रांची: स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित बाल कलाकार प्रदर्शनी में एक से बढ़कर एक बाल कलाकार पहुंचे हैं. कोई राष्ट्रगान के रचयिता रवींद्र नाथ टैगोर की तस्वीर बनाता दिख रहा है तो कोई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तस्वीर बना रहा है. बच्चों की कला को बेहतर दिशा देने और कला के क्षेत्र में अच्छा भविष्य बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से रांची के ऑड्रे हाउस में दो दिनों के लिए इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है.
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कार्यक्रम में हजारीबाग से आए प्रीत राज नाम का छात्र पूरे प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र रहा. क्योंकि वह एक साथ 20 तस्वीरें बनाता है. प्रीति राज ने बताया कि वह 3 साल की उम्र से पेंटिंग कर रहा है. उसे बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. हजारीबाग के मंडई खुर्द गांव निवासी प्रीत राज का हुनर देखकर मुख्यमंत्री भी मंत्रमुग्ध हो गये और उसकी कला को विश्व रिकॉर्ड के लिए भेजने का अधिकारियों को निर्देश भी दिया.
प्रीत राज ने बताया कि मुझे बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. लेकिन अपनी पेंटिंग प्रदर्शित करने का अच्छा अवसर नहीं मिल रहा था. गांवों में पढ़ाई करने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग चित्रकला जैसी कला के प्रति गंभीर और जागरूक नहीं थे. जिसके कारण इस क्षेत्र में बेहतर मार्गदर्शन नहीं मिल पाया. लेकिन राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी कार्यक्रम से मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में अच्छा अवसर मिलेगा और मैं अपनी कला की प्रदर्शनी राज्य स्तर पर आयोजित कर सकूंगा.
कला क्षेत्र में सुधार के लिए सीएम ने दिया निर्देश: प्रीत राज की कला के बारे में राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि प्रीत राज जैसे कलाकारों की पेंटिंग कला में सुधार किया जाना चाहिए. ताकि आने वाले दिनों में ग्रामीण और शहरी इलाकों में रहने वाले हजारों बच्चे चित्रकला के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री न सिर्फ पेंटिंग बल्कि खेल-कूद, पढ़ाई समेत विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी लगातार बेहतर काम कर रहे हैं, वे राज्य के युवाओं के लिए एक सुंदर भविष्य बनाने में लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद प्रीत राज और उनके पिता ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में उनकी कला को बेहतर दिशा मिलेगी और वे पूरे देश-दुनिया में अपनी कला के साथ झारखंड का नाम रोशन कर सकेंगे.