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राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य के पर्यटन क्षेत्र के विकास पर दिया जोर, कहा- पर्यटन में असीम संभावना - राज्यपाल रमेश बैस

राज्यपाल रमेश बैस ने शुक्रवार को होटल प्रबंधन संस्थान रांची द्वारा आयोजित पलाश के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सेदारी की. इस दौरान उन्होंने राज्य के पर्यटन स्थलों के विकास पर जोर दिया.

Governor Ramesh Bais inaugurated International Conference on PALASH
राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य के पर्यटन क्षेत्र के विकास पर दिया जोर
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Published : Mar 11, 2022, 10:25 PM IST

रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने शुक्रवार को कहा कि झारखंड में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. हमारा राज्य प्राकृतिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध और भाग्यशाली है. राज्य में अपेक्षित गति से पर्यटन का विकास नहीं हुआ है. हमें इसे और विकसित करने की आवश्यकता है. राज्यपाल रमेश बैस ने यह बातें होटल प्रबंधन संस्थान रांची द्वारा आयोजित पलाश यानी Promotion and Advertising of Leisure Activities for Sustainability of Hospitality विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कही.

ये भी पढ़ें-छठी JPSC की संशोधित मेरिट लिस्ट जारी, हटाए गए 60 अधिकारी

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि भारत की संस्कृति और सभ्यता संपूर्ण विश्व में सराही जाती है. हमारी संस्कृति और कला की पूरे विश्व में पहचान है. चाहे अहिंसा का नारा हो या फिर वसुधैव कुटुम्बकम.. इन सभी विचारों ने हमारी ही पावन माटी में जन्म लिया है. हमारे दर्शन में अतिथि देवो भवः का उल्लेख है, जिसका अर्थ है अतिथि भगवान होता है. हमारे देश के ये विचार हमारे मूल्यों का आधार हैं. भारत में पर्यटन के विकास में इस भाव व दृष्टि का अहम योगदान रहा है. राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड में पर्यटन की असीम संभावनाओं की बात कहते हुए कहा कि हमारा राज्य प्राकृतिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध और भाग्यशाली है. यह राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है. इसलिए हमें इस पर और ध्यान देने की जरूरत है. राज्य में अपेक्षित गति से अभी पर्यटन का विकास नहीं हुआ है. इसमें हम सभी को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत है. पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा ताकि राज्य के पर्यटन स्थलों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हो और लोग यहां आने के प्रति अधिक-से-अधिक आकर्षित हों.

राज्यपाल ने कहा कि मैंने पर्यटन सचिव से झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में हुए कार्यों की जानकारी प्राप्त की है. बिहार में जिस प्रकार बुद्धिस्ट सर्किट है, उसी तरह इस राज्य में भी धार्मिक एवं प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर महत्वपूर्ण जगहों का सर्किट बनाया जा सकता है. आज का जमाना मार्केटिंग और पब्लिसिटी का है. साहिबगंज में फॉसिल्स पार्क हैं जो करोड़ों साल पुराने हैं जिसे हम अब तक राष्ट्रीय स्तर पर नहीं ले जा सके हैं. झारखंड राज्य के धार्मिक और पर्यटन क्षेत्रों पर बुकलेट तैयार कर प्रचार-प्रसार किया जा सकता है. इस सम्मेलन का उद्देश्य यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य और संस्कृति से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए पर्यटन और आतिथ्य के शोधकर्ताओं को एक साथ लाना है. सम्मेलन में पर्यटन क्षेत्र में वर्तमान और उभरती चुनौतियों और मुद्दों को देखते हुए रूपरेखा तैयार की जाएगी.

रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने शुक्रवार को कहा कि झारखंड में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. हमारा राज्य प्राकृतिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध और भाग्यशाली है. राज्य में अपेक्षित गति से पर्यटन का विकास नहीं हुआ है. हमें इसे और विकसित करने की आवश्यकता है. राज्यपाल रमेश बैस ने यह बातें होटल प्रबंधन संस्थान रांची द्वारा आयोजित पलाश यानी Promotion and Advertising of Leisure Activities for Sustainability of Hospitality विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कही.

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राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि भारत की संस्कृति और सभ्यता संपूर्ण विश्व में सराही जाती है. हमारी संस्कृति और कला की पूरे विश्व में पहचान है. चाहे अहिंसा का नारा हो या फिर वसुधैव कुटुम्बकम.. इन सभी विचारों ने हमारी ही पावन माटी में जन्म लिया है. हमारे दर्शन में अतिथि देवो भवः का उल्लेख है, जिसका अर्थ है अतिथि भगवान होता है. हमारे देश के ये विचार हमारे मूल्यों का आधार हैं. भारत में पर्यटन के विकास में इस भाव व दृष्टि का अहम योगदान रहा है. राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड में पर्यटन की असीम संभावनाओं की बात कहते हुए कहा कि हमारा राज्य प्राकृतिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध और भाग्यशाली है. यह राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है. इसलिए हमें इस पर और ध्यान देने की जरूरत है. राज्य में अपेक्षित गति से अभी पर्यटन का विकास नहीं हुआ है. इसमें हम सभी को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत है. पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा ताकि राज्य के पर्यटन स्थलों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हो और लोग यहां आने के प्रति अधिक-से-अधिक आकर्षित हों.

राज्यपाल ने कहा कि मैंने पर्यटन सचिव से झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में हुए कार्यों की जानकारी प्राप्त की है. बिहार में जिस प्रकार बुद्धिस्ट सर्किट है, उसी तरह इस राज्य में भी धार्मिक एवं प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर महत्वपूर्ण जगहों का सर्किट बनाया जा सकता है. आज का जमाना मार्केटिंग और पब्लिसिटी का है. साहिबगंज में फॉसिल्स पार्क हैं जो करोड़ों साल पुराने हैं जिसे हम अब तक राष्ट्रीय स्तर पर नहीं ले जा सके हैं. झारखंड राज्य के धार्मिक और पर्यटन क्षेत्रों पर बुकलेट तैयार कर प्रचार-प्रसार किया जा सकता है. इस सम्मेलन का उद्देश्य यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य और संस्कृति से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए पर्यटन और आतिथ्य के शोधकर्ताओं को एक साथ लाना है. सम्मेलन में पर्यटन क्षेत्र में वर्तमान और उभरती चुनौतियों और मुद्दों को देखते हुए रूपरेखा तैयार की जाएगी.

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