रांची: महज सालभर पहले कोरोना की वजह से हमने जो तबाही देखी थी वह दृश्य हम सब की आंखों के सामने है. मौत का मंजर दोगुनी रफ्तार से एक बार फिर लौट आया है. इस बार हालात पिछली बार से भी ज्यादा बदतर है. झारखंड में कुछ दिनों पहले कोरोना के एक्टिव केस जहां 500 से कम हो गए थे वहीं, अब यह बढ़कर 12 हजार से अधिक पहुंच गया है. हर दिन कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2296 नए केस मिले हैं.
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भगवान भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था
झारखंड में हालात ऐसे हैं कि कोरोना टेस्ट कराने वालों की लंबी लाइन है. जांच के लिए दो से तीन दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है. जांच होने के बाद रिपोर्ट आने में भी काफी देर होती है. अगर रिपोर्ट निगेटिव आए तो ठीक और अगर पॉजिटिव आए अस्पताल में बेड तक खाली नहीं है. बेड के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है और बेड मिलने की संभावना ना के बराबर रहती है. अगर किसी मरीज की स्थिति नाजुक है और उसे भर्ती कराकर वेंटिलेटर पर रखा जाता है तो इसे ऑपरेट करने वाले तक की कमी है. अस्पताल में टेक्निशियन की भी भारी कमी है.
अंतिम संस्कार में भी लग रहा लंबा वक्त
झारखंड में एक तरफ कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो जा रही है. कोरोना से मरने वालों की बात करें तो पिछले एक हफ्ते में 80 से ज्यादा लोगों की जान कोरोना की वजह से गई है. अब तक कुल 1192 लोगों की जान कोरोना से कारण जा चुकी है. स्थिति ऐसी हो चुकी है कि मरने के बाद अंतिम संस्कार में भी मृतक के परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मुक्तिधाम में लोगों को कई घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.
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हाईकोर्ट ने कहा-मरने के बाद तो शांति दीजिए
रांची में कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को जलाने में हो रही दिक्कत पर झारखंड हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की. जज ने अधिकारियों से कहा कि जिंदा रहते हुए लोगों को शांति तो नहीं मिल सकी, मरने के बाद भी तो उन्हें शांति प्रदान कीजिए. हाई कोर्ट ने रांची नगर निगम को जल्द कठिनाई दूर करने और तुरंत शवों का दाह संस्कार करने को कहा है.
टेक्नीशियन की भारी कमी
सरकारी अस्पताल की बात करें तो रिम्स में मात्र 30 वेंटिलेटर ही है जो कोरोना मरीजों के लिए उपयोग किए जा रहे हैं. सदर अस्पताल में 60 वेंटीलेटर है. लेकिन आधे से ज्यादा उपयोग में नहीं लाए जा रहे हैं. सदर अस्पताल में वेंटिलेटर तो है, यहां काम करने वाले टेक्नीशियन नहीं हैं. 60 वेंटीलेटर में आधे वेंटीलेटर बंद पड़े हैं क्योंकि उन्हें चलाने वाला कोई कर्मचारी नहीं है. हाई फ्लो मशीन (एचएफएम), नॉन विजिबल वेंटीलेटर(एनआईवी), वेंटिलेटर सहित अन्य व्यवस्थाएं भी बढ़ते मरीजों के सामने चरमराती दिख रही है.
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डॉक्टर देवेश ने बताया कि संक्रमण बढ़ने की वजह से रिम्स में कई स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं. रिम्स में मैन पावर की बहुत कमी है. इसी वजह से मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है. रांची में 5922 लोग कोरोना से संक्रमित हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है और इसके चलते लोगों को काफी दिक्कत हो रही है. कोरोना के बढ़ते केस के चलते प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं. दिक्कत इस बात की है कि हर रोज कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं.