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सरकारी स्कूलों के लिए 'मॉडल' है ये स्कूल, शिक्षकों के अथक प्रयास से राज्यभर में नाम

कोरोना काल में सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं, ऐसे में कई शिक्षक संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा दी जा रही है. सभी सरकारी स्कूलों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, लेकिन राजकीयकृत मध्य विद्यालय बरियातू के शिक्षक अपने प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी शिक्षा दे रहे हैं, जो काफी सराहनीय है.

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शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सम्मान
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Published : Sep 5, 2020, 5:13 AM IST

रांची: सरकारी स्कूलों को हमेशा ही उपेक्षा की नजरों से देखा जाता है, लेकिन राजधानी रांची के राजकीयकृत मध्य विद्यालय बरियातू में एक ऐसा सरकारी स्कूल है. जिसे देखकर निजी स्कूल चलाने वाले भी दंग रह जाएंगे. इस स्कूल में हर सुविधा मौजूद है, जो किसी बड़े निजी स्कूल में होता है. कोरोना काल में उत्पन्न विकट परिस्थितियों के बावजूद यहां के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने मिसाल पेश किया है. स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल नसीम अहमद की कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से आज इस क्षेत्र में इस स्कूल की अलग पहचान है. निजी स्कूलों की तर्ज पर यहां के शिक्षक दिन रात विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और ऑनलाइन पठन-पाठन को उन तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

अधिकतर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच रहा है ऑनलाइन मटेरियल
लॉकडाउन के कारण देश भर के तमाम शिक्षण संस्थान बंद है. निजी स्कूल, कई सरकारी स्कूल और विश्वविद्यालयों ने भी ऑनलाइन पठन-पाठन का ही सहारा लिया है, लेकिन कई सरकारी स्कूलों के लिए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने में काफी परेशानी हो रही है, क्योंकि अधिकतर अभिभावक के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है, जिससे वह अपने बच्चों को ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए मुहैया करा सके. शिक्षा विभाग के ओर से भी लाख प्रयास किया गया, लेकिन शत-प्रतिशत सरकारी स्कूलों के बच्चो तक ऑनलाइन पठन-पाठन मुहैया कराने में सफलता हासिल नहीं हुई. बच्चों को पढ़ाने के लिए दूरदर्शन की भी मदद ली गई. इसके बावजूद कोई ज्यादा लाभ नही मिला. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्रबंधकों का अपना रोना होता है. इस वजह से विद्यार्थी ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित हो रहे है .


जीएमएस स्कूल के प्राचार्य की बेहतरीन योजना
राजकीयकृत मध्य विद्यालय बरियातू में कक्षा 1 से लेकर 8 तक के तमाम विद्यार्थियों को ऑनलाइन पठन-पाठन की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. इस स्कूल में प्रत्येक दिन प्रिंसिपल के साथ-साथ कुछ चुनिंदा शिक्षक स्कूल पहुंचते हैं और सभी विद्यार्थियों तक ऑनलाइन पठन-पाठन की सुविधा पहुंचाने को लेकर अलग अलग प्लानिंग करते हैं. जिस क्षेत्र में इनके विद्यार्थी हैं. उस क्षेत्र तक मोहल्ला में योजना बनाकर एंड्राइड मोबाइल मुहैया कराया जाता है और बच्चों तक समय सीमा निर्धारित करते हुए पढ़ाई कराई जाती है. इसके अलावा राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से शुरू किए गए डीजी साथ ऐप का भी उपयोग इस स्कूल ने बेहतर तरीके से किया है. अपने स्कूल के नाम के साथ डीजी साथ ऐप को इस स्कूल प्रबंधक ने जोड़ लिया है और उसी के जरिए हर विद्यार्थी तक नोट्स पहुंचाया जा रहा है. अपने हर एक विद्यार्थी का कांटेक्ट नंबर के अलावा पूरी जानकारी स्कूल प्रबंधक के पास है और उनसे समय-समय पर फीडबैक भी लिया जा रहा है. पहले से ही इस स्कूल में एक कंप्यूटर लैब है और इस कंप्यूटर लैब का भी इस कोरोना काल के दौरान फायदा उठाया जा रहा है. खुद प्रिंसिपल बाइक लेकर कई क्षेत्रों का भ्रमण करते हैं और बच्चों तक पहुंचते हैं. इसके अलावा शिक्षा विभाग के ओर से संचालित दूरदर्शन के माध्यम से पठन-पाठन का लाभ भी यह स्कूल योजनाबद्ध तरीके से उठा रहा है. यह स्कूल शहरी क्षेत्र में होने के कारण स्कूल के विद्यार्थियों को दूरदर्शन का लाभ आसानी से मिल जा रहा है और इसका फायदा स्कूल प्रबंधक भी उठा रहे हैं.

