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गेतलसूद डैम में फ्लोटिंग सोलर प्लांट को मिली हरी झंडी, जानिए कैसा होगा यह प्रोजेक्ट

गेतलसूद डैम में फ्लोटिंग सोलर प्लांट के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. लंबे समय से इस प्रोजेक्ट का इंतजार हो रहा था, अब जल्द ही इसका काम शुरू हो जाएगा. आइए जानते हैं इस प्लांट की क्या खासियत है.

Floating solar plant in Getalsud dam
Floating solar plant in Getalsud dam
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Published : Jul 12, 2022, 6:48 PM IST

रांची: लंबे समय से इंतजार हो रहे फ्लोटिंग सोलर प्लांट निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. अब राजधानी रांंची के सिकिदरी स्थित गेतलसूद डैम में तैरता हुआ सोलर प्लांट लगाने का कार्य जल्द ही शुरू होगा. योजना के मुताबिक गेतलसूद डैम में 100 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा. जल संसाधन विभाग से एनओसी मिलने के बाद इसका सर्वेक्षण कार्य भी हो चुका है.

इसे भी पढ़ें: सोलर एनर्जी से जगमग होगा झारखंड, सीएम हेमंत सोरेन ने की नई सौर ऊर्जा नीति लॉन्च

झारखंड ऊर्जा वितरण निगम के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है. झारखंड बिजली वितरण निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Solar Energy Corporation of India) यानी सेकी के बीच हुए करार के बाद टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है. जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक मुकेश कुमार सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि निर्णय का जिम्मा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी सेकी को दिया गया है जो अगले तीन सालों में बनकर तैयार हो जायेगा.

जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक मुकेश कुमार सिंह


अत्याधुनिक होगा फ्लोटिंग सोलर सिस्टम: गेतलसूद डैम में बनने वाला फ्लोटिंग सोलर सिस्टम अत्याधुनिक होगा. जानकारी के अनुसार डैम के बीच में पिलर लगाकर पैनल लगाया जायेगा, जो फ्लोटिंग होगा. यह पानी के लेबल से एक फीट ऊपर होगा. जैसे-जैसे पानी का लेबल बढ़ेगा, सोलर पैनल भी स्प्रिंग के जरिये ऊपर उठता जायेगा. करीब 800 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी सेकी और विश्व बैंक पैसा लगायेगा. टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही काम शुरू होगा.

योजना के मुताबिक गेतलसूद डैम के 1.6 वर्ग किमी क्षेत्र का इस्तेमाल होगा, जो पानी के ऊपर होगा. इससे पानी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. डैम में फ्लोटिंग सोलर प्लांट जो पानी की सतह से पर्याप्त ऊंचाई पर होगा, इससे मछली पालन पर असर नहीं आएगा. इससे पहले केरल में फ्लोटिंग सोलर प्लांट का प्रयोग किया जा चुका है. झारखंड में केरल से अलग तकनीक का उपयोग किया जाएगा. केरल में कंक्रीट के एंगल पर सोलर प्लांट स्थापित है. गेतलसूद में तैयार सोलर प्लांट जलस्तर बढ़ने पर पानी के बढ़ते दबाव के कारण तकनीक की मदद से खुद-ब-खुद ऊपर उठ जाएंगे.

रांची: लंबे समय से इंतजार हो रहे फ्लोटिंग सोलर प्लांट निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. अब राजधानी रांंची के सिकिदरी स्थित गेतलसूद डैम में तैरता हुआ सोलर प्लांट लगाने का कार्य जल्द ही शुरू होगा. योजना के मुताबिक गेतलसूद डैम में 100 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा. जल संसाधन विभाग से एनओसी मिलने के बाद इसका सर्वेक्षण कार्य भी हो चुका है.

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झारखंड ऊर्जा वितरण निगम के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है. झारखंड बिजली वितरण निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Solar Energy Corporation of India) यानी सेकी के बीच हुए करार के बाद टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है. जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक मुकेश कुमार सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि निर्णय का जिम्मा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी सेकी को दिया गया है जो अगले तीन सालों में बनकर तैयार हो जायेगा.

जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक मुकेश कुमार सिंह


अत्याधुनिक होगा फ्लोटिंग सोलर सिस्टम: गेतलसूद डैम में बनने वाला फ्लोटिंग सोलर सिस्टम अत्याधुनिक होगा. जानकारी के अनुसार डैम के बीच में पिलर लगाकर पैनल लगाया जायेगा, जो फ्लोटिंग होगा. यह पानी के लेबल से एक फीट ऊपर होगा. जैसे-जैसे पानी का लेबल बढ़ेगा, सोलर पैनल भी स्प्रिंग के जरिये ऊपर उठता जायेगा. करीब 800 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी सेकी और विश्व बैंक पैसा लगायेगा. टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही काम शुरू होगा.

योजना के मुताबिक गेतलसूद डैम के 1.6 वर्ग किमी क्षेत्र का इस्तेमाल होगा, जो पानी के ऊपर होगा. इससे पानी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. डैम में फ्लोटिंग सोलर प्लांट जो पानी की सतह से पर्याप्त ऊंचाई पर होगा, इससे मछली पालन पर असर नहीं आएगा. इससे पहले केरल में फ्लोटिंग सोलर प्लांट का प्रयोग किया जा चुका है. झारखंड में केरल से अलग तकनीक का उपयोग किया जाएगा. केरल में कंक्रीट के एंगल पर सोलर प्लांट स्थापित है. गेतलसूद में तैयार सोलर प्लांट जलस्तर बढ़ने पर पानी के बढ़ते दबाव के कारण तकनीक की मदद से खुद-ब-खुद ऊपर उठ जाएंगे.

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