रांची: हजारीबाग में एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान तीन हजार करोड़ के मुआवजा घोटाला मामले में दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सुनवाई के बाद सीबीआई को नोटिस जारी कर पार्टी बनाने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता मंटू सोनी ने घोटाले की जांच के लिए जनहित याचिका दायर की है. अब मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी.
आपको बता दें कि हजारीबाग में एनटीपीसी द्वारा जमीन अधिग्रहण मामले के दौरान हुए तीन हजार करोड़ के भूमि-मुआवजा घोटाला में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई के दौरान सीबीआई को पार्टी बनाने का आदेश दिया है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की बेंच में मंटू सोनी के याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता मंटू सोनी की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता और मदन कुमार ने पक्ष रखा.
आपको बता दें कि एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान मुआवजा से संबंधित गड़बड़ी सामने आई थी. इसको देखते हुए साल 2016 में तत्कालीन उपायुक्त मुकेश कुमार की अनुशंसा पर सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की थी. टीम ने अपनी रिपोर्ट में करीब तीन हजार करोड़ के भूमि मुआवजा घोटाले का जिक्र किया था. साथ ही राज्य सरकार को तीन सौ करोड़ का मुआवजा बांटे जाने की जानकारी दी गई थी.
याचिकाकर्ता के मुताबिक इतने बड़े मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कोर्ट को यह भी बताया गया कि एसआईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. इसके बाद प्रार्थी मंटू सोनी ने पीएमओ से भी इसकी शिकायत की. बताया जाता है कि सरकारी गैर मजरूआ, श्मसान घाट और स्कूल मैदान का भी फर्जी कागजात बनाकर मुआवजा वसूल लिया गया. इस मामले में एनटीपीसी से भी राज्य सरकार के पत्राचार का कोई नतीजा नहीं निकला है. अब इस मामले में सीबीआई को प्रतिवादी बनाने के निर्देश के बाद बड़े रहस्य पर से पर्दा उठने की उम्मीद जतायी जा रही है.