अन्य सरकारी स्कूल व्यवस्था का लाभ लेने में नहीं है सक्षम
राजधानी रांची में कई सरकारी स्कूल हैं, जिनके बच्चे ऑनलाइन पठन पाठन या दूरदर्शन के माध्यम से पठन-पाठन का लाभ नहीं उठा पाते हैं, लेकिन राजकीयकृत मध्य विद्यालय बरियातू के विद्यार्थी प्रत्येक दिन समय पर दूरदर्शन में चलाए जा रहे पठन-पाठन का भी लाभ उठा रहे हैं. स्कूल के प्रिंसिपल नसीम अहमद इन विद्यार्थियों को प्रेरित करते रहे हैं और मॉनिटरिंग के साथ-साथ फीडबैक भी लेते हैं. प्रिंसिपल सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अभिभावकों को भी समय निर्धारित कर स्कूल बुलाते हैं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई तरह के टिप्स भी देते हैं.

इसे भी पढे़ं:- भूखे रहकर शिक्षक दिवस मनाना बेमानी, शिक्षक दिवस के दिन ही राजधानी के शिक्षक देंगे धरना


समय का किया गया सदुपयोग
प्रिंसिपल नसीम अहमद ने स्कूल की बेहतरी के लिए इस समय का सदुपयोग भी बेहतरीन तरीके से किया है. स्कूल में रंग रोगन, साफ सफाई और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम भी इस 5 महीने के अंदर कंप्लीट हो गया है. स्कूल कैंपस में बागवानी, फूल पौधे लगाने से लेकर स्वच्छता का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है, ताकि जब स्कूल खुलेगा तब बच्चों को अपना स्कूल स्वच्छ बेहतर और सुंदर ढंग से मिलेगा. जीएसएम स्कूल के प्रिंसिपल नसीम अहमद का यह प्रयास वाकई में सराहनीय है. इस विकट परिस्थिति में भी इस शिक्षक ने गुरु होने का धर्म बखूबी निभाया है और आज शिक्षक दिवस के दिन ईटीवी भारत ने भी ऐसे शिक्षकों को सलाम करता है.

रांची: सरकारी स्कूलों को हमेशा ही उपेक्षा की नजरों से देखा जाता है, लेकिन राजधानी रांची के राजकीयकृत मध्य विद्यालय बरियातू में एक ऐसा सरकारी स्कूल है. जिसे देखकर निजी स्कूल चलाने वाले भी दंग रह जाएंगे. इस स्कूल में हर सुविधा मौजूद है, जो किसी बड़े निजी स्कूल में होता है. कोरोना काल में उत्पन्न विकट परिस्थितियों के बावजूद यहां के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने मिसाल पेश किया है. स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल नसीम अहमद की कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से आज इस क्षेत्र में इस स्कूल की अलग पहचान है. निजी स्कूलों की तर्ज पर यहां के शिक्षक दिन रात विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और ऑनलाइन पठन-पाठन को उन तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

अधिकतर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच रहा है ऑनलाइन मटेरियल
लॉकडाउन के कारण देश भर के तमाम शिक्षण संस्थान बंद है. निजी स्कूल, कई सरकारी स्कूल और विश्वविद्यालयों ने भी ऑनलाइन पठन-पाठन का ही सहारा लिया है, लेकिन कई सरकारी स्कूलों के लिए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने में काफी परेशानी हो रही है, क्योंकि अधिकतर अभिभावक के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है, जिससे वह अपने बच्चों को ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए मुहैया करा सके. शिक्षा विभाग के ओर से भी लाख प्रयास किया गया, लेकिन शत-प्रतिशत सरकारी स्कूलों के बच्चो तक ऑनलाइन पठन-पाठन मुहैया कराने में सफलता हासिल नहीं हुई. बच्चों को पढ़ाने के लिए दूरदर्शन की भी मदद ली गई. इसके बावजूद कोई ज्यादा लाभ नही मिला. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्रबंधकों का अपना रोना होता है. इस वजह से विद्यार्थी ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित हो रहे है .


