रांची: कांके विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक समरी लाल की मुसीबत बढ़ती दिख रही है. राज्यपाल रमेश बैस ने उनकी सदस्यता पर फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा है. दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने राज्यपाल को पत्र लिखकर समरी लाल की सदस्यता मामले में चुनाव आयोग से राय लेकर फैसला लेने का आग्रह किया था.
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आपको बता दें समरी लाल ने एससी के लिए रिजर्व कांके विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. लेकिन इसी सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुरेश बैठा ने उनके जाति प्रमाण पत्र पर सवाल खड़े किए थे. इसको लेकर झारखंड हाई कोर्ट में भी याचिका दायर है. इसी बीच कल्याण सचिव की अध्यक्षता में गठित छानबीन समिति ने समरी लाल को साल 2009 में आवंटित जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया. समिति का कहना था कि समरी लाल मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं और आजीविका चलाने के लिए रांची में बसे थे. लेकिन उन्होंने गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर रिजर्व सीट से चुनाव लड़ा था.
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हालाकि समरी लाल कहते आए हैं कि वह 1985 से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने झामुमो और राजद के टिकट पर भी चुनाव लड़ा है. लेकिन अबतक किसी ने भी उनके जाति प्रमाण पत्र पर सवाल नहीं उठाया था. इस मामले को लेकर झारखंड में खूब राजनीति हो रही है. कांग्रेस ने राजभवन की तरफ से संज्ञान लेने में देरी करने पर गंभीर सवाल खड़े किए थे.
इससे पहले खनन पट्टा मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता और दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन की कंपनियों में भागीदारी के हवाले से सदस्यता रद्द करने की मांग की गई थी. सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े मामले की सुनवाई 14 जून और बसंत सोरोन के मामले की सुनवाई 15 जून को चुनाव आयोग में होनी है.