ETV Bharat / state

दोस्त को पड़ी लड़की की एक थप्पड़ ने बदल दी ज्ञान राज की किस्मत, मां को ब्रेन हेमरेज हुआ तो छोड़ दिया ISRO का मौका - ज्ञान राज केबीसी

कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर बैठने के बाद ज्ञान राज को पूरा देश जानने लगा है. ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में ज्ञान राज ने शो के दौरान और अपनी जिंदगी को लेकर कई दिलचस्प पहलु को साझा किया.

gyan raj kbc
ज्ञान राज केबीसी
author img

By

Published : Aug 24, 2021, 5:36 PM IST

Updated : Aug 24, 2021, 6:30 PM IST

रांची: राजधानी रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर पिस्का नगड़ी गांव के रहने वाले ज्ञान राज को अब पूरा देश जानने लगा है. कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर बैठने के बाद ज्ञान राज अब परिचय के मोहताज नहीं रह गए हैं. ज्ञान राज ने केबीसी में 3.20 लाख रुपए जीते. हालांकि, ज्ञान राज 11 प्रश्नों के सही जवाब देकर 6.40 लाख रुपए जीत चुके थे. लेकिन, 12वें प्रश्न का जवाब गलत हो गया और वे 3.20 लाख पर आ गए.

यह भी पढ़ें: मिलिए रांची के फुनसुक वांगड़ू से, अमिताभ बच्चन भी हैं फैन, गांव की मिट्टी में बो रहे हैं इसरो के सपने

...जब दोस्त को पड़ी एक थप्पड़ बदली ज्ञान की जिंदगी

शो के प्रसारण के बाद ज्ञान राज से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की और इस दौरान ज्ञान ने कई दिलचस्प किस्से बताए. ज्ञान राज ने बताया कि वे कॉलेज लाइफ में एक लड़की को पसंद करते थे. एक दिन ज्ञान का दोस्त उनके पास आया और कहा कि चलो कॉलेज में कुछ काम है. ज्ञान अपने दोस्त के साथ कॉलेज पहुंचे. कॉलेज पहुंचते ही वो लड़की मिली. ज्ञान के दोस्त ने उस लड़की को प्रपोज कर दिया. प्रपोज करते ही लड़की ने ज्ञान के दोस्त को थप्पड़ जड़ दिया. ज्ञान को इससे काफी डर लगा और वे वापस पढ़ाई की तरफ मुड़े और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में चल पड़े.

लव लाइफ शुरू होती उससे पहले ही लग गया फुल स्टॉप !

ज्ञान राज ने बताया कि जब वे कॉलेज पहुंचे तो लगा कि एक गर्लफ्रेंड होनी चाहिए. जिस लड़की को वे प्रपोज करना चाहते थे वह पढ़ने में काफी तेज थी. ज्ञान बताते हैं कि उस लड़की का स्वभाव और पढ़ाई से प्रभावित होकर वे उसे प्रपोज करना चाहते थे. लेकिन, लव लाइफ शुरू होती उससे पहले ही फुल स्टॉप लग गई. ज्ञान का कहना है कि वे थोड़े शर्मिले हैं और उस लड़की के बाद उन्हें कोई पसंद ही नहीं आई.

मां को ब्रेन हेमरेज हुआ तो छोड़ दिया ISRO का मौका

ज्ञान 2012 में 12वीं के स्टेट टॉपर थे. उन्हें कई बड़े कॉलेज में जाने का अवसर मिला. उसी दौरान उनकी मां को पैरालिसिस अटैक आ गया. अचानक शरीर के मूवमेंट में दिक्कत होने लगी. सिर में ब्लड क्लॉट हो गया. अब स्थिति ऐसी थी कि मां को देखें या इसरो जाएं. उस वक्त ज्ञान ने मां के साथ रहने का फैसला किया क्योंकि उस वक्त मां को उनके सपोर्ट की बहुत जरूरत थी. बाहर किसी बड़े कॉलेज में पढ़ने की बजाय रांची के बीआईटी मेसरा में एडमिशन लिया.

ज्ञान राज का कहना है कि वे इसरो जाकर स्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के बाद सभी बच्चों को वहीं से जॉब भी मिल जाता है. उन्हें इंडियन आर्मी से भी इंजीनियरिंग विंग का ऑफर था. लेकिन, अब ज्ञान को इसका अफसोस नहीं है क्योंकि वे ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं जिससे सैकड़ों-हजारों बच्चे इसरो जा सकें. ज्ञान राज ने कहा-"मैं इसरो नहीं जा सका तो क्या, अब हजारों बच्चों के लिए इसरो का दरवाजा खुलेगा".

नहीं आते हुए भी क्यों दिया 12वें प्रश्न का जवाब

ज्ञान 11 प्रश्नों का सही जवाब देकर 6.40 लाख रुपए जीत चुके थे और तब तक उनकी सारी लाइफलाइन खत्म हो चुकी थी. उनके सामने 12वां प्रश्न रखा गया. इसके ऑप्शन को लेकर ज्ञान कंफ्यूज थे. सवाल था-"आत्मकथात्मक पुस्तक बाबरनामा किस भाषा में लिखी गई थी". ज्ञान ने बताया कि वे चाहते तो क्विट कर सकते थे लेकिन अगर यह सवाल सही हो जाता तो वे अमिताभ बच्चन से अपनी एक दिल की बात कहते. चूंकि, यह प्रश्न आत्मकथा से जुड़ी थी तो ज्ञान अमिताभ बच्चन को यह बताना चाहते थे कि उनका भी सपना अपनी खुद की आत्मकथा लिखने की है.

