रांचीः गुरु पूर्णिमा 2020 पांच जुलाई को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. आषाढ़ की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इसको व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं क्योंकि इस दिन चारों वेदों के रचयिता वेद व्यास की जयंती भी मनाई जाती है. इस साल गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का भी योग है लेकिन भारत में ये नहीं दिखाई देगा.
मेष
मेष राशि के लोग काफी उत्साही, सक्रिय, और साहसी होते हैं. यह लोग नेतृत्व करना पसंद करते हैं और अपने दोस्तों और परिवार को इकट्ठा करके गुरु पूर्णिमा की तैयारी में सबसे पहले लग सकते हैं. वे उत्साह के साथ इस त्योहार को मना सकते हैं. इन लोगों को गुरु का आशीर्वाद भी पहले मिलता है.
वृषभ
वृषभ राशि के लोग मैत्रीपूर्ण, स्थिर, व्यावहारिक और स्थायी होते हैं. यद्यपि वृषभ एक बहुत ही शांत और पृथ्वी तत्व की राशि है, लेकिन वे उत्सव मनाना और अच्छा समय बिताना पसंद करते हैं. वे करीबी दोस्तों के साथ का आनंद लेते हैं और इस अवसर को उन लोगों के साथ मनाना पसंद करेंगे जो उन्हें प्रिय हैं. गुरु पूर्णिमा के दिन होने वाली पूजा में फूलों की सजावट इत्यादि पर यह काम करके गुरुजी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
मिथुन
मिथुन राशि वायु तत्व की राशि है और इस राशि के लोगों को बात-चीत करना बहुत पसंद होता है. जब तक उनके आसपास दिलचस्प लोग हैं और उन्हें बातचीत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलता रहता है, वे इससे काफी खुश और उत्साहित रहते हैं. यह लोग गुरु पूर्णिमा का त्योहार मानाने के दौरान कैसे गुरुजी के आशीर्वाद से उन्हें जीवन में सही दिशा मिली है, यह बात दूसरों को बताकर खुशी महसूस करते हैं.
कर्क
कर्क राशि के लोग काफी संवेदनशील और देखभाल करने वाले होते है. गुरु पूर्णिमा के दिन यह लोग दूसरे काम को छोड़ कर पहले गुरु पूजा करने के लिए निकल पड़ते हैं. इन लोगों का उनके गुरु के साथ काफी आत्मीय रिश्ता होता है और गुरु कोई आदेश दें, तो तुरंत उसमें लग जाते हैं.
सिंह
सिंह राशि के लोगो को अनुशासन पसंद होता हैं. वे चाहते हैं कि सब कुछ सही तरीके से हो और नियम के अनुसार ही कुछ किया जाएं. ये लोग पूजा के नियमों का काफी सख्ती से पालन करते हैं. गुरु पूर्णिमा के दिन ये लोग छोटे से छोटे अनुष्ठान का भी सही ढंग और नियम से पालन करते हुए गुरु आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
कन्या
कन्या राशि के लोग चीजों को जितना संभव हो उतना सरल रखना पसंद करते हैं. वे भावुक लोग हैं, लेकिन वे अपनी भावनाओं को ठीक तरीके से अभिव्यक्त नहीं कर सकते हैं. गुरु पूर्णिमा के दिन करीबी दोस्तों और परिवार के साथ ये लोग गुरु से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए निकल सकते हैं. इस दिन ये लोग गुरु से बहुत सारी आध्यात्मिक बातें करना पसंद करेंगे.
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तुला
तुला राशि एक बहुत ही मिलनसार राशि है. ये लोग अक्सर यह सोचते हैं कि किसी भी उत्सव को विशेष कैसे बनाया जाएं. ये लोग गुरु पूर्णिमा को कैसे यादगार बनाया जाएं. इस विषय में जानकार लोगों से बात कर सकते हैं.वह इस अवसर पर कुछ अलग करना पसंद करेंगे. ये लोग वह सब कुछ करेंगे, जिससे वे अपने गुरु का ध्यान अपनी तरफ कर सकें और आशीर्वाद प्राप्त कर सकें.
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के लोग अक्सर कल्पनाशील होते हैं और ये लोग अपने गुरु के लिए बहुत कुछ करना चाहेंगे. एक समय पर बहुत सोचने की वजह से कभी-कभी अपने आपको भ्रमित महसूस करते हैं. इस पूर्णिमा पर अपने आपको शांत रखते हुए गुरु ने जो ज्ञान दिया है, उसके लिए शुक्रिया अदा करने के लिए स्वयं गुरु के पास पहुंच जाएंगे. गुरु जी से आशीर्वाद प्राप्त करके अपने आपको धन्य और नसीबवाला महसूस करेंगे.
धनु
धनु राशि के लोग आध्यात्मिक होते हैं. ये लोग विभिन्न क्षेत्रों के लोगों और विभिन्न संस्कृतियों और देशों से संबंध रखने वाले लोगों को आमंत्रित करना पसंद करते हैं. उन्हें अपने धर्म और आध्यात्मिकता को दूसरो को समझाना अच्छा लगता है.गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु जी से मिलना और अपनी श्रद्धानुसार उन्हें उपहार देना इन्हें पसंद है.
मकर
मकर राशि के लोग गुरु का बहुत आदर करते हैं और उनके द्वारा दी गयी शिक्षा को बहुत गंभीरता से लेते हैं. गुरु द्वारा दी गयी शिक्षा को जीवन में उतारकर ये आगे बढ़ते हैं. खास करके कर्म के क्षेत्र में शिक्षा का उपयोग करके धर्म की रक्षा करते हैं. उन्हें दिखावा पसंद नहीं है, इसलिए वे मन ही मन निश्चित कर लेते हैं कि वह गुरु पूर्णिमा जैसे उत्सव को कैसे मनाएंगे और वह वैसा ही करते हैं.
कुंभ
कुंभ राशि के लोग नए लोगों से मिलना पसंद करते हैं.ये लोग अक्सर दूसरे लोग कैसे कोई उत्सव मानते हैं, वह भी देखते है और उसमें से कुछ अच्छा सीखने की कोशिश करते हैं.गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के दर्शन करने के लिए ये लोग अपने आध्यात्मिक मित्रों के साथ गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने जा सकते हैं.
मीन
मीन राशि जल तत्व की है और इस राशि के लोग अपने मूड के हिसाब से उत्सव को मनाने का तरीका ढूंढते हैं. काफी बार ये लोग अकेले रहना पसंद करते हैं और गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के दर्शन के लिए अकेले भी जा सकते हैं. गुरु के साथ थोड़ा वक्त बिताना और उनके मार्गदर्शन में पूजा करना इन्हें पसंद आएगा.