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ऊर्जा का संरक्षण जरूरी नहीं तो खतरे में पड़ जाएगी मानव सभ्यताः द्रौपदी मुर्मू

देश भर में तेल और प्राकृतिक गैस कंपनियों के साथ पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संगठन की तरफ से 16 जनवरी से 15 फरवरी तक ऊर्जा संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने ऊर्जा के महत्व पर प्रकाश डाला.

governor draupadi murmu highlighted the importance of energy in ranchi
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू
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Published : Jan 18, 2021, 5:34 PM IST

Updated : Jan 18, 2021, 9:21 PM IST

रांचीः तेल और प्राकृतिक गैस कंपनियों के साथ पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संगठन की तरफ से 16 जनवरी से 15 फरवरी तक ऊर्जा संरक्षण अभियान का आयोजन किया जा रहा है. इसका थीम सक्षम-2021 है. इस अभियान से जुड़कर झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने ऊर्जा के महत्व और आम लोगों की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला.

भारत विश्व में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वर्तमान में भारत विश्व में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. यहां पेट्रोलियम पदार्थों की काफी मांग है. तेल और प्राकृतिक गैस का योगदान देश में कुल ऊर्जा की आवश्यकता का एक तिहाई से अधिक है. इसके सीमित उपलब्धता को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण पर विशेष बल देने की जरूरत है.

दूसरे शब्दों में प्रकृति में उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित है. बढ़ती जनसंख्या के साथ आवश्यकताएं भी बढ़ती जा रहीं हैं. हर दिन सड़कों पर मोटर गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है. ट्रेन और हवाई जहाज की संख्या भी बढ़ती जा रही है, इसलिए जरूरी है कि पेट्रोलियम का बेहतर और प्रभावी तरीके से कुशल उपयोग करके संरक्षित किया जाए. ऐसा करने से जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं के समाधान में भी मदद मिलेगी.

इसे भी पढ़ें- सुमंत मोहंती बने खेलो इंडिया टैलेंट आइडेंटिफिकेशन कमेटी के सदस्य, खिलाड़ियों को तराशेगी यह कमेटी


संसाधनों को विकसित करना जरूरी
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सभी का दायित्व है कि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ्य जीवन यापन करने का सुनहरा मौका मुहैया कराया जाए. ऊर्जा के विकल्प के तौर पर अन्य संसाधनों को विकसित करना जरूरी है. समय रहते इस दिशा में काम नहीं हुआ तो पूरी मानव सभ्यता ही खतरे में पड़ सकती है.

आज विश्व भर में ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा के नवीन श्रोतों को विकसित करने के महत्व को समझा जा रहा है. यही वजह है कि सौर ऊर्जा को तबज्जो दिया जा रहा है. राज्यपाल ने उम्मीद जताई है कि भारत के वैज्ञानिक भी ऊर्जा के नए संसाधनों की खोज और इसके विकास में सफल होंगे.

रांचीः तेल और प्राकृतिक गैस कंपनियों के साथ पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संगठन की तरफ से 16 जनवरी से 15 फरवरी तक ऊर्जा संरक्षण अभियान का आयोजन किया जा रहा है. इसका थीम सक्षम-2021 है. इस अभियान से जुड़कर झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने ऊर्जा के महत्व और आम लोगों की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला.

भारत विश्व में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वर्तमान में भारत विश्व में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. यहां पेट्रोलियम पदार्थों की काफी मांग है. तेल और प्राकृतिक गैस का योगदान देश में कुल ऊर्जा की आवश्यकता का एक तिहाई से अधिक है. इसके सीमित उपलब्धता को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण पर विशेष बल देने की जरूरत है.

दूसरे शब्दों में प्रकृति में उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित है. बढ़ती जनसंख्या के साथ आवश्यकताएं भी बढ़ती जा रहीं हैं. हर दिन सड़कों पर मोटर गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है. ट्रेन और हवाई जहाज की संख्या भी बढ़ती जा रही है, इसलिए जरूरी है कि पेट्रोलियम का बेहतर और प्रभावी तरीके से कुशल उपयोग करके संरक्षित किया जाए. ऐसा करने से जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं के समाधान में भी मदद मिलेगी.

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संसाधनों को विकसित करना जरूरी
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सभी का दायित्व है कि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ्य जीवन यापन करने का सुनहरा मौका मुहैया कराया जाए. ऊर्जा के विकल्प के तौर पर अन्य संसाधनों को विकसित करना जरूरी है. समय रहते इस दिशा में काम नहीं हुआ तो पूरी मानव सभ्यता ही खतरे में पड़ सकती है.

आज विश्व भर में ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा के नवीन श्रोतों को विकसित करने के महत्व को समझा जा रहा है. यही वजह है कि सौर ऊर्जा को तबज्जो दिया जा रहा है. राज्यपाल ने उम्मीद जताई है कि भारत के वैज्ञानिक भी ऊर्जा के नए संसाधनों की खोज और इसके विकास में सफल होंगे.

Last Updated : Jan 18, 2021, 9:21 PM IST
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