यह भी पढ़ें: केबीसी एकेडमी से बदलेंगे बच्चों की तकदीरः 'कौन बनेगा करोड़पति' से मिली राशि शिक्षा के लिए खर्च करेंगे ज्ञान राज

आई विल नेवर क्विट

ईटीवी के इस सवाल पर ही कि आप आज से 20 या 25 साल बाद खुद को किस जगह देखते हैं, ज्ञान ने कहा-"आई विल नेवर क्विट". इसका मतलब मैं कभी हार नहीं मानूंगा. जहां रहूंगा हमेशा आगे बढ़ने की सोचूंगा. उन्होंने कहा कि 12वें प्रश्न के सवाल का जवाब देने के पीछे भी यही बात थी. अगर जीत जाते तो और आगे बढ़ते.

ज्ञान राज ने बताया कि वे केबीसी से मिली रकम को बच्चों के टैलेंट के लिए खर्च करेंगे. ऐसे टैलेंटेड बच्चों को खोजेंगे जिसका सपना कुछ बड़ा करने का हो. उन्होंने बताया कि वे चाहेंगे कि देश में कोई कहीं भी हो, उनके माध्यम से टैलेंटेड बच्चों को मदद मिले. झारखंड के आदिवासी बच्चों को प्रायॉरिटी देंगे.

शुरू में नर्वस हुआ, फिर अच्छा महसूस करने लगा

केबीसी में गेम को लेकर ज्ञान ने बताया कि सबसे ज्यादा मुश्किल सवाल फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट का था. हॉट सीट तक पहुंच गया तो उम्मीद थी कि काफी ऊपर तक जाऊंगा. काफी नर्वस फील कर रहा था लेकिन अमिताभ बच्चन काफी नॉर्मल फील करा रहे थे. उन्होंने काफी हौसला दिया. शुरू में घबराहट हुई लेकिन फिर अच्छा महसूस करने लगा.

थ्री-इडियट्स से हुए मोटिवेट

यादगार क्षणों को लेकर ज्ञान बताते हैं कि 2004 में जब वे क्लास-2 में थे तब गांव में पहला कंप्यूटर उनके घर आया. कंप्यूटर देखकर यह दिमाग में आया था कि भविष्य में कंप्यूटर इंजीनियर बनेंगे. 2010 में आई फिल्म थ्री-इडियट्स से मोटिवेट हुए और फिर लगा कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए जान लगा देंगे.

रांची: राजधानी रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर पिस्का नगड़ी गांव के रहने वाले ज्ञान राज को अब पूरा देश जानने लगा है. कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर बैठने के बाद ज्ञान राज अब परिचय के मोहताज नहीं रह गए हैं. ज्ञान राज ने केबीसी में 3.20 लाख रुपए जीते. हालांकि, ज्ञान राज 11 प्रश्नों के सही जवाब देकर 6.40 लाख रुपए जीत चुके थे. लेकिन, 12वें प्रश्न का जवाब गलत हो गया और वे 3.20 लाख पर आ गए.

यह भी पढ़ें: मिलिए रांची के फुनसुक वांगड़ू से, अमिताभ बच्चन भी हैं फैन, गांव की मिट्टी में बो रहे हैं इसरो के सपने

...जब दोस्त को पड़ी एक थप्पड़ बदली ज्ञान की जिंदगी

शो के प्रसारण के बाद ज्ञान राज से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की और इस दौरान ज्ञान ने कई दिलचस्प किस्से बताए. ज्ञान राज ने बताया कि वे कॉलेज लाइफ में एक लड़की को पसंद करते थे. एक दिन ज्ञान का दोस्त उनके पास आया और कहा कि चलो कॉलेज में कुछ काम है. ज्ञान अपने दोस्त के साथ कॉलेज पहुंचे. कॉलेज पहुंचते ही वो लड़की मिली. ज्ञान के दोस्त ने उस लड़की को प्रपोज कर दिया. प्रपोज करते ही लड़की ने ज्ञान के दोस्त को थप्पड़ जड़ दिया. ज्ञान को इससे काफी डर लगा और वे वापस पढ़ाई की तरफ मुड़े और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में चल पड़े.

लव लाइफ शुरू होती उससे पहले ही लग गया फुल स्टॉप !

ज्ञान राज ने बताया कि जब वे कॉलेज पहुंचे तो लगा कि एक गर्लफ्रेंड होनी चाहिए. जिस लड़की को वे प्रपोज करना चाहते थे वह पढ़ने में काफी तेज थी. ज्ञान बताते हैं कि उस लड़की का स्वभाव और पढ़ाई से प्रभावित होकर वे उसे प्रपोज करना चाहते थे. लेकिन, लव लाइफ शुरू होती उससे पहले ही फुल स्टॉप लग गई. ज्ञान का कहना है कि वे थोड़े शर्मिले हैं और उस लड़की के बाद उन्हें कोई पसंद ही नहीं आई.