जीएमएस स्कूल के प्राचार्य की बेहतरीन योजना
राजकीयकृत मध्य विद्यालय बरियातू में कक्षा 1 से लेकर 8 तक के तमाम विद्यार्थियों को ऑनलाइन पठन-पाठन की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. इस स्कूल में प्रत्येक दिन प्रिंसिपल के साथ-साथ कुछ चुनिंदा शिक्षक स्कूल पहुंचते हैं और सभी विद्यार्थियों तक ऑनलाइन पठन-पाठन की सुविधा पहुंचाने को लेकर अलग अलग प्लानिंग करते हैं. जिस क्षेत्र में इनके विद्यार्थी हैं. उस क्षेत्र तक मोहल्ला में योजना बनाकर एंड्राइड मोबाइल मुहैया कराया जाता है और बच्चों तक समय सीमा निर्धारित करते हुए पढ़ाई कराई जाती है. इसके अलावा राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से शुरू किए गए डीजी साथ ऐप का भी उपयोग इस स्कूल ने बेहतर तरीके से किया है. अपने स्कूल के नाम के साथ डीजी साथ ऐप को इस स्कूल प्रबंधक ने जोड़ लिया है और उसी के जरिए हर विद्यार्थी तक नोट्स पहुंचाया जा रहा है. अपने हर एक विद्यार्थी का कांटेक्ट नंबर के अलावा पूरी जानकारी स्कूल प्रबंधक के पास है और उनसे समय-समय पर फीडबैक भी लिया जा रहा है. पहले से ही इस स्कूल में एक कंप्यूटर लैब है और इस कंप्यूटर लैब का भी इस कोरोना काल के दौरान फायदा उठाया जा रहा है. खुद प्रिंसिपल बाइक लेकर कई क्षेत्रों का भ्रमण करते हैं और बच्चों तक पहुंचते हैं. इसके अलावा शिक्षा विभाग के ओर से संचालित दूरदर्शन के माध्यम से पठन-पाठन का लाभ भी यह स्कूल योजनाबद्ध तरीके से उठा रहा है. यह स्कूल शहरी क्षेत्र में होने के कारण स्कूल के विद्यार्थियों को दूरदर्शन का लाभ आसानी से मिल जा रहा है और इसका फायदा स्कूल प्रबंधक भी उठा रहे हैं.

अन्य सरकारी स्कूल व्यवस्था का लाभ लेने में नहीं है सक्षम
राजधानी रांची में कई सरकारी स्कूल हैं, जिनके बच्चे ऑनलाइन पठन पाठन या दूरदर्शन के माध्यम से पठन-पाठन का लाभ नहीं उठा पाते हैं, लेकिन राजकीयकृत मध्य विद्यालय बरियातू के विद्यार्थी प्रत्येक दिन समय पर दूरदर्शन में चलाए जा रहे पठन-पाठन का भी लाभ उठा रहे हैं. स्कूल के प्रिंसिपल नसीम अहमद इन विद्यार्थियों को प्रेरित करते रहे हैं और मॉनिटरिंग के साथ-साथ फीडबैक भी लेते हैं. प्रिंसिपल सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अभिभावकों को भी समय निर्धारित कर स्कूल बुलाते हैं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई तरह के टिप्स भी देते हैं.

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समय का किया गया सदुपयोग
प्रिंसिपल नसीम अहमद ने स्कूल की बेहतरी के लिए इस समय का सदुपयोग भी बेहतरीन तरीके से किया है. स्कूल में रंग रोगन, साफ सफाई और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम भी इस 5 महीने के अंदर कंप्लीट हो गया है. स्कूल कैंपस में बागवानी, फूल पौधे लगाने से लेकर स्वच्छता का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है, ताकि जब स्कूल खुलेगा तब बच्चों को अपना स्कूल स्वच्छ बेहतर और सुंदर ढंग से मिलेगा. जीएसएम स्कूल के प्रिंसिपल नसीम अहमद का यह प्रयास वाकई में सराहनीय है. इस विकट परिस्थिति में भी इस शिक्षक ने गुरु होने का धर्म बखूबी निभाया है और आज शिक्षक दिवस के दिन ईटीवी भारत ने भी ऐसे शिक्षकों को सलाम करता है.

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