रांची: झारखंड में कोविड के नाम पर निजी अस्पताल संचालक मरीजों का शोषण कर रहे हैं. उन्हें अलग-अलग तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसे गंभीरता से लिया है.
अस्पताल के लाइसेंस को किया जाएगा रद्द
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि इस तरह की कई शिकायतें मिली हैं. साक्ष्य के साथ जैसे ही एक ही शिकायत पहुंचेगी तो संबंधित निजी अस्पताल के लाइसेंस तक को रद्द करने में सरकार नहीं हिचकेगी. उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में भी इसे कमाई का जरिया बनाया जा रहा है.यह मानवीय मूल्यों के खिलाफ है.
चार जिले हैं ज्यादा प्रभावित
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित झारखंड के 4 जिलों मसलन रांची, जमशेदपुर, पलामू और धनबाद में अभियान चलाकर 24 घंटे में दस-दस हजार टेस्ट किया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर अन्य जिलों में भी अभियान की तैयारी की जाएगी. झारखंड में कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर में हुई बढ़ोतरी पर मंत्री ने सफाई दी.
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एसिंप्टोमेटिक मरीजों के को किया जाए होम आइसोलेट
उन्होंने कहा कि ज्यादातर मरीजों की मौत मल्टीप्ल ऑर्गन फैलियर की वजह से हुई है. बहुत कम ऐसे मरीज हैं जिनकी मौत का कारण कोरोना बना है. एसिंप्टोमेटिक मरीजों के होम आइसोलेशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्योंकि संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए कोशिश की जा रही है कि एसिंप्टोमेटिक मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रखा जाए. यहां तक कि माइल्ड लक्षण वाले मरीजों को भी होम आइसोलेशन में रखने की उन्होंने बात कही है. हालांकि उन्होंने कहा कि जिन मरीजों के साथ घर में आइसोलेशन योग्य सुविधा नहीं होगी, उन्हें सरकारी स्तर पर दूसरे जगहों पर रखा जाएगा.