मां को ब्रेन हेमरेज हुआ तो छोड़ दिया ISRO का मौका

ज्ञान 2012 में 12वीं के स्टेट टॉपर थे. उन्हें कई बड़े कॉलेज में जाने का अवसर मिला. उसी दौरान उनकी मां को पैरालिसिस अटैक आ गया. अचानक शरीर के मूवमेंट में दिक्कत होने लगी. सिर में ब्लड क्लॉट हो गया. अब स्थिति ऐसी थी कि मां को देखें या इसरो जाएं. उस वक्त ज्ञान ने मां के साथ रहने का फैसला किया क्योंकि उस वक्त मां को उनके सपोर्ट की बहुत जरूरत थी. बाहर किसी बड़े कॉलेज में पढ़ने की बजाय रांची के बीआईटी मेसरा में एडमिशन लिया.

ज्ञान राज का कहना है कि वे इसरो जाकर स्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के बाद सभी बच्चों को वहीं से जॉब भी मिल जाता है. उन्हें इंडियन आर्मी से भी इंजीनियरिंग विंग का ऑफर था. लेकिन, अब ज्ञान को इसका अफसोस नहीं है क्योंकि वे ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं जिससे सैकड़ों-हजारों बच्चे इसरो जा सकें. ज्ञान राज ने कहा-"मैं इसरो नहीं जा सका तो क्या, अब हजारों बच्चों के लिए इसरो का दरवाजा खुलेगा".

नहीं आते हुए भी क्यों दिया 12वें प्रश्न का जवाब

ज्ञान 11 प्रश्नों का सही जवाब देकर 6.40 लाख रुपए जीत चुके थे और तब तक उनकी सारी लाइफलाइन खत्म हो चुकी थी. उनके सामने 12वां प्रश्न रखा गया. इसके ऑप्शन को लेकर ज्ञान कंफ्यूज थे. सवाल था-"आत्मकथात्मक पुस्तक बाबरनामा किस भाषा में लिखी गई थी". ज्ञान ने बताया कि वे चाहते तो क्विट कर सकते थे लेकिन अगर यह सवाल सही हो जाता तो वे अमिताभ बच्चन से अपनी एक दिल की बात कहते. चूंकि, यह प्रश्न आत्मकथा से जुड़ी थी तो ज्ञान अमिताभ बच्चन को यह बताना चाहते थे कि उनका भी सपना अपनी खुद की आत्मकथा लिखने की है.

यह भी पढ़ें: केबीसी एकेडमी से बदलेंगे बच्चों की तकदीरः 'कौन बनेगा करोड़पति' से मिली राशि शिक्षा के लिए खर्च करेंगे ज्ञान राज

आई विल नेवर क्विट

ईटीवी के इस सवाल पर ही कि आप आज से 20 या 25 साल बाद खुद को किस जगह देखते हैं, ज्ञान ने कहा-"आई विल नेवर क्विट". इसका मतलब मैं कभी हार नहीं मानूंगा. जहां रहूंगा हमेशा आगे बढ़ने की सोचूंगा. उन्होंने कहा कि 12वें प्रश्न के सवाल का जवाब देने के पीछे भी यही बात थी. अगर जीत जाते तो और आगे बढ़ते.

ज्ञान राज ने बताया कि वे केबीसी से मिली रकम को बच्चों के टैलेंट के लिए खर्च करेंगे. ऐसे टैलेंटेड बच्चों को खोजेंगे जिसका सपना कुछ बड़ा करने का हो. उन्होंने बताया कि वे चाहेंगे कि देश में कोई कहीं भी हो, उनके माध्यम से टैलेंटेड बच्चों को मदद मिले. झारखंड के आदिवासी बच्चों को प्रायॉरिटी देंगे.

शुरू में नर्वस हुआ, फिर अच्छा महसूस करने लगा

केबीसी में गेम को लेकर ज्ञान ने बताया कि सबसे ज्यादा मुश्किल सवाल फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट का था. हॉट सीट तक पहुंच गया तो उम्मीद थी कि काफी ऊपर तक जाऊंगा. काफी नर्वस फील कर रहा था लेकिन अमिताभ बच्चन काफी नॉर्मल फील करा रहे थे. उन्होंने काफी हौसला दिया. शुरू में घबराहट हुई लेकिन फिर अच्छा महसूस करने लगा.

थ्री-इडियट्स से हुए मोटिवेट

यादगार क्षणों को लेकर ज्ञान बताते हैं कि 2004 में जब वे क्लास-2 में थे तब गांव में पहला कंप्यूटर उनके घर आया. कंप्यूटर देखकर यह दिमाग में आया था कि भविष्य में कंप्यूटर इंजीनियर बनेंगे. 2010 में आई फिल्म थ्री-इडियट्स से मोटिवेट हुए और फिर लगा कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए जान लगा देंगे.

Last Updated : Aug 24, 2021, 6:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.