ETV Bharat / state

स्वास्थ्य विभाग ने MCI को लिखा पत्र, हजारीबाग और पलामू मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीट पर दाखिले की मांगी अनुमति - Arun Kumar Singh, Additional Chief Secretary, Health Department

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट पर नामांकन की स्वीकृति नहीं दी है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने एमसीआई को पत्र लिखकर दोनों कॉलेजों में दाखिले की अनुमति देने की आग्रह किया है.

health-department-wrote-letter-to-mci
स्वास्थ्य विभाग ने एमसीआई को लिखा पत्र
author img

By

Published : Oct 7, 2021, 9:10 AM IST

रांचीः मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम ने पिछले दिनों राज्य के मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण किया. मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण के बाद एमसीआई ने इस वर्ष दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 एमबीबीएस सीट पर नामांकन की अनुमति दे दी है, लेकिन पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष एमबीबीएस सीट पर नामांकन की अनुमति नहीं दी है. इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर नामांकन की स्वीकृति मिल जाए. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने एमसीआई को पत्र लिखकर दाखिले की अनुमति देने का आग्रह किया है.

यह भी पढ़ेंःरघुवर दास ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की बात, मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए छूट देने का किया आग्रह

अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने एमसीआई को लिखे पत्र में कहा है कि झारखंड आदिवासी राज्य होने के साथ-साथ नक्सल प्रभावित भी है. राज्य में उपलब्ध स्वास्थ्य संसाधन कमजोर हैं. एनएफएचएस सर्वे में भी स्वास्थ्य मानकों में पिछड़ा हुआ है. इस स्थिति में राज्य के स्वास्थ्य संसाधनों को बेहतर करने के लिए विशेष सहयोग की जरूरत है.

डॉक्टरों की कमी का दिया हवाला

अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि राज्य गठन के बाद से स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. हालांकि, राज्य डॉक्टर और विशेषज्ञ डॉक्टरों की समस्या से जूझ रहा है. इस कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में तीन नये मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, दुमका और पलामू में स्थापित किया. इन तीनों मेडिकल कॉलेजों पर 1800 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है, जिसमें अब तक लगभग 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. पत्र में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2018 में तीनों नये मेडिकल कॉलेजों में 100-100 सीटों पर दाखिला के बाद टीचिंग फैकल्टी और टीचिंग इफ्रास्ट्रक्चर की कमी बताते हुए दूसरे सत्र में दाखिले पर रोक लगा दी. राज्य सरकार की ओर से इन कॉलेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के साथ-साथ अन्य कमियों को दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं.

मेडिकल कॉलेजों का इंफ्रास्ट्रक्चर किया गया विकसित

अपर मख्य सचिव ने यह भी कहा है कि हजारीबाग और पलामू मेडिकल कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है. उन्होंने कहा है कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम 98 प्रतिशत और पलामू मेडिकल कॉलेज में 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है. इसके साथ ही पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधनों को भी पूरा किया जा रहा है. संसाधनों की उपलब्धा के आधार पर दोनों मेडिकल कॉलेजों में दूसरे सत्र से 100-100 सीटों पर दाखिले की अनुमति दी जाए.

रांचीः मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम ने पिछले दिनों राज्य के मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण किया. मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण के बाद एमसीआई ने इस वर्ष दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 एमबीबीएस सीट पर नामांकन की अनुमति दे दी है, लेकिन पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष एमबीबीएस सीट पर नामांकन की अनुमति नहीं दी है. इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर नामांकन की स्वीकृति मिल जाए. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने एमसीआई को पत्र लिखकर दाखिले की अनुमति देने का आग्रह किया है.

यह भी पढ़ेंःरघुवर दास ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की बात, मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए छूट देने का किया आग्रह

अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने एमसीआई को लिखे पत्र में कहा है कि झारखंड आदिवासी राज्य होने के साथ-साथ नक्सल प्रभावित भी है. राज्य में उपलब्ध स्वास्थ्य संसाधन कमजोर हैं. एनएफएचएस सर्वे में भी स्वास्थ्य मानकों में पिछड़ा हुआ है. इस स्थिति में राज्य के स्वास्थ्य संसाधनों को बेहतर करने के लिए विशेष सहयोग की जरूरत है.

डॉक्टरों की कमी का दिया हवाला

अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि राज्य गठन के बाद से स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. हालांकि, राज्य डॉक्टर और विशेषज्ञ डॉक्टरों की समस्या से जूझ रहा है. इस कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में तीन नये मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, दुमका और पलामू में स्थापित किया. इन तीनों मेडिकल कॉलेजों पर 1800 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है, जिसमें अब तक लगभग 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. पत्र में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2018 में तीनों नये मेडिकल कॉलेजों में 100-100 सीटों पर दाखिला के बाद टीचिंग फैकल्टी और टीचिंग इफ्रास्ट्रक्चर की कमी बताते हुए दूसरे सत्र में दाखिले पर रोक लगा दी. राज्य सरकार की ओर से इन कॉलेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के साथ-साथ अन्य कमियों को दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं.

मेडिकल कॉलेजों का इंफ्रास्ट्रक्चर किया गया विकसित

अपर मख्य सचिव ने यह भी कहा है कि हजारीबाग और पलामू मेडिकल कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है. उन्होंने कहा है कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम 98 प्रतिशत और पलामू मेडिकल कॉलेज में 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है. इसके साथ ही पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधनों को भी पूरा किया जा रहा है. संसाधनों की उपलब्धा के आधार पर दोनों मेडिकल कॉलेजों में दूसरे सत्र से 100-100 सीटों पर दाखिले की अनुमति दी जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.