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Ranchi News: बच्चे अब करेंगे खेल खेल में पढ़ाई, जानिए क्या है हर्ष जोहार पाठ्यक्रम

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Published : May 4, 2023, 1:48 PM IST

झारखंड में दिल्ली की तर्ज पर हर्ष जोहार पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. इसके जरिए बच्चों को तनावमुक्त वातावरण में पढ़ाई करने के तरीके बताए जाएंगे.

हर्ष जोहार पाठ्यक्रम
हर्ष जोहार पाठ्यक्रम
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रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब खेल खेल में शिक्षा दी जाएगी. राज्य सरकार ने इसके लिए दिल्ली की तर्ज पर हर्ष जोहार पाठ्यक्रम शुरू किया है. हर्ष जोहार के जरिए बच्चों को ना केवल नैतिक शिक्षा बल्कि तनावमुक्त वातावरण में कैसे पढ़ाई करें, इसके तरीके भी बताए जाएंगे. फिलहाल, इसकी शुरुआत उत्कृष्ट विद्यालय से हो रही है, जहां बच्चों के लिए प्रतिदिन 45 मिनट की एक घंटी होगी. हालांकि, इसे हर विषय की पढ़ाई के साथ बीच में 10 मिनट हर्ष जोहार के जरिए बच्चों को तनावमुक्त किया जा सकता है. शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने इसे बच्चों को पढ़ाई के प्रति एकाग्रता लाने में सहायक होने की बात कही है, जिससे बच्चे पढ़ाई को बोझ समझने के बजाए खेल खेल में शिक्षा ग्रहण करने में सफल होंगे.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: दूसरी बार ईडी ऑफिस पहुंचे आईएएस छवि रंजन, जमीन घोटाले को लेकर पूछताछ शुरू, प्रेम कनेक्शन बनेगा आफत

क्या है हर्ष जोहार कार्यक्रम?: झारखंड सरकार का हर्ष जोहार कार्यक्रम दिल्ली के हैप्पीनेस प्रोग्राम के तर्ज पर शुरू किया जा रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रत्येक उत्कृष्ट विद्यालय के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित कर मार्गदर्शिका दी है, जिसमें बच्चों के साथ स्कूल में व्यवहार के तौर तरीके, उनकी समस्या को जानने की कोशिश और उन्हें तनावमुक्त वातावरण में शिक्षा देने की कला को बताया गया है. प्रशिक्षित दोनों शिक्षकों को अपने अपने विद्यालय में सभी शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करने को कहा गया है. शिक्षा विभाग के द्वारा तैयार हर्ष जोहार पाठ्यक्रम को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च माध्यमिक वर्ग तक लागू किया जा रहा है.

हर्ष जोहार कार्यक्रम के बारे में शिक्षक और छात्रों के विचार: उत्कृष्ट विद्यालय में तब्दील रांची के अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव +2 जिला स्कूल में चल रहे हर्ष जोहार कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कॉर्डिनेटर गोविंद बताते हैं कि इसके जरिए बच्चे तनावमुक्त होकर पढ़ाई करेंगे, जिसमें मेडिटेशन, कहानी, विविध प्रकार के खेल, हास्य, व्यंग्य, नृत्य, गायन जैसे कई एक्टिविटी किया जाता है. इस समय शिक्षक, शिक्षक नहीं बल्कि बच्चे बनकर उन्के साथ रहते हैं. प्रशिक्षक और शिक्षिका यासमीन हर्ष जोहार को बेहतरीन बताती हैं. उनका मानना है कि बच्चे फन फन मे पढ़ाई कर लेते हैं. इससे इनका ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक विकास भी होता है, जो इस उम्र के बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इधर, सरकार के हर्ष जोहार कार्यक्रम से सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थी बेहद खुश हैं. छात्र विश्वजीत, राहुल और अंकित विश्वकर्मा का मानना है कि इसके माध्यम से उन्हें काफी लाभ हो रहा है. पढ़ाई के बीच यदि फनी माहौल रहे तो बोझ नहीं लगता बल्कि जल्दी संबंधित टॉपिक समझ में आ जाता है.

