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कोरोना के बढ़ते केस से फूले प्रशासन के हाथ-पांव, मौत पर हाई कोर्ट ने कहा- मरने के बाद तो दीजिए शांति - झारखंड में कोरोना

झारखंड में कोरोना के केस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि कोरोना टेस्ट कराने वालों की लंबी लाइन है. दो से तीन दिन बाद लोगों का नंबर आ रहा है और इसके चार से पांच दिन बाद रिपोर्ट मिल रहा है. अस्पताल में बेड नहीं है और वेंटिलेटर ऑपरेट करने वाले टेक्निशियन की भी कमी है. दाह संस्कार में भी लंबा वक्त लग रहा है जिस पर हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है.

arrangements in hospital for corona patients
झारखंड में कोरोना
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Published : Apr 12, 2021, 8:59 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 12:06 PM IST

रांची: महज सालभर पहले कोरोना की वजह से हमने जो तबाही देखी थी वह दृश्य हम सब की आंखों के सामने है. मौत का मंजर दोगुनी रफ्तार से एक बार फिर लौट आया है. इस बार हालात पिछली बार से भी ज्यादा बदतर है. झारखंड में कुछ दिनों पहले कोरोना के एक्टिव केस जहां 500 से कम हो गए थे वहीं, अब यह बढ़कर 12 हजार से अधिक पहुंच गया है. हर दिन कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2296 नए केस मिले हैं.

arrangements in hospital for corona patients
रांची के अस्पतालों में टेक्निशियन की भारी कमी है

यह भी पढ़ें: रांची में कोरोना की जांच के लिए घंटों करनी पड़ती है मशक्कत, रिपोर्ट के लिए भी लंबा इंतजार

भगवान भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था

झारखंड में हालात ऐसे हैं कि कोरोना टेस्ट कराने वालों की लंबी लाइन है. जांच के लिए दो से तीन दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है. जांच होने के बाद रिपोर्ट आने में भी काफी देर होती है. अगर रिपोर्ट निगेटिव आए तो ठीक और अगर पॉजिटिव आए अस्पताल में बेड तक खाली नहीं है. बेड के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है और बेड मिलने की संभावना ना के बराबर रहती है. अगर किसी मरीज की स्थिति नाजुक है और उसे भर्ती कराकर वेंटिलेटर पर रखा जाता है तो इसे ऑपरेट करने वाले तक की कमी है. अस्पताल में टेक्निशियन की भी भारी कमी है.

arrangements in hospital for corona patients
रांची में कोरोना जांच के लिए लोगों की लंबी लाइन लग रही है

अंतिम संस्कार में भी लग रहा लंबा वक्त

झारखंड में एक तरफ कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो जा रही है. कोरोना से मरने वालों की बात करें तो पिछले एक हफ्ते में 80 से ज्यादा लोगों की जान कोरोना की वजह से गई है. अब तक कुल 1192 लोगों की जान कोरोना से कारण जा चुकी है. स्थिति ऐसी हो चुकी है कि मरने के बाद अंतिम संस्कार में भी मृतक के परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मुक्तिधाम में लोगों को कई घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.

यह भी पढ़ें: झारखंड हाई कोर्ट ने की मौखिक टिप्पणी, कहा- कोरोना संक्रमितों को मौत के बाद भी तो मिले शांति

हाईकोर्ट ने कहा-मरने के बाद तो शांति दीजिए

रांची में कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को जलाने में हो रही दिक्कत पर झारखंड हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की. जज ने अधिकारियों से कहा कि जिंदा रहते हुए लोगों को शांति तो नहीं मिल सकी, मरने के बाद भी तो उन्हें शांति प्रदान कीजिए. हाई कोर्ट ने रांची नगर निगम को जल्द कठिनाई दूर करने और तुरंत शवों का दाह संस्कार करने को कहा है.

arrangements in hospital for corona patients
कोरोना मरीजों के मरने के बाद परिजनों को अंतिम संस्कार में लंबा वक्त लग रहा है

टेक्नीशियन की भारी कमी

सरकारी अस्पताल की बात करें तो रिम्स में मात्र 30 वेंटिलेटर ही है जो कोरोना मरीजों के लिए उपयोग किए जा रहे हैं. सदर अस्पताल में 60 वेंटीलेटर है. लेकिन आधे से ज्यादा उपयोग में नहीं लाए जा रहे हैं. सदर अस्पताल में वेंटिलेटर तो है, यहां काम करने वाले टेक्नीशियन नहीं हैं. 60 वेंटीलेटर में आधे वेंटीलेटर बंद पड़े हैं क्योंकि उन्हें चलाने वाला कोई कर्मचारी नहीं है. हाई फ्लो मशीन (एचएफएम), नॉन विजिबल वेंटीलेटर(एनआईवी), वेंटिलेटर सहित अन्य व्यवस्थाएं भी बढ़ते मरीजों के सामने चरमराती दिख रही है.

