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वैक्सीनेशन को लेकर हैं तैयार हम ! कैसे पहुंचेगी आम लोगों तक वैक्सीन ? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

देश के साथ-साथ झारखंड में भी 2 जनवरी को कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर पूर्वाभ्यास किया गया. जिसके बाद अब यह माना जाने लगा कि जल्द ही कोरोना के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर शुरू कर दी जाएगी. क्या कुछ तैयारी है स्वास्थ्य विभाग की, जानिए इस रिपोर्ट के जरिए.

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Published : Jan 5, 2021, 10:04 PM IST

Updated : Jan 5, 2021, 10:30 PM IST

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वैक्सीनेशन की तैयारी

रांचीः झारखंड में 2 जनवरी को कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर ड्राई रन किया गया. अब यह माना जाने लगा कि जल्द ही कोरोना के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर शुरू कर दी जाएगी. सबसे पहले तो करोना कि जो भी वैक्सीन केंद्र सरकार की ओर से तय की जाएगी, उसे सभी राज्यों में भेज दिया जाएगा.

आइए हम आपको बताते हैं कि किस प्रकार से कोरोना का वैक्सीनेशन स्वास्थ विभाग के मुख्यालय से आम लोगों तक पहुंचेगा.

वैक्सीनेशन के लिए कितने तैयार हैं हम ?
क्या है भेजने और रखने की प्रक्रिया
राज्य के टीकाकरण पदाधिकारी डॉ अजीत प्रसाद बताते हैं कि पहले तो यह वैक्सीन जैसे ही विमान के माध्यम से केंद्र सरकार की ओर से राज्यों में भेजा जाएगा. उसे तुरंत ही राज्य के स्टेट वैक्सीनेशन स्टोर में रखा जायेगा. राज्य के स्टेट वैक्सीनेशन स्टोर में कोरोना के वैक्सीन को रखने के लिए सभी मानकों का ख्याल रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल स्टेट वैक्सीनेशन सेंटर में कोरोना के वैक्सीन को रखने के लिए वॉकिंग कूलर मंगाया गया है, जिसमें कोरोना के वैक्सीन को रखा जाएगा. उसके बाद स्टेट वैक्सीन सेंटर से इसे राज्य में बनाए गए सभी रीजनल वैक्सीन सेंटर में भेज दिया जाएगा, जहां से फिर राज्य के विभिन्न जिलों में भेजा जाएगा.राज्य में तीन जगहों पर बनाया गया है रीजनल वैक्सीन सेंटरस्टेट वैक्सीन स्टोर से जिलों में वैक्सिंग को पहुंचाने के लिए पहले रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर में पहुंचाया जाता है. झारखंड में अगर रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर की बात करें तो वर्तमान में राज्य में तीन वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है. जिसमें एक देवघर रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर, दूसरा पलामू रिजिनल वैक्सीनेशन सेंटर और तीसरा जमशेदपुर रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर मौजूद है.ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं कोल्ड चेन प्वाइंट (सीसीपी)इन तीनों रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन पहुंचने के बाद इसे जिलों में पहुंचाया जाएगा. जहां पर कोल्ड चेन प्वाइंट बनाए गए हैं, अगर कोल्ड चेन प्वाइंट की बात करें तो पूरे राज्य में लगभग 275 कोल्ड चेन प्वाइंट हैं, जो सभी सदर अस्पताल, सीएचसी और रेफरल अस्पताल में मौजूद है वहीं कुछ पीएचसी में भी कोल्ड चेन प्वाइंट बनाये गये हैं.
आइसलैंड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) का जायजा
कोरोना वैक्सीन को 2से 8 डिग्री के तापमान में रखने की है व्यवस्थावही स्टेट कोल्ड स्टोरेज में वैक्सीन को रखने के लिए बड़े-बड़े दो कोल्ड वॉकिंग कूलर और एक वॉक इन फ्रीजर मंगाए गए हैं तो वही जिलों और अन्य कोल्ड चेन प्वाइंट में वैक्सीन को रखने के लिए बड़े-बड़े आइसलैंड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) मंगाया गया है जिसमें 2 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर 8 डिग्री सेंटीग्रेड तक वैक्सीन को रखने की व्यवस्था की गई है. रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर से जिला मुख्यालय और कोल्ड चेन प्वाइंट (सीसीपी) में वैक्सीन पहुंचने के बाद उसे ब्लॉक स्तर और ग्रामीण स्तर पर बनाए गए सेशन साइट तक ले जाने के लिए आइस पैक कैरियर (वैक्सीन कैरियर) में ले जाया जाएगा. वैक्सीन को तब तक आइस क्यूब में रखा जाएगा, जब तक लोगों को वैक्सीन नहीं लगा दिया जाता है.
वैक्सीन को चाहिए 2-8 डिग्री तापमान

इसे भी पढ़ें- 7 जनवरी को झारखंड के 20 जिलों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन, रांची में दोबारा होगा पूर्वाभ्यास

एक व्यक्ति को 0.5ml का ही डोज

स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल केंद्र सरकार से मिले दिशा निर्देश के अनुसार एक व्यक्ति को 0.5ml का ही डोज दिया जाएगा. अभी तक यह निर्णय नहीं लिया गया है कि यह डोज सिंगल होगा या फिर डबल डोज. फिलहाल मिली जानकारी के अनुसार यह बताया जा रहा है की 1 महीने के अंतराल पर एक व्यक्ति को 0.5ml का डबल डोज लगाया जा सकता है.

तीन फेज में होगा वैक्सीनेशन, 6 महीने बाद आम आदमी को होगा उपलब्ध

कोरोना की वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचने में लगभग 6 माह से ज्यादा समय लग जाएगा क्योंकि पहले राउंड में राज्य के सभी निजी और सरकारी स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा जिसकी संख्या लगभग एक लाख 40 हजार के करीब है. उसके बाद दूसरे राउंड में यह वैक्सीन फ्रंटलाइन कोरोना वारियर को लगाया जायेगा जैसे पुलिस कर्मी सफाई कर्मी शामिल हैं. इन दो राउंड के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में लगभग 4 महीने का समय लग जाएगा. उसके बाद फिर तीसरे राउंड में राज्य के वैसे बुजुर्गों को टीकाकरण किया जाएगा जिनकी उम्र 55 से ऊपर और अन्य बीमारियों से ग्रसित है.

टीका देने स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या 8 से 10 हजार

वैक्सीन लगाने वाले में एएनएम लैब टेक्नीशियन चिकित्सक शामिल रहेंगे. फिलहाल टीका लगाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या अभी मात्र 8 हजार से 10 हजार है. यह उम्मीद की जा रही है कि आम लोगों तक वैक्सीन पहुंचते-पहुंचते टीका लगाने वालों की भी संख्या अधिक हो जाएगी.

अब यह देखना है की भारत सरकार से राज्य सरकार को किस संस्था का कोविड वैक्सीन लगाने की अनुमति मिलती है. यह उम्मीद जताई जा रही है कि झारखंड में भी भारत बायोटेक कंपनी या फिर सिरम इंस्टीट्यूट को अनुमति दी जा सकती है. बरहाल जिस भी कंपनी को अनुमति मिले लेकिन झारखंड सरकार कोरोना के टीकाकरण की प्रक्रिया को लेकर पूरी तैयारी कर चुका है.

रांचीः झारखंड में 2 जनवरी को कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर ड्राई रन किया गया. अब यह माना जाने लगा कि जल्द ही कोरोना के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर शुरू कर दी जाएगी. सबसे पहले तो करोना कि जो भी वैक्सीन केंद्र सरकार की ओर से तय की जाएगी, उसे सभी राज्यों में भेज दिया जाएगा.

आइए हम आपको बताते हैं कि किस प्रकार से कोरोना का वैक्सीनेशन स्वास्थ विभाग के मुख्यालय से आम लोगों तक पहुंचेगा.

