रांची: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है. महकमे ने संक्रमित मरीजों के मिलने के बाद संपर्क में आए लोगों की त्वरित पहचान और जांच में हो रहे विलंब, मरीजों के इलाज में हो रही परेशानी की शिकायतों को गंभीरता से लिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि अब किसी पॉजिटिव मरीज की पुष्टि होने के बाद उसके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की 24 घंटे या अधिकतम 48 घंटे के अंदर पहचान कर उसकी जांच कराई जाए.
पहचान के लिए टीम बनाएं
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी जिला के उपायुक्तों को ट्रेसिंग टेस्टिंग और ट्रीटमेंट(टी-3) फार्मूले को लेकर फ्रेमवर्क तैयार करने को कहा है. उन्होंने सभी जिले के अधिकारियों से कहा है कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को लेकर टीम गठित करें. साथ ही साथ शहरी क्षेत्रों में 3 वार्डों को मिलाकर क्लस्टर बनाएं, ताकि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और मॉनिटरिंग के कार्यों को बेहतर तरीके से किया जा सके.
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डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने अधिकारियों से कहा है कि पॉजिटिव केस मैनेजमेंट टीम (पीसीएमटी), कांटेक्ट ट्रेसिंग एंड मॉनिटरिंग टीम(सीटीएमटी) और फैसिलिटी डिस्चार्ज मॉनिटरिंग टीम (एफडीएमटी) का गठन करें, ताकि पॉजिटिव मरीज का बेहतर इलाज किया जा सके. साथ ही साथ पॉजिटिव मरीज से जुड़े कांटेक्ट को ट्रेस कर होम आइसोलेट की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके.
आपको बता दें कि पिछ्ले कुछ दिनों से जिला प्रशासन की ओर से कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही थी. संक्रमित मरीजों की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर संज्ञान लिया है, ताकि संक्रमित मरीज़ो के संपर्क में आए लोगों को जल्द से जल्द चिन्हित कर आइसोलेट किया जा सके.