यह भी पढ़ें: टेक्नीशियन का टोटाः राजधानी में 146 वेंटिलेटर के भरोसे मरीज, चरमरायी स्वास्थ्य व्यवस्था

डॉक्टर देवेश ने बताया कि संक्रमण बढ़ने की वजह से रिम्स में कई स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं. रिम्स में मैन पावर की बहुत कमी है. इसी वजह से मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है. रांची में 5922 लोग कोरोना से संक्रमित हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है और इसके चलते लोगों को काफी दिक्कत हो रही है. कोरोना के बढ़ते केस के चलते प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं. दिक्कत इस बात की है कि हर रोज कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं.

रांची: महज सालभर पहले कोरोना की वजह से हमने जो तबाही देखी थी वह दृश्य हम सब की आंखों के सामने है. मौत का मंजर दोगुनी रफ्तार से एक बार फिर लौट आया है. इस बार हालात पिछली बार से भी ज्यादा बदतर है. झारखंड में कुछ दिनों पहले कोरोना के एक्टिव केस जहां 500 से कम हो गए थे वहीं, अब यह बढ़कर 12 हजार से अधिक पहुंच गया है. हर दिन कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2296 नए केस मिले हैं.

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रांची के अस्पतालों में टेक्निशियन की भारी कमी है

यह भी पढ़ें: रांची में कोरोना की जांच के लिए घंटों करनी पड़ती है मशक्कत, रिपोर्ट के लिए भी लंबा इंतजार

भगवान भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था

झारखंड में हालात ऐसे हैं कि कोरोना टेस्ट कराने वालों की लंबी लाइन है. जांच के लिए दो से तीन दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है. जांच होने के बाद रिपोर्ट आने में भी काफी देर होती है. अगर रिपोर्ट निगेटिव आए तो ठीक और अगर पॉजिटिव आए अस्पताल में बेड तक खाली नहीं है. बेड के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है और बेड मिलने की संभावना ना के बराबर रहती है. अगर किसी मरीज की स्थिति नाजुक है और उसे भर्ती कराकर वेंटिलेटर पर रखा जाता है तो इसे ऑपरेट करने वाले तक की कमी है. अस्पताल में टेक्निशियन की भी भारी कमी है.

arrangements in hospital for corona patients
रांची में कोरोना जांच के लिए लोगों की लंबी लाइन लग रही है

अंतिम संस्कार में भी लग रहा लंबा वक्त

झारखंड में एक तरफ कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो जा रही है. कोरोना से मरने वालों की बात करें तो पिछले एक हफ्ते में 80 से ज्यादा लोगों की जान कोरोना की वजह से गई है. अब तक कुल 1192 लोगों की जान कोरोना से कारण जा चुकी है. स्थिति ऐसी हो चुकी है कि मरने के बाद अंतिम संस्कार में भी मृतक के परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मुक्तिधाम में लोगों को कई घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.

यह भी पढ़ें: झारखंड हाई कोर्ट ने की मौखिक टिप्पणी, कहा- कोरोना संक्रमितों को मौत के बाद भी तो मिले शांति

हाईकोर्ट ने कहा-मरने के बाद तो शांति दीजिए

रांची में कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को जलाने में हो रही दिक्कत पर झारखंड हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की. जज ने अधिकारियों से कहा कि जिंदा रहते हुए लोगों को शांति तो नहीं मिल सकी, मरने के बाद भी तो उन्हें शांति प्रदान कीजिए. हाई कोर्ट ने रांची नगर निगम को जल्द कठिनाई दूर करने और तुरंत शवों का दाह संस्कार करने को कहा है.

arrangements in hospital for corona patients
कोरोना मरीजों के मरने के बाद परिजनों को अंतिम संस्कार में लंबा वक्त लग रहा है

टेक्नीशियन की भारी कमी

सरकारी अस्पताल की बात करें तो रिम्स में मात्र 30 वेंटिलेटर ही है जो कोरोना मरीजों के लिए उपयोग किए जा रहे हैं. सदर अस्पताल में 60 वेंटीलेटर है. लेकिन आधे से ज्यादा उपयोग में नहीं लाए जा रहे हैं. सदर अस्पताल में वेंटिलेटर तो है, यहां काम करने वाले टेक्नीशियन नहीं हैं. 60 वेंटीलेटर में आधे वेंटीलेटर बंद पड़े हैं क्योंकि उन्हें चलाने वाला कोई कर्मचारी नहीं है. हाई फ्लो मशीन (एचएफएम), नॉन विजिबल वेंटीलेटर(एनआईवी), वेंटिलेटर सहित अन्य व्यवस्थाएं भी बढ़ते मरीजों के सामने चरमराती दिख रही है.

यह भी पढ़ें: टेक्नीशियन का टोटाः राजधानी में 146 वेंटिलेटर के भरोसे मरीज, चरमरायी स्वास्थ्य व्यवस्था

डॉक्टर देवेश ने बताया कि संक्रमण बढ़ने की वजह से रिम्स में कई स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं. रिम्स में मैन पावर की बहुत कमी है. इसी वजह से मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है. रांची में 5922 लोग कोरोना से संक्रमित हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है और इसके चलते लोगों को काफी दिक्कत हो रही है. कोरोना के बढ़ते केस के चलते प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं. दिक्कत इस बात की है कि हर रोज कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं.

Last Updated : Apr 13, 2021, 12:06 PM IST
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