगी और जिस भी क्लीनिक में पीसी एंड पीएनडीटी (PC&PNDT) का उल्लंघन होगा उस पर अधिनियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी. राज्य में गिरते लिंगानुपात और कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए देश में पीसी एंपीएनडीटी कानून लाया गया है. जिसके अंतर्गत यह नियम बनाया गया है कि किसी भी अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी केंद्र में पेट में पल रहे बच्चे की लिंग जांच नहीं की जाएगी.

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बैठक में ये रहे मौजूद


बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के अलावा स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विधायक सीता सोरेन, दीपिका पांडे, ममता देवी, अभियान निदेशक उमाशंकर सिंह, निदेशक प्रमुख डॉक्टर मार्शल आईनंद, आयुष विभाग के निदेशक चंद्र प्रसाद, रेडियोलोजी के विभागाध्यक्ष सुरेश टोप्पो, स्त्री एवं प्रसूति विभाग के डॉक्टर शशि बाला सिंह सहित कई गणमान्य मौजूद रहे.

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