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दूध में केमिकल और पानी मिलाने वाले खटाल संचालकों की खैर नहीं, स्वास्थ्य विभाग कसेगा नकेल

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Published : Sep 23, 2020, 2:56 AM IST

दूध में पानी और केमिकल मिलाने वालों की अब खैर नहीं. इसको लेकर स्वास्थ्य मिलावट करने वाले ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने का मन बना चुकी है. इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने खटालों के मिलावटी दूध की भी जांच कराने का निर्देश दिया है.

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दूध में मिलावट

रांचीः राज्य में अब दूध में पानी या केमिकल मिलाने वाले खटाल संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग नकेल कसेगा. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने खटालों के मिलावटी दूध की भी जांच कराने का निर्देश दिया है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने खाद्य संरक्षक पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया है कि जो खटाल संचालक दूध में केमिकल या पानी मिलाकर दूध की बिक्री कर रहे हैं वैसे खटाल संचालकों पर कार्यवाई की जाए. वहीं उन्होंने कहा है कि दूध से निर्मित पनीर खोआ मिठाई आदि की बिक्री विभिन्न प्रतिष्ठानों में की जाती है, जो आमजनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है.

इसे भी पढ़ें- रांची के कारोबारी से गैंगस्टर सुजीत सिन्हा ने मांगी एक करोड़ की रंगदारी, जांच जारी


मिलावटी पर नकेल

केमिकल वाले दूध से निर्मित उत्पादक को खाकर लोग बीमार भी होते हैं. आम जनों के स्वास्थ्य को देखते हुए प्रधान सचिव ने निर्देश देते हुए कहा है कि जिले में संचालित ऐसे खटाल एवं प्रतिष्ठानों को चिन्हित करते हुए, वहां से नमूना संग्रहित कर राज्य के खाद्य जांच प्रयोगशाला नामकुम में जांच कराई जाए और जांच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार संबंधित लोगों पर कार्रवाई करें और उसकी एक रिपोर्ट विभाग को भी भेजें.

रांचीः राज्य में अब दूध में पानी या केमिकल मिलाने वाले खटाल संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग नकेल कसेगा. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने खटालों के मिलावटी दूध की भी जांच कराने का निर्देश दिया है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने खाद्य संरक्षक पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया है कि जो खटाल संचालक दूध में केमिकल या पानी मिलाकर दूध की बिक्री कर रहे हैं वैसे खटाल संचालकों पर कार्यवाई की जाए. वहीं उन्होंने कहा है कि दूध से निर्मित पनीर खोआ मिठाई आदि की बिक्री विभिन्न प्रतिष्ठानों में की जाती है, जो आमजनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है.

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मिलावटी पर नकेल

केमिकल वाले दूध से निर्मित उत्पादक को खाकर लोग बीमार भी होते हैं. आम जनों के स्वास्थ्य को देखते हुए प्रधान सचिव ने निर्देश देते हुए कहा है कि जिले में संचालित ऐसे खटाल एवं प्रतिष्ठानों को चिन्हित करते हुए, वहां से नमूना संग्रहित कर राज्य के खाद्य जांच प्रयोगशाला नामकुम में जांच कराई जाए और जांच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार संबंधित लोगों पर कार्रवाई करें और उसकी एक रिपोर्ट विभाग को भी भेजें.

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