रांची: आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान की तैयारी जोर शोर चल रही है. सखी मंडल की महिलाओं को 10 लाख तिरंगा बनाने का लक्ष्य दिया गया है. जिलों में स्थापित परिधान उत्पादन ट्रेनिंग-सह-प्रोडक्शन सेंटर में समूह की महिलाएं दिन रात काम कर रहीं हैं. तिरंगा निर्माण से जुड़ी लगभग 1,000 से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को ‘ध्वज कोड 2002’ के मानकों के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज निर्माण के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
रांची TPC में तिरंगा निर्माण से जुड़ी सविता देवी ने बताया कि झंडा बनाने के पहले हमें ट्रेनिंग देकर बताया गया कि तिरंगा का अनुपात 3:2 रखना है. सिलाई के समय ध्यान रखना है कि अलग रंग के धागे एक दूसरे में न जुड़े. किरण देवी भी सविता के जैसे ही तिरंगा तैयार करने में लगी हैं. उनका कहना है कि देश के सम्मान को बढ़ाने के लिए हर घर तिरंगा फहराया जाना है. यह तिरंगा हमारे हाथों से तैयार होकर जाएगा. इससे बड़ी बात और क्या होगी. महिलाओं को उम्मीद है कि केंद्र सरकार के इस पहल से तिरंगा निर्माण में जुड़ी महिलाओं को अच्छी आमदनी भी होगी.
हर घर तिरंगा अभियान के तहत सभी TPC में निर्मित झंडे संकुल स्तरीय संगठन के जरिये सभी सखी मंडल सहित सभी घरों तक पहुचाएं जायेंगे. सखी मंडल की यह महिलाएं सिर्फ राष्ट्रध्वज निर्माण ही नहीं, बल्कि आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर लोगों के घरों में जाकर उन्हें पोस्टर, बैनर्स, वीडियो के माध्यम से राष्ट्रध्वज के महत्व और उसकी गरिमा की जानकारी भी देंगी. आपको बता दें कि कोरोना के समय भी सखी मंडल की महिलाओं ने मास्क तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी.