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पलामू बालिका गृह कांड: भाजपा ने की हाइकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में उच्चस्तरीय जांच की मांग - BALIKA GRIH CASE

पलामू बालिका गृह मामले पर भाजपा का हेमंत सरकार पर हमला. पार्टी ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की.

BJP targeted Hemant government over Palamu Balika Grih case
पलामू बालिका गृह का भवन और भाजपा नेता अजय साह (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 1, 2024, 10:21 PM IST

रांची: पलामू बालिका गृह कांड की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए भाजपा ने राज्य सरकार पर बालिकाओं की सुरक्षा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए झारखंड सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.

झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने पलामू बालिका गृह कांड की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता है. पलामू में बालिका से यौन शोषण की तुलना मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से करते हुए कहा कि यह हेमंत सरकार की विफलता को दर्शाता है.

बालिका गृह भी हेमंत राज में सुरक्षित नहीं- भाजपा

झारखंड के पलामू जिला में स्थित बालिका गृह में बच्ची के साथ यौन शोषण की घटना पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने प्रेस रिलीज जारी किया है. इस रिलीज के द्वारा कहा कि इस तरह की गंभीर घटना यह दर्शाती है कि राज्य में तंत्र और प्रशासन पूरी तरह फेल हो चुका है. बालिका गृह में उन बच्चियों को रखा जाता है, जो पहले ही यौन अपराधों का शिकार हो चुकी होती हैं, सरकार का उद्देश्य उन्हें वहां सुरक्षित वातावरण देना होता है. लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार में अगर बालिका गृह भी सुरक्षित नहीं रहे और वही स्थान अपराध का केंद्र बन जाए तो यह अत्यंत शर्मनाक और चिंताजनक स्थिति है.

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अब राज्य में रक्षक ही भक्षक बन गए हैं. यौन शोषण की इस घटना को गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि बालिका गृह में बच्चियों पर अधिकारियों को खुश करने का दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने सवाल उठाया कि यह जानना जरूरी है कि ये अधिकारी कौन थे? ऐसे में पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच बेहद जरूरी है. इसकी जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए.

उन्होंने बताया कि बालिका गृह पर बाल कल्याण समिति, जिला कलेक्टर और कल्याण विभाग का नियंत्रण होता है. ऐसे में यह घटना सरकार की कार्यक्षमता और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़ा करती है. भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि तीन साल पहले राजधानी रांची के एक बाल गृह में भी इसी प्रकार का मामला सामने आया था, लेकिन राज्य सरकार ने इससे कोई सबक नहीं लिया.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना राज्य सरकार की बच्चों की सुरक्षा के प्रति उदासीनता को उजागर करती है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के दबाव के बाद ही तीन साल पहले झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग का गठन किया गया. इसके बावजूद, पिछले एक साल से आयोग के अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है, जो सरकार की लापरवाही को दर्शाता है.

भाजपा नेता अजय साह ने पलामू की घटना की तुलना बिहार के कुख्यात मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से करते हुए कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच और निष्पक्षके साथ साथ कठोर कार्रवाई हो.

इसे भी पढ़ें- पलामू बालिका गृह कांड: समाज कल्याण विभाग ने भी शुरू की जांच, भवन का सीसीटीवी जब्त

इसे भी पढे़ं- पलामू बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण, गंभीर धाराओं में एफआईआर की तैयारी

रांची: पलामू बालिका गृह कांड की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए भाजपा ने राज्य सरकार पर बालिकाओं की सुरक्षा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए झारखंड सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.

झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने पलामू बालिका गृह कांड की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता है. पलामू में बालिका से यौन शोषण की तुलना मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से करते हुए कहा कि यह हेमंत सरकार की विफलता को दर्शाता है.

बालिका गृह भी हेमंत राज में सुरक्षित नहीं- भाजपा

झारखंड के पलामू जिला में स्थित बालिका गृह में बच्ची के साथ यौन शोषण की घटना पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने प्रेस रिलीज जारी किया है. इस रिलीज के द्वारा कहा कि इस तरह की गंभीर घटना यह दर्शाती है कि राज्य में तंत्र और प्रशासन पूरी तरह फेल हो चुका है. बालिका गृह में उन बच्चियों को रखा जाता है, जो पहले ही यौन अपराधों का शिकार हो चुकी होती हैं, सरकार का उद्देश्य उन्हें वहां सुरक्षित वातावरण देना होता है. लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार में अगर बालिका गृह भी सुरक्षित नहीं रहे और वही स्थान अपराध का केंद्र बन जाए तो यह अत्यंत शर्मनाक और चिंताजनक स्थिति है.

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अब राज्य में रक्षक ही भक्षक बन गए हैं. यौन शोषण की इस घटना को गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि बालिका गृह में बच्चियों पर अधिकारियों को खुश करने का दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने सवाल उठाया कि यह जानना जरूरी है कि ये अधिकारी कौन थे? ऐसे में पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच बेहद जरूरी है. इसकी जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए.

उन्होंने बताया कि बालिका गृह पर बाल कल्याण समिति, जिला कलेक्टर और कल्याण विभाग का नियंत्रण होता है. ऐसे में यह घटना सरकार की कार्यक्षमता और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़ा करती है. भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि तीन साल पहले राजधानी रांची के एक बाल गृह में भी इसी प्रकार का मामला सामने आया था, लेकिन राज्य सरकार ने इससे कोई सबक नहीं लिया.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना राज्य सरकार की बच्चों की सुरक्षा के प्रति उदासीनता को उजागर करती है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के दबाव के बाद ही तीन साल पहले झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग का गठन किया गया. इसके बावजूद, पिछले एक साल से आयोग के अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है, जो सरकार की लापरवाही को दर्शाता है.

भाजपा नेता अजय साह ने पलामू की घटना की तुलना बिहार के कुख्यात मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से करते हुए कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच और निष्पक्षके साथ साथ कठोर कार्रवाई हो.

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