रांची: राजधानी रांची के आर्यभट्ट सभागार में इंडियन नेचुरोपैथी आर्गनाइजेशन की ओर से एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि कहा कि योग, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद भारत के लिए कोई नया विषय नहीं है. सम्पूर्ण विश्व को ये हमारे देश की देन है. आज विदेशों से लोग शांति की खोज में भारत आ रहे हैं.
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राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि एक बार रूस भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि सड़कों पर ढोलक लिए महिलाएं भारतीय परिधान में हरे रामा, हरे कृष्णा गा रहीं हैं. राज्यपाल ने यह भी कहा कि आज अपार संपत्ति होते हुए भी लोग स्वास्थ्य कारणों से मनचाहा खा नहीं सकते हैं. हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, जिस पर समय-समय पर ध्यान देना चाहिए. आज हमारे रसोईघर में जितने भी मसाले हैं जैसे- काली मिर्च, लौंग, दालचीनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. हमें यह जानकारी होनी चाहिए कि कितनी मात्रा में क्या लेना चाहिए.
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि हमें अपनी जीवनशैली अनुशासित करनी चाहिए. राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि राज भवन में औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं. पौधे का कौन सा भाग किस बीमारी में लाभदायक होगा, लिखा होगा. राज्यपाल ने कहा कि हमें बच्चों को नेचुरोपैथी से अवगत कराना चाहिए. उन्हें उचित आहार लेना चाहिए. ताकि वे सदा स्वस्थ रहें. उन्होंने कहा कि संतुलित मात्रा में भोजन ग्रहण करने, पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करने, व्यायाम करने, योग व ध्यान करने से मनुष्य शारीरिक व मानसिक रूप से ऊर्जान्वित रहता है. इंडियन नेचुरोपैथी ऑर्गनाइजेशन बिहार एंड झारखंड द्वारा आर्यभट्ट सभागार में आयोजित सेमिनार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायन देव आदि शामिल हुए.