बहरहाल, हर्ष जोहार पाठ्यक्रम फिलहाल उत्कृष्ट विद्यालय में शुरू किया जा रहा है. जिसको लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. जल्द ही सरकार के द्वारा इसे अन्य विद्यालयों में भी शुरू करने की तैयारी की गई है, जिससे स्कूलों में शैक्षणिक माहौल को बदला जा सके.

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रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब खेल खेल में शिक्षा दी जाएगी. राज्य सरकार ने इसके लिए दिल्ली की तर्ज पर हर्ष जोहार पाठ्यक्रम शुरू किया है. हर्ष जोहार के जरिए बच्चों को ना केवल नैतिक शिक्षा बल्कि तनावमुक्त वातावरण में कैसे पढ़ाई करें, इसके तरीके भी बताए जाएंगे. फिलहाल, इसकी शुरुआत उत्कृष्ट विद्यालय से हो रही है, जहां बच्चों के लिए प्रतिदिन 45 मिनट की एक घंटी होगी. हालांकि, इसे हर विषय की पढ़ाई के साथ बीच में 10 मिनट हर्ष जोहार के जरिए बच्चों को तनावमुक्त किया जा सकता है. शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने इसे बच्चों को पढ़ाई के प्रति एकाग्रता लाने में सहायक होने की बात कही है, जिससे बच्चे पढ़ाई को बोझ समझने के बजाए खेल खेल में शिक्षा ग्रहण करने में सफल होंगे.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: दूसरी बार ईडी ऑफिस पहुंचे आईएएस छवि रंजन, जमीन घोटाले को लेकर पूछताछ शुरू, प्रेम कनेक्शन बनेगा आफत

क्या है हर्ष जोहार कार्यक्रम?: झारखंड सरकार का हर्ष जोहार कार्यक्रम दिल्ली के हैप्पीनेस प्रोग्राम के तर्ज पर शुरू किया जा रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रत्येक उत्कृष्ट विद्यालय के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित कर मार्गदर्शिका दी है, जिसमें बच्चों के साथ स्कूल में व्यवहार के तौर तरीके, उनकी समस्या को जानने की कोशिश और उन्हें तनावमुक्त वातावरण में शिक्षा देने की कला को बताया गया है. प्रशिक्षित दोनों शिक्षकों को अपने अपने विद्यालय में सभी शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करने को कहा गया है. शिक्षा विभाग के द्वारा तैयार हर्ष जोहार पाठ्यक्रम को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च माध्यमिक वर्ग तक लागू किया जा रहा है.

हर्ष जोहार कार्यक्रम के बारे में शिक्षक और छात्रों के विचार: उत्कृष्ट विद्यालय में तब्दील रांची के अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव +2 जिला स्कूल में चल रहे हर्ष जोहार कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कॉर्डिनेटर गोविंद बताते हैं कि इसके जरिए बच्चे तनावमुक्त होकर पढ़ाई करेंगे, जिसमें मेडिटेशन, कहानी, विविध प्रकार के खेल, हास्य, व्यंग्य, नृत्य, गायन जैसे कई एक्टिविटी किया जाता है. इस समय शिक्षक, शिक्षक नहीं बल्कि बच्चे बनकर उन्के साथ रहते हैं. प्रशिक्षक और शिक्षिका यासमीन हर्ष जोहार को बेहतरीन बताती हैं. उनका मानना है कि बच्चे फन फन मे पढ़ाई कर लेते हैं. इससे इनका ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक विकास भी होता है, जो इस उम्र के बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इधर, सरकार के हर्ष जोहार कार्यक्रम से सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थी बेहद खुश हैं. छात्र विश्वजीत, राहुल और अंकित विश्वकर्मा का मानना है कि इसके माध्यम से उन्हें काफी लाभ हो रहा है. पढ़ाई के बीच यदि फनी माहौल रहे तो बोझ नहीं लगता बल्कि जल्दी संबंधित टॉपिक समझ में आ जाता है.

बहरहाल, हर्ष जोहार पाठ्यक्रम फिलहाल उत्कृष्ट विद्यालय में शुरू किया जा रहा है. जिसको लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. जल्द ही सरकार के द्वारा इसे अन्य विद्यालयों में भी शुरू करने की तैयारी की गई है, जिससे स्कूलों में शैक्षणिक माहौल को बदला जा सके.

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