रांची: झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग के एक कक्ष आवंटन किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होगी. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थी के मांग के तहत कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी की जांच रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
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दरअसल, नमाज के लिए अलग से कक्ष आवंटन करने का मामला सड़क से लेकर सदन तक जोरशोर से उठा था. इसपर जमकर राजनीति हुई थी. इस मामले को लेकर अजय कुमार मोदी नाम के शख्स ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. उन्होंने चुनौती दी थी कि आखिर किस आधार पर सितंबर 2021 में नमाज के लिए अलग से कक्ष आवंटित किया गया.
साल 2021 में नये विधानसभा भवन के कमरा संख्या TW-348 को नमाज कक्ष बनाया गया था, ताकि मुस्लिम विधायक और कर्मचारी नमाज पढ़ सकें. इसपर भाजपा ने खुलकर आपत्ति जतायी थी. तब भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया था कि किसी वर्ग विशेष के लिए नमाज कक्ष आवंटित करने से न सिर्फ गलत परंपरा की शुरूआत होगी बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के भी खिलाफ है.
विवाद बढ़ने पर स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने कहा था कि इसको बेवजह तूल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि पुराने विधानसभा में भी मुस्लिम विधायकों और कर्मचारियों के लिए कमरा आवंटित था. इसको भाजपा ने तुष्टिकरण बताते हुए बहुसंख्यक विधायकों के लिए भी मंदिर बनाने की मांग की थी. इस फैसले के विरोध के विरोध में मानसून सत्र के दौरान भाजपा विधायकों ने विस के पोर्टिको में भजन-कीर्तन किया था.