रांचीः झारखंड के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने राज्य के सभी सिविल सर्जन को वर्ष 2022-23 में दवाओं, टीकों की उपलब्धता, उपयोग और वित्तीय वर्ष के अंत में बचे स्टॉक की पूरी जानकारी मांगी है. अपर मुख्य सचिव ने 30 अप्रैल तक रिपोर्ट स्वास्थ्य मुख्यालय को भेजने और भारत सरकार की पोर्टल DVDMS पर अपलोड करने को कहा है.
क्यों विभाग ने लिया यह फैसला: स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को समीक्षा बैठक के दौरान लगातार यह जानकारी अलग-अलग माध्यमों से मिल रही थी कि राज्य के कई जिलों में अवस्थित राजकीय चिकित्सा संस्थान के द्वारा दवाओं और टीकों की प्राप्ति, उसके उपयोग और निष्प्रयोजन में लापरवाही बरती जा रही है. इस वजह से बाद के दिनों में वित्तीय अनियमितता का कारण बनता है. ऐसी अनियमितता को रोकने, दवाइयों और टीकों की आपूर्ति, भंडारण और निष्प्रयोजित दवाओं के निस्तारण करने के लिए भारत सरकार ने DVDMS पोर्टल की स्थापना की है. इस DVDMS यानि ड्रग एंड वैक्सीन डाटा मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर दवाओं और टीकों से संबंधित सभी जानकारियां अपडेट करते रहने का निर्देश दिया गया है.
सभी सिविल सर्जन को 30 अप्रैल तक रिपोर्ट भेजने का निर्देशः अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने वर्ष 2022-23 के दौरान प्राप्त दवाओं और टीकों की विवरणी,खपत और वर्ष के अंत मे उपलब्ध दवाओं की विवरणी 30 अप्रैल तक विभाग को समर्पित करने और पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है.अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि पोर्टल DVDMS को सदैव अपडेट किया जाना सभी सिविल सर्जन सुनिश्चित करेंगे, ताकि दवाओं और टीकों की उपलब्धता की अद्यतन जानकारी सभी को मिले सकें.
NHM निदेशक को भी भेजा गया है पत्र: अपर मुख्य सचिव का पत्र सभी सिविल सर्जन के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य निदेशक और झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेन्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को भी भेजा गया है. इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि DVDMS पोर्टल की सतत निगरानी सुनिश्चित करें. अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि पोर्टल का अनुश्रवण, दवाओं-टीकों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. दवाओं और टीकों की एक्सपायरी डेट को ध्यान में रखकर उसका समय पर उपयोग सुनिश्चित किया जाए.