रांची: झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अनुशासन कमेटी द्वारा पार्टी के दो प्रदेश महासचिव सहित पांच नेताओं को दल से छह वर्ष के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ उलगुलान करनेवाले नेताओं का हल्लाबोल जारी रहा. जिन पांच नेताओं पर अनुशासन की गाज गिरी है (Guilty of indiscipline in Jharkhand Congress), उसमें से चार नेताओं ने राज्य अतिथिशाला में संवाददाता सम्मेलन कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को अक्षम प्रदेश अध्यक्ष करार देते हुए कहा कि आज भी उनकी बात भाजपा नेता और पूर्व में प्रदेश प्रभारी रहे आरपीएन सिंह से होती है. उनके कॉल डिटेल से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा (Congress Leaders attacked state president).
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पार्टी के प्रदेश महासचिव आलोक दुबे ने कहा कि जो लोग सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने के सवाल पर पार्टी छोड़कर चले गए थे, वह आज मुझे अनुशासन का पाठ न पढ़ाएं. आलोक दुबे ने कहा कि 32 वर्षों की हमारी तपस्या में कांग्रेस का योगदान रहा है. हमारे नस-नस में कांग्रेस है और हम सभी जल्द पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे से मिलकर अपनी बात रखेंगे और उनसे कहेंगे कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की भाजपा नेता से बातचीत होती है. उनकी सीडीआर निकालकर जांच की जाए तो सब साफ हो जाएगा. आलोक दुबे ने कहा कि उनके नेता राहुल गांधी कहते हैं कि डरो मत! ऐसे में हम डरने वाले नहीं है और कांग्रेस मजबूत हो. 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हम भाजपा को परास्त करें, इसके लिए जरूरी है कि अयोग्य प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए.
अनुशासनहीनता की जद में आये प्रदेश सचिव साधुशरण गोप ने कहा कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ उनका हल्लाबोल इसलिए है क्योंकि उन्होंने राज्य में अक्सर पार्टी को कमजोर करने का काम किया है, जिसने जिलाध्यक्ष के लिए इंटरव्यू नहीं दिया और चुनाव में 700-800 वोट आया, उसे बिना इंटरव्यू के जिलाध्यक्ष बना दिया. खुद 1100 वोट लेकर प्रदेश अध्यक्ष बनें हुए हैं और हमारे जैसे 11 हजार वोट वाले नेता को कांग्रेस से बाहर कर रहे हैं. साधुशरण गोप ने कहा कि राजेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष से हटाने तक वह मुखर रहेंगे, कोई उन्हें दल से निकाल सकता है, कांग्रेसी विचारधारा से नहीं.
वहीं, कांग्रेस के डेलीगेट्स मेम्बर लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि जिस तरह से वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष ने झारखंड कांग्रेस को सिर्फ कमजोर करने का काम किया है, ऐसे में अब राज्य में किसी आदिवासी चेहरे को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाए, ताकि 2019 की तरह कांग्रेस और महागठबंधन 2024 में भाजपा को परास्त ओर सके. वहीं अनुशासनहीनता की कार्रवाई के जद में आये प्रदेश महासचिव राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि राज्य की अनुशासन कमेटी, प्रदेश अध्यक्ष के दवाब में काम कर रही है, और कांग्रेस को मजबूत करने की इच्छा रखने वाले लोगों को प्रदेश अध्यक्ष के दवाब में शो कॉज और निष्कासन की अनुशंसा की जा रही है.