जयपुर. सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र बनाने के निर्णय पर विरोध को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पीएम मोदी को पत्र लिख इस मुद्दे पर जल्द निर्णय की बात कही (Kataria on Sammed Shikhar declared tourist spot) है. कटारिया ने लिखा कि इस निर्णय से जैन समाज उद्वेलित है. राजस्थान के गांव-कस्बों से लेकर शहरों में विरोध हो रहा है. विरोध के बीच दिगंबर संत ने अनशन के दौरान प्राण त्याग दिए.
ये भी पढ़ें: सम्मेद शिखर मामलाः सीएम के पत्र के बाद केंद्र का मास्टर स्ट्रोक, पारसनाथ पर नशीले पदार्थ और लाउडस्पीकर बैन
जैन समाज उद्वेलित: कटारिया ने पत्र के जरिये कहा कि जब से सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र बनाए जाने की घोषणा हुई है, तब से संपूर्ण देश का जैन समाज उद्वेलित है. हमारे हजारों साधु-संतों अपने प्रतिदिन के प्रवचनों में इस विषय को बहुत ही पीड़ा के साथ समाज के बंधुओं के सामने रख रहे हैं. सम्पूर्ण देश के जैन समाज के लोगों ने भी प्रत्येक शहर और कस्बे में अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए हजारों-लाखों की तादाद में सड़कों पर आकर मौन जूलूस के रूप में विरोध प्रकट किया है.
संत त्याग रहे प्राण: कटारिया ने कहा कि जयपुर में दिगम्बर संत ने सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र बनाए जाने का विरोध करते हुए अनशन कर अपने प्राण भी त्यागे दिए. उनके साथी अन्य दिगम्बर संत ने भी दो-तीन दिन से अन्न त्याग दिया है, जिससे उनकी भी कभी भी मृत्यु हो सकती है. कटारिया ने आगे लिखा कि इससे प्रदर्शित होता है कि जैन समाज सम्मेद शिखर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए हर प्रकार के विरोध और त्याग के लिए तैयार है. आज भी निरंतर छोटे गांव से लेकर बड़े शहरों तक जैन समाज विरोध स्वरूप सड़कों पर उतर रहा है.
केंद्र और झारखंड़ सरकार करे निर्णय: कटारिया ने पीएम मोदी से आग्रह करते हुए कहा कि केन्द्र और झारखंड़ सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार करे. उन्होंने कहा कि जैन समाज के 24 तीर्थकरों में से 20 तीर्थकरों ने सम्मेद शिखर की पहाड़ी पर अपने प्राण त्यागे हैं और अपने आपको भगवान में विलीन किया है. देश ही नहीं दुनिया के अहिंसा के पुजारी इस स्थान को अपने लिए तीर्थ स्थान मानकर प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में यहां पहुंचते हैं. पर्यटन केन्द्र होने से इस स्थान की पवित्रता में कई प्रकार की अड़चनें आएंगी, जिससे जैन समाज के लोगों को बहुत पीड़ा पहुंचेगी. इसे प्राथमिकता देते हुए इस संबंध में अतिशीघ्र निर्णय करें.
देश में हो रहा चौतरफा विरोध: बता दें कि झारखंड़ के गिरिडीह जिले में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के बाद देश में जैन समाज के लोग चौतरफा विरोध कर रहे हैं. जैन समाज के लोगों ने इंडिया गेट पर अपना विरोध जताने के बाद मामले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी ज्ञापन भी सौंपा है. विरोध लगातार कई प्रदेशों में विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं. सूरत, जयपुर, मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली में जैन समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.