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उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ राज्यपाल की बैठक, विश्वविद्यालयों की समस्याओं पर हुई चर्चा

राज्यपाल सह झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने उच्च शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान दिव्यांगजनों के आरक्षण में विभाग को यूनिट मानने की जगह विश्वविद्यालय को यूनिट मानने की सलाह दी.

Governor ramesh bais meeting with officials of Higher Education Department problems of universities discussed
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ राज्यपाल की बैठक
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Published : May 23, 2022, 10:58 PM IST

रांचीः राज्यपाल सह झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने उच्च शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस मौके पर राजभवन में विश्वविद्यालयों के विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा हुई है.

ये भी पढ़ें-झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ राज्यपाल ने की बैठक, शिक्षा में सुधार को लेकर हुई चर्चा


राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने बैठक में कहा कि कार्य प्रणाली में गति लाने की जरूरत है. फाइल का आदान-प्रदान करने से नहीं बात नहीं बनेगी. बल्कि इन फाइलों का निपटारा होना भी जरूरी है. झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की एकेडमिक गतिविधियों की रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में स्टेच्यू निर्माण की प्रक्रिया वर्ष 2017 से चल रही है और अब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ है. यह गंभीर विषय है. हालांकि उच्च शिक्षा विभाग ने इससे जुड़ी रिपोर्ट राजभवन को सौंप दी है. इस मौके पर इसी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को लेकर भी समीक्षा हुई है.

राज्यपाल रमेश बैस ने शिक्षक प्रोन्नति की दिशा में वर्ष 2010 से 2018 तक की अवधि के लिए कार्रवाई पर भी बात की. वहीं विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पीजी विभागों में शिक्षकों के 70 पद, डीएसपीएमयू में शिक्षक व शिक्षकेतरकर्मियों के पदों की स्वीकृति के संदर्भ में भी चर्चा हुई है. इसके अलावा राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में दिव्यांगजनों के आरक्षण संबंधी विषय पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि विभाग को एक यूनिट नहीं बल्कि विश्वविद्यालय को यूनिट माना जाए तो दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत झारखंड सरकार के अधीन पदों और सेवाओं की रिक्तियों में उनकी भागीदारी बढ़ेगी. उन्होंने झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए स्थान चिन्हित करने को लेकर भी निर्देश दिए हैं. राज्यपाल ने एक बार फिर विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों और पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर जेपीएससी से जवाब मांगा है.

रिक्तियों को लेकर चर्चाः बताते चलें कि रांची विवि में शिक्षकों के स्वीकृत पद 1032 के विरुद्ध 674 रिक्त पद हैं. डीएसपीएमयू में शिक्षकों के स्वीकृत पद 166 के विरुद्ध 111 रिक्त पद हैं. कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा में शिक्षकों के स्वीकृत पद 994 के विरुद्ध 719 रिक्त पद हैं .इसी तरीके से तमाम विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इसे राज्यपाल ने गंभीरता से लेने के लिए अधिकारियों को कहा है. उन्होंने झारखंड लोक सेवा आयोग को इन विभागों में नियुक्ति के लिए समीक्षा करने का निर्देश दिया है और गंभीरता पूर्वक इस दिशा में कदम उठाने का आदेश दिया गया है. इस बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन कुलकर्णी और उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.

रांचीः राज्यपाल सह झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने उच्च शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस मौके पर राजभवन में विश्वविद्यालयों के विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा हुई है.

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राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने बैठक में कहा कि कार्य प्रणाली में गति लाने की जरूरत है. फाइल का आदान-प्रदान करने से नहीं बात नहीं बनेगी. बल्कि इन फाइलों का निपटारा होना भी जरूरी है. झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की एकेडमिक गतिविधियों की रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में स्टेच्यू निर्माण की प्रक्रिया वर्ष 2017 से चल रही है और अब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ है. यह गंभीर विषय है. हालांकि उच्च शिक्षा विभाग ने इससे जुड़ी रिपोर्ट राजभवन को सौंप दी है. इस मौके पर इसी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को लेकर भी समीक्षा हुई है.

राज्यपाल रमेश बैस ने शिक्षक प्रोन्नति की दिशा में वर्ष 2010 से 2018 तक की अवधि के लिए कार्रवाई पर भी बात की. वहीं विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पीजी विभागों में शिक्षकों के 70 पद, डीएसपीएमयू में शिक्षक व शिक्षकेतरकर्मियों के पदों की स्वीकृति के संदर्भ में भी चर्चा हुई है. इसके अलावा राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में दिव्यांगजनों के आरक्षण संबंधी विषय पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि विभाग को एक यूनिट नहीं बल्कि विश्वविद्यालय को यूनिट माना जाए तो दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत झारखंड सरकार के अधीन पदों और सेवाओं की रिक्तियों में उनकी भागीदारी बढ़ेगी. उन्होंने झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए स्थान चिन्हित करने को लेकर भी निर्देश दिए हैं. राज्यपाल ने एक बार फिर विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों और पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर जेपीएससी से जवाब मांगा है.

रिक्तियों को लेकर चर्चाः बताते चलें कि रांची विवि में शिक्षकों के स्वीकृत पद 1032 के विरुद्ध 674 रिक्त पद हैं. डीएसपीएमयू में शिक्षकों के स्वीकृत पद 166 के विरुद्ध 111 रिक्त पद हैं. कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा में शिक्षकों के स्वीकृत पद 994 के विरुद्ध 719 रिक्त पद हैं .इसी तरीके से तमाम विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इसे राज्यपाल ने गंभीरता से लेने के लिए अधिकारियों को कहा है. उन्होंने झारखंड लोक सेवा आयोग को इन विभागों में नियुक्ति के लिए समीक्षा करने का निर्देश दिया है और गंभीरता पूर्वक इस दिशा में कदम उठाने का आदेश दिया गया है. इस बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन कुलकर्णी और उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.

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