रांची: चैत्र की गर्मी और पूस की ठंड दोनों ही प्रख्यात है. क्योंकि दोनों मौसम में लोग कई बीमारियों से ग्रसित होते हैं. इसी को देखते हुए भारत सरकार के आदेश के बाद झारखंड सरकार ने बढ़ती गर्मी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके अंतर्गत राज्य के सभी सिविल सर्जनों को अपने-अपने जिले में बढ़ती गर्मी को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्थाएं करने का आदेश दिया गया है. जिससे स्पष्ट है कि बढ़ती गर्मी को देखते हुए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाई जाए और हीट वेव से कैसे बचें, इसकी जानकारी दी जाए.
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इसको लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता हितेश कुमार चौधरी ने जब लोगों से जानकारी ली कि उन्हें लू से बचने के लिए राज्य सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन की जानकारी है ही नहीं. सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि किसी भी तरह का अभियान उनके क्षेत्रों में नहीं चलाया जा रहा है. इसके अलावा ना ही उन्हें किसी तरह की गाइडलाइंस की जानकारी है. स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी करते हुए सभी जिला अस्पतालों को सख्त दिशा निर्देश दिए हैं कि सभी अस्पतालों द्वारा गर्मी का महीना प्रारंभ होने से पूर्व गर्मी से प्रभावित मरीजों से निपटने की विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए.
हीट रिलेटेड इलनेस (HEAT RELATED ILLNESS) से निपटने के स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (STANDARD OPERATION PROCEDURE) के संबंध में सभी चिकित्सक, पारा मेडिकल, स्टाफ को राष्ट्र एक्शन प्लान के तहत ट्रेनिंग दी जाए. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा अपने आसपास के समुदाय के लिए जागरुकता अभियान (AWARENESS CAMPAIGN) चलाया जाए. जिसमें गर्मी से बचाव की विधि के बारे में चर्चा की जाए.
डॉक्टर्स ने भी लोगों को सचेत करने के लिए कहा है कि घर से बाहर निकलने के बाद हल्के ढीले ढाले वस्त्र पहनें, धूप में चश्मा, छाता, टोपी एवं जूता पहनकर ही घर से निकलें, चक्कर आने पर तुरंत ही आराम करें और शीतल पेयजल और फलों का रस, लस्सी, मट्ठा का सेवन अवश्य करें. गर्म हवा से होने वाली बीमारी के पहले लक्षणों में उल्टी, सिरदर्द, तेज बुखार से मरीज ग्रसित होते हैं. ऐसी स्थिति होने पर तुरंत ही 108 एंबुलेंस से संपर्क कर नजदीकी अस्पताल में पहुंचने.