वैक्सीनेशन के लिए कितने तैयार हैं हम ?
क्या है भेजने और रखने की प्रक्रियाराज्य के टीकाकरण पदाधिकारी डॉ अजीत प्रसाद बताते हैं कि पहले तो यह वैक्सीन जैसे ही विमान के माध्यम से केंद्र सरकार की ओर से राज्यों में भेजा जाएगा. उसे तुरंत ही राज्य के स्टेट वैक्सीनेशन स्टोर में रखा जायेगा. राज्य के स्टेट वैक्सीनेशन स्टोर में कोरोना के वैक्सीन को रखने के लिए सभी मानकों का ख्याल रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल स्टेट वैक्सीनेशन सेंटर में कोरोना के वैक्सीन को रखने के लिए वॉकिंग कूलर मंगाया गया है, जिसमें कोरोना के वैक्सीन को रखा जाएगा. उसके बाद स्टेट वैक्सीन सेंटर से इसे राज्य में बनाए गए सभी रीजनल वैक्सीन सेंटर में भेज दिया जाएगा, जहां से फिर राज्य के विभिन्न जिलों में भेजा जाएगा.राज्य में तीन जगहों पर बनाया गया है रीजनल वैक्सीन सेंटरस्टेट वैक्सीन स्टोर से जिलों में वैक्सिंग को पहुंचाने के लिए पहले रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर में पहुंचाया जाता है. झारखंड में अगर रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर की बात करें तो वर्तमान में राज्य में तीन वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है. जिसमें एक देवघर रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर, दूसरा पलामू रिजिनल वैक्सीनेशन सेंटर और तीसरा जमशेदपुर रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर मौजूद है.ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं कोल्ड चेन प्वाइंट (सीसीपी)इन तीनों रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन पहुंचने के बाद इसे जिलों में पहुंचाया जाएगा. जहां पर कोल्ड चेन प्वाइंट बनाए गए हैं, अगर कोल्ड चेन प्वाइंट की बात करें तो पूरे राज्य में लगभग 275 कोल्ड चेन प्वाइंट हैं, जो सभी सदर अस्पताल, सीएचसी और रेफरल अस्पताल में मौजूद है वहीं कुछ पीएचसी में भी कोल्ड चेन प्वाइंट बनाये गये हैं.
आइसलैंड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) का जायजा
कोरोना वैक्सीन को 2से 8 डिग्री के तापमान में रखने की है व्यवस्थावही स्टेट कोल्ड स्टोरेज में वैक्सीन को रखने के लिए बड़े-बड़े दो कोल्ड वॉकिंग कूलर और एक वॉक इन फ्रीजर मंगाए गए हैं तो वही जिलों और अन्य कोल्ड चेन प्वाइंट में वैक्सीन को रखने के लिए बड़े-बड़े आइसलैंड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) मंगाया गया है जिसमें 2 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर 8 डिग्री सेंटीग्रेड तक वैक्सीन को रखने की व्यवस्था की गई है. रीजनल वैक्सीनेशन सेंटर से जिला मुख्यालय और कोल्ड चेन प्वाइंट (सीसीपी) में वैक्सीन पहुंचने के बाद उसे ब्लॉक स्तर और ग्रामीण स्तर पर बनाए गए सेशन साइट तक ले जाने के लिए आइस पैक कैरियर (वैक्सीन कैरियर) में ले जाया जाएगा. वैक्सीन को तब तक आइस क्यूब में रखा जाएगा, जब तक लोगों को वैक्सीन नहीं लगा दिया जाता है.
वैक्सीन को चाहिए 2-8 डिग्री तापमान

इसे भी पढ़ें- 7 जनवरी को झारखंड के 20 जिलों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन, रांची में दोबारा होगा पूर्वाभ्यास

एक व्यक्ति को 0.5ml का ही डोज

स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल केंद्र सरकार से मिले दिशा निर्देश के अनुसार एक व्यक्ति को 0.5ml का ही डोज दिया जाएगा. अभी तक यह निर्णय नहीं लिया गया है कि यह डोज सिंगल होगा या फिर डबल डोज. फिलहाल मिली जानकारी के अनुसार यह बताया जा रहा है की 1 महीने के अंतराल पर एक व्यक्ति को 0.5ml का डबल डोज लगाया जा सकता है.

तीन फेज में होगा वैक्सीनेशन, 6 महीने बाद आम आदमी को होगा उपलब्ध

कोरोना की वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचने में लगभग 6 माह से ज्यादा समय लग जाएगा क्योंकि पहले राउंड में राज्य के सभी निजी और सरकारी स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा जिसकी संख्या लगभग एक लाख 40 हजार के करीब है. उसके बाद दूसरे राउंड में यह वैक्सीन फ्रंटलाइन कोरोना वारियर को लगाया जायेगा जैसे पुलिस कर्मी सफाई कर्मी शामिल हैं. इन दो राउंड के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में लगभग 4 महीने का समय लग जाएगा. उसके बाद फिर तीसरे राउंड में राज्य के वैसे बुजुर्गों को टीकाकरण किया जाएगा जिनकी उम्र 55 से ऊपर और अन्य बीमारियों से ग्रसित है.

टीका देने स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या 8 से 10 हजार

वैक्सीन लगाने वाले में एएनएम लैब टेक्नीशियन चिकित्सक शामिल रहेंगे. फिलहाल टीका लगाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या अभी मात्र 8 हजार से 10 हजार है. यह उम्मीद की जा रही है कि आम लोगों तक वैक्सीन पहुंचते-पहुंचते टीका लगाने वालों की भी संख्या अधिक हो जाएगी.

अब यह देखना है की भारत सरकार से राज्य सरकार को किस संस्था का कोविड वैक्सीन लगाने की अनुमति मिलती है. यह उम्मीद जताई जा रही है कि झारखंड में भी भारत बायोटेक कंपनी या फिर सिरम इंस्टीट्यूट को अनुमति दी जा सकती है. बरहाल जिस भी कंपनी को अनुमति मिले लेकिन झारखंड सरकार कोरोना के टीकाकरण की प्रक्रिया को लेकर पूरी तैयारी कर चुका है.

Last Updated : Jan 5, 2021, 10:30 